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    31.03.2023 : नौवहन महानिदेशालय द्वारा आयोजित मर्चेंट नेवी वीक – २०२३ का उद्घाटन, राज भवन, मुंबई

    प्रकाशित तारीख: March 31, 2023

    नौवहन महानिदेशालय द्वारा आयोजित मर्चेंट नेवी वीक – २०२३ का उद्घाटन, राज भवन, मुंबई

    श्री अमिताभ कुमार, आईआरएस, नौवहन महानिदेशक और भारत सरकार के अपर सचिव

    नौवहन उद्योग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी

    जहाज मालिक संघ के प्रतिनिधि

    मल्लाह संघ के प्रतिनिधि

    मुझे मर्चेंट नेवी सप्ताह के उद्घाटन और ६० वे राष्ट्रीय समुद्री दिवस समारोह के साथ जुड़कर खुशी हो रही है।

    मै ऐसे प्रदेश से आता हुं जहा पहाड है, नदिया है, गढ है, लेकीन समुद्र नही है।

    यहां मेरा आवास लगभग समुद्र के मध्य में है। इस अर्थ से मै भी नेशनल मरीटाईम दिन से जुडा हुं।

    देश की प्रगति और आर्थिक विकास में उत्कृष्ट योगदान के लिए मैं भारत की समुद्री बिरादरी की सराहना करता हूं।

    भारत एक समुद्री देश है जिसकी समृद्ध परंपराएं हड़प्पा और मोहनजोदड़ो सभ्यता से जुड़ी हैं। आजका यह दिन देश और इसके मर्चेंट मरीन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भारत की मर्चेंट नेवी के उदय का प्रतीक है और इसके शिपिंग उद्योग की उद्यमशीलता की भावना को उजागर करता है।

    COVID 19 महामारी के प्रकोप के बाद से दुनिया कुछ अशांत वर्षों में से गुजर रही है। रशिया – युक्रेन युद्ध थमने का निशान नही है। इसके परिणाम सुदूर क्षेत्र में हो सकते है।

    आज से शुरू हो रहे इस साल के मर्चेंट नेवी वीक की थीम ‘शिपिंग जगत में अमृत काल’ रखी गयी है, जो अत्यंत प्रासंगिक है।

    दुनिया के अनेक देश, श्रीलंका, पाकिस्तान व अन्य आर्थिक संकटों का सामना करते नजर आते है। सौभाग्य से प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारतीय अर्थव्यवस्था अपने मजबूत मूल सिद्धांतों के बल पर, विकास के तेज ट्रैक पर दौड रही है।

    मुझे विश्वास है कि समुद्री उद्योग हमारी अर्थव्यवस्था में और अधिक सकारात्मक बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

    विश्व का लगभग 90% व्यापार अंतर्राष्ट्रीय शिपिंग उद्योग द्वारा किया जाता है। आज शिपिंग को सही मायने में राष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाओं के लिए विकास का इंजन माना जाता है।

    पिछली शताब्दी के दौरान नौवहन उद्योग ने कुल व्यापार मात्रा में वृद्धि की सामान्य प्रवृत्ति देखी है।

    समुद्री यात्रा नौवहन की रीढ़ है और यह गर्व की बात है कि यद्यपि भारतीय टन भार विश्व टन भार का बहुत छोटा अंश है, फिर भी भारत वैश्विक नौवहन को 12% से अधिक नाविकों की आपूर्ति करता है।

    यह बेहद संतोष की बात है कि भारतीय नाविकों ने अत्यधिक कुशल और कुशल पेशेवरों के रूप में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है – एक ऐसा तथ्य जो दुनिया भर में भारतीय नाविकों की उच्च मांग में परिलक्षित होता है।

    भारतीय नाविकों का एक अन्य महत्वपूर्ण गुण विभिन्न जातियों, भाषाई और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के लोगों के साथ सह-अस्तित्व और समायोजन करने की उनकी क्षमता है।

    इन सभी फायदों को देखते हुए भारत नाविकों के लिए वैश्विक रोजगार बाजार में अपनी हिस्सेदारी आसानी से बढ़ा सकता है। शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए हमे भारतीय समुद्री विश्वविद्यालय निर्माण करने होगे तथा मौजूद शिक्षा संस्थान मजबूत करने होगे।

    भारत के नाविकों की कुल संख्या लगभग 5.61 लाख हो सकती है, लेकिन यह निश्चित रूप से हमारी 1.30 बिलियन से अधिक की आबादी के अनुरूप नहीं है। हमें समुद्र में करियर विकल्प के रूप में आने के लिए युवाओं को आकर्षित करने की आवश्यकता है जिसके लिए हमें और अधिक प्रशिक्षण संस्थान स्थापित करने की आवश्यकता है।

    मुंबई में कार्गो और यात्रियों दोनों के लिए समुद्री जल परिवहन बडे पैमाने पर शुरू करने की संभावना तलाशने की जरूरत है। मुंबई के पश्चिमी और पूर्वी दोनों समुद्र तटों पर यात्रियों के परिवहन की आवश्यकता है। यह हमारे नागरिकों के लिए परिवहन का एक बहुत ही आवश्यक तरीका प्रदान करेगा। समुद्र के किनारे रहने वाले व्यक्ति के रूप में, मुझे लगता है कि मुंबई समुद्र अपनी क्षमता की तुलना में बहुत कम उपयोग में है।

    अपना वक्तव्य समाप्त करने से पहले, मैं नौवहन उद्योग, उद्योग के कप्तानों, नौवहन निदेशालय, नाविकों के संगठनों, जहाज मालिकों और हमारे सभी नाविकों की सराहना करना चाहता हूं जो खुले समुद्र में जहाजों को साहस और समर्पण के साथ चलाते हैं।

    मुझे यह जानकर खुशी हो रही है कि राष्ट्रीय समुद्री दिवस समारोह समिति समुद्री सप्ताह मनाने और पूरे देश में हर साल 5 अप्रैल को राष्ट्रीय समुद्री दिवस के रूप में मनाने में उपयोगी कार्य कर रही है। एक बार फिर मैं भारत की समुद्री बिरादरी को अपनी हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं।

    जय हिंद। जय महाराष्ट्र।।