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    30.03.2024 : नौवहन महानिदेशालय द्वारा आयोजित मर्चेंट नेवी वीक-2024 का उद्घाटन

    प्रकाशित तारीख: March 30, 2024

    नौवहन महानिदेशालय द्वारा आयोजित मर्चेंट नेवी वीक-2024 का उद्घाटन, राज भवन, मुंबई, दोपहर 3.30 बजे, दिनांक 30 मार्च 2024

    श्री श्याम जगन्नाथन, नौवहन, महानिदेशक

    कैप्टन बी के त्यागी अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया

    श्री अतुल उबाले, अध्यक्ष, नेशनल मेरीटाईम डे सेलिब्रेशन कमिटी

    नौवहन उद्योग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी

    जहाज मालिक संघ के प्रतिनिधि

    मल्लाह संघ के प्रतिनिधि

    मुझे मर्चेंट नेवी सप्ताह के उद्घाटन और 61 वें राष्ट्रीय समुद्री दिवस समारोह के साथ जुड़कर खुशी हो रही है।

    मानव सभ्यता का इतिहास हमें बताता है कि जिन राष्ट्रों ने समुद्र पर विजय प्राप्त की, वे ही वैश्विक आर्थिक शक्तियां बनते हैं।

    भारत प्राचीन काल से ही एक समुद्री राष्ट्र रहा है, जिसका दुनिया के विभिन्न महाद्वीपों और देशों से व्यापारिक संबंध रहा है।

    हमारी समृद्ध परंपराएं हड़प्पा और मोहनजोदड़ो सभ्यता से जुड़ी हैं।

    औपनिवेशिक काल के दौरान, भारत के जहाज निर्माण, समुद्री और व्यापार क्षेत्र पर बहुत सारे प्रतिबंध लगाए गए, जिसके परिणामस्वरूप देश गरीब हो गया।

    वर्ष 1919 में मुंबई से लंदन तक पहले भारतीय जहाज ‘एस एस लायल्टी’ की यात्रा के बाद हमने पीछे मुड़कर नहीं देखा।

    भारत को दुनिया की शीर्ष 5 अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनाने में समुद्री क्षेत्र ने सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मुझे विश्वास है कि, विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में भी आप सबसे आगे रहेंगे। मैं इस योगदान के लिए आप सभी को बधाई देता हूं।

    COVID 19 महामारी के प्रकोप के बाद से दुनिया कुछ अशांत वर्षों में से गुजर रही है। रशिया, युक्रेन, इजरायल में हो रहे युद्ध के परिणाम हमारे द्वार तक पहुच सकते है। यमनी विद्रोही रेड सी में जहाजों पर हमला कर रहे हैं।

    आज से शुरू हो रहे इस साल के मर्चेंट नेवी वीक की थीम ‘सस्टेनेबल शिपिंग : चुनौतियाँ और अवसर’ रखी गयी है, जो अत्यंत प्रासंगिक है।

    विश्व का लगभग 90% व्यापार अंतर्राष्ट्रीय शिपिंग उद्योग द्वारा किया जाता है। आज शिपिंग को सही मायने में राष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाओं के लिए विकास का इंजन माना जाता है।

    भारत को वैश्विक व्यापार का प्रमुख केंद्र बनाने के लिए भारत अपनी समुद्री ताकत बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।

    हमारे मजबूत लोकतंत्र और व्यापार करने में आसानी के कारण कई देश भारत के साथ व्यापार और व्यावसायिक संबंधों को बढ़ावा देने के इच्छुक हैं।

    दुनिया वैश्विक व्यापार में भारत की क्षमता और स्थिति को पहचान रही है |

    मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे से देश की तटीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देकर विकसित भारत के निर्माण को और मजबूत करने की उम्मीद है।

    आशा है कि अंतरराष्ट्रीय जहाज मरम्मत सुविधा कोच्चि को एशिया के सबसे बड़े जहाज मरम्मत केंद्र में बदल देगी।

    हमें यात्री जहाज़ों को बढ़ावा देने के लिए ठोस प्रयास करने चाहिए। मुंबई के लोगों के लिए समुद्री रास्ते से चेन्नई और कोच्चि जाना संभव होना चाहिए। यात्री यातायात एक ऐसा क्षेत्र है जिसका और अधिक दोहन करने की आवश्यकता है।

    यह बेहद संतोष की बात है कि भारतीय नाविकों ने अत्यधिक कुशल प्रोफेशनल्स के रूप में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है – एक ऐसा तथ्य जो दुनिया भर में भारतीय नाविकों की उच्च मांग में परिलक्षित होता है।

    राज्य विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के रूप में, मुझे लगता है कि समुद्री शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थानों और पारंपरिक विश्वविद्यालयों के बीच अधिक आदान-प्रदान होना चाहिए।

    आपके संस्थानों और हमारे विश्वविद्यालयों के बीच नियमित इंटरफ़ेस होना चाहिए। इससे छात्रों को समुद्री क्षेत्र में करियर के अवसरों के बारे में जानकारी मिलेगी।

    अपना वक्तव्य समाप्त करने से पहले, मैं नौवहन उद्योग, उद्योग के कप्तानों, नौवहन निदेशालय, नाविकों के संगठनों, जहाज मालिकों और हमारे सभी नाविकों की सराहना करता हूं जो खुले समुद्र में जहाजों को साहस और समर्पण के साथ चलाते हैं। एक बार फिर मैं भारत की समुद्री बिरादरी को अपनी हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं।

    जय हिंद। जय महाराष्ट्र।।