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    30.07.2023 : भारतीय डाक सेवा बैच 2020-2021 के परिवीक्षाधीन अधिकारियों की शिष्टाचार भेंट के अवसर पर महाराष्ट्र के माननीय राज्यपाल श्री रमेश बैस का संबोधन

    प्रकाशित तारीख: July 30, 2023

    भारतीय डाक सेवा बैच 2020-2021 के परिवीक्षाधीन अधिकारियों की शिष्टाचार भेंट के अवसर पर महाराष्ट्र के माननीय राज्यपाल श्री रमेश बैस का संबोधन, स्थल : राजभवन, मुंबई

    डाक विभाग के वरिष्ठ अधिकारी

    2020-2021 बैच के भारतीय डाक सेवा के प्रोबेशनरी अधिकारी

    सबसे पहले मैं आप सभी का महाराष्ट्र राजभवन में हार्दिक स्वागत करता हूं।

    आप सभी को संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित प्रतिष्ठित प्रतियोगी परीक्षा उत्तीर्ण करने और एक प्रमुख सेवा में चयनित होने के लिए बधाई देता हूँ।

    आप जिस इंडक्शन ट्रेनिंग से गुजर रहे हैं उसे आप अपने करियर के सबसे यादगार चरण के रूप में याद रखेंगे।

    जिस तरह का एक्सपोज़र आपको अपनी व्यक्तिगत बातचीत और विशेषज्ञों की बातचीत से मिलता है, वह आपको सैकड़ों किताबें पढ़कर भी नहीं मिल सकता है।

    मुझे विश्वास है कि प्रशिक्षण के दौरान आपको जो ज्ञान और कुशल प्रशासन के प्रति मार्गदर्शन प्राप्त होगा, वह आपको अपने कर्तव्यों का अधिक प्रभावी ढंग से निर्वहन करने में सक्षम बनाएगा।

    सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इन ट्रेनिंग वर्षों के दौरान आपने मित्रता और भाईचारे के जो बंधन बनाए हैं, उन्हें आप जीवन भर संजोकर रखेंगे।

    आप में से हर कोई अलग-अलग सामाजिक-आर्थिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक पृष्ठभूमि से आता है। इस सेवा में चयन आपको ‘भारतीय’ की बड़ी छतरी के नीचे एक साथ लाता है। यही भारत की खूबसूरती है – अनेकता में एकता।

    आज इस 16 अफसरो के बैच में केवल दो महिला अधिकारी हैं। मैं सिविल सर्विस में, और पोस्टल सेवा में भी और अधिक महिला अधिकारियों को शामिल होते देखना चाहता हूं।

    इस साल सिविल सर्विसेज की पहली 4 टॉपर महिलाएं हैं। इसलिए हम निश्चित रूप से आने वाले वर्षों में अधिक महिलाओं के सिविल सेवाओं में शामिल होने की उम्मीद कर सकते हैं।

    प्रिय मित्रों,

    आप सबसे चुनौतीपूर्ण समय में भारतीय डाक सेवा में प्रवेश कर रहे हैं। जब हम पोस्ट की बात करते हैं तो दो अलग-अलग युग दिखाई देते हैं। उदारीकरण से पहले का युग और उदारीकरण के बाद का युग।

    भारत का डाक विभाग लगभग 160 वर्षों से देश की सेवा कर रहा है। देश में स्वतंत्रता के समय 23,344 डाकघर थे, जो मुख्य रूप से शहरी क्षेत्रों में थे। आज 154000 डाकघर हैं। औसतन, एक डाकघर 21.22 वर्ग किमी क्षेत्र और 8221 लोगों की आबादी को सेवा प्रदान करता है।

    पिछले कुछ दशकों के दौरान डाक एवं दूरसंचार विभाग की भूमिका में महत्वपूर्ण बदलाव आया है।

    डाक सेवाओं के साथ बैंकिंग और बीमा सेवाओं के एकीकरण ने डाक विभाग को कार्य का एक नया क्षेत्र दिया है। लोगों के विश्वास और ग्रामीण क्षेत्रों में गहरी पैठ के कारण पोस्ट विभाग को एक अनूठा लाभ मिलता है।

    मेरा मानना है कि डाक विभाग वित्तीय समावेशन और लोगों को सशक्त बनाने में और भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

    प्रिय अधिकारियों,

    भारत बदल रहा है। दुनिया की नजरों में भारत के प्रति धारणा में उल्लेखनीय बदलाव आया है। भारत की आवाज़ को बहुत ध्यान और सम्मान के साथ सुना जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने विश्वास जताया है कि भारत कुछ ही वर्षो में दुनिया की तीसरी सबसे बडी अर्थव्यवस्था बनेगा। विभाग को विश्व की टोप तीन आर्थिक व्यवस्था में आने की तैयारी शुरू कर देनी चाहिये। हमें लोगों की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए और अधिक सजग रहना होगा।

    डाक विभाग के पास देश भर में प्रमुख स्थान पार भूखंड है तथा विभिन्न जगहों पर डाक बंगले हैं। रिक्त स्थान का लाभप्रद उपयोग करने से विभाग को वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर बनने में मदद मिल सकती है।

    दुनिया भर में सिविल सेवाएँ अधिक कुशल, अधिक जनता के अनुकूल और अधिक प्रोफेशनल होती जा रही हैं।

    मैं आपसे अपील करूंगा कि आप साधारण लोगों के लिए उपलब्ध रहें, उन्हे सुने, सीखने के लिए तत्पर रहें, प्रौद्योगिकी के प्रति ग्रहणशील रहें और असाधारण काम करें।

    एक बार फिर मैं आपको सार्वजनिक सेवा के करियर में प्रवेश करने के लिए हार्दिक बधाई देता हूं।

    मैं राष्ट्र की सेवा में आपके सुखद और फलदायी करियर की कामना करता हूं।

    धन्यवाद