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    28.03.2023 : डॉ. डी. वाई. पाटिल विश्वविद्यालय का 17 वां दीक्षांत समारोह, नवी मुंबई

    प्रकाशित तारीख: March 28, 2023

    डॉ. डी. वाई. पाटिल विश्वविद्यालय का 17 वां दीक्षांत समारोह, नवी मुंबई

    सम्मानित श्री एकनाथ शिंदे जी, मुख्यमंत्री, महाराष्ट्र राज्य

    पद्मश्री डॉ. डी. वाई. पाटिल जी, पूर्व राज्यपाल तथा संस्थापक, डॉ. डी. वाई. पाटिल विश्वविद्यालय

    डॉ. विजय पाटिल, कुलाधिपति, डॉ. डी. वाई. पाटिल विश्वविद्यालय

    श्री विजय दर्डा जी, अध्यक्ष, लोकमत मीडिया समूह

    अन्य गणमान्य अतिथि, अभिभावक और स्नातक छात्र -छात्राएं

    आज डॉ डी. वाई. पाटील विश्वविद्यालय इस गतिशील, विकासशील, प्रगतिशील विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में सम्मिलित होकर काफी हर्ष का अनुभव हो रहा है।

    सर्व प्रथम दीक्षांत समारोह में डिग्री, डिप्लोमा, पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री, पीएच. डी. फेलोशिप प्राप्त कर रहे सभी स्नातक छात्र छात्राओं का तथा गोल्ड मेडल्स प्राप्त करने वाले छात्र छात्राओं का हार्दिक अभिनंदन करता हूँ और बधाई देता हूँ ।

    दीक्षांत समारोह में महाराष्ट्र प्रदेश के सम्मानित मुख्यमंत्री श्री एकनाथ शिंदे जी का डी. लिट. उपाधि मिलने पर हार्दिक अभिनंदन करता हूँ ।

    लोकमत मीडिया समूह के अध्यक्ष, पूर्व राज्यसभा सांसद और हमारे मित्र श्री विजय दर्डा जी को भी इस दीक्षांत समारोह में मानद डी. लिट. की उपाधि दी गई। इस ख़ुशी के अवसर पर मै श्री विजय दर्डा जी का हृदय से अभिनंदन करता हूँ।

    दीक्षांत समारोह छात्रों के लिए विशेष दिन होता है। इस दिन का इन्तजार करते है। डीग्री लेते समय चेहरे की मुस्कुराहट व खुशी देखते बनती है। आज के बाद आप नये जीवन में कदम रखेगें और अपना भविष्य तय करेंगे।

    प्यारे विद्यार्थियो, आप अपने जीवन के एक चरण में विशेष रूप से सुशिक्षित होकर भावी जीवन की हरी-भरी, मुस्कराती वाटिका की ओर बढ़ रहे हो। गुरुओं के साथ मेरा भी सुभाशीर्वाद आप सबके साथ है।

    आपको अपने व्यक्तित्व को निखार कर अपने परिवार, विश्वविद्यालय और राष्ट्र के मस्तक पर सफलता का स्वर्णिम तिलक लगाना है।

    इस विद्यापीठ की स्थापना 2003 में शिक्षा के माध्यम से प्रबुद्ध, सुसंस्कृत और आर्थिक दृष्टी से गतिशील समाज का निर्माण करने के उद्देश्य से की गई थी।

    डॉ. पी. डी. पाटिल और उनकी समर्पित शिक्षकों की टीम ने पिछले बीस वर्षों में इस संस्था के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। मैं आप सभी को विश्वविद्यालय की प्रगति के लिए बधाई देता हूं।

    मुझे अती प्रसन्नता है की डी. वाई. पाटिल विश्वविद्यालय के सतत बढ़ते कदम शिक्षा जगत के लिए नया इतिहास बना रहे हैं।

    विश्वविद्यालय के सभी संकायों में स्नातक, स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट तक की शिक्षा, विद्यार्थियों को शिक्षा के शिखर तक पहुँचने का सुअवसर मिल रहा है।

    लगातार अकादमिक उत्कृष्टता के प्रयास स्वरूप विश्वविद्यालय को NAAC द्वारा A++ ग्रेड देकर उच्च शिक्षा जगत में गरिमामय स्थान मिला है।

    हर्ष का विषय है कि विश्वविद्यालय ने चिकित्सा के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर अपना सम्मानित स्थान बना लिया है। इसमें सिमुलेशन लैब विशेष रूप से उल्लेखनीय है। प्रयोगशाला के इस नवीन और विशेष उपयोगी उपकरण के साथ बातचीत करते हुए चिकित्सा संचालित करना सरल होता है। इस प्रकार जटिल से जटिल रोगों का निदान सफलता से करना संभव है।

    चिकित्सा क्षेत्र में विशेष उल्लेखनीय यह है कि विश्वविद्यालय का मेयो क्लिनिक USA के साथ चिकित्सा समझौता, छात्रों को वैश्विक स्तर की क्षमता प्रदान कर रहा है।

    यह हर्ष का विषय है कि ये छात्र विश्व के किसी भी देश में अपना कार्य क्षेत्र बना कर मानव को स्वस्थ रहने का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं।

    आज बाल रोगियों और वयस्क रोगियों के सुव्यवस्थित चिकित्सा की अत्यंत आवश्यकता है।

    इसे ध्यान में रखकर डी. वाई. पाटिल अस्पताल में नई कैथ लैब की आधुनिक सुविधाओं के साथ की गई व्यवस्था चिकित्सा – छात्रों को वैश्विक धरातल पर कार्य करने की क्षमता प्रदान कर रहा है।

    विश्वविद्यालय में ज्ञानार्जन के साथ मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के उपक्रम भी विशेष उल्लेखनीय हैं।

    विश्वविद्यालय ‘तेंदुलकर मिडिलसेक्स ग्लोबल अकादमी’ से जुड़कर खेल प्रशिक्षण के कार्यक्रम में गतिशील है।

    इससे विद्यार्थी – खिलाडियों को विश्व स्तरीय प्रशिक्षण मिलता है।

    विश्वविद्यालय के स्टेडियम में आईपीएल और फीफा – अंडर सेवंटीन महिला कप आदि कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेलों की मेजबानी इसकी गौरव गाथा बन गई है।

    विश्वविद्यालय खेल जगत में वैश्विक स्तर पर भूमिका निभाने के लिए प्रयत्नशील है।

    विश्वविद्यालय परिसर की श्रेष्ठता और अनुकूलता में विभिन्न खेल – प्रतियोगिताओं के आयोजन से विद्यार्थियों में खेल के प्रति विशेष अभिरुचि जग जाना स्वाभावीक है। निश्चय ही स्वस्थ शरीर व स्वस्थ मन से सफलता मिलती है।

    वर्तमान युग की नवीन शैक्षणिक दिशाओं की आवश्यकता को दृष्टिगत कर विभिन्न स्कूलों के संचालन से विश्वविद्यालय आकर्षण का केंद्र बनना सराहनीय है। यहाँ के स्कूल ऑफ मैनेजमेंट, मेडिसिन, डेंटीस्ट्री, नर्सिंग, फिजियोथेरेपी, बायोटेक्नोलॉजी, लॉ और हास्पिटैलिटी आदि विद्यार्थियों के लिए दिग्दर्शक आधार बन गए हैं।

    प्राचीन भारत विश्व स्तरीय शिक्षा के लिए जाना जाता था। हमारे नालंदा, तक्षशिला, विक्रमशिला, वल्लभी, ओदंतपुरी और सोमपुरा जैसे प्रसिद्ध विश्वविद्यालय थे जहां हजारो वर्ष तक दुनिया के हर कोने से लोग शिक्षा के लिये आते थे। क्या हम फिर एक बार हमारे उच्च शिक्षा संस्थान उन उंचाईयों पर ले जा सकते है, इसपर हमें चिंतन करना चाहिये।

    अंत में मैं शिक्षा के दिग्दर्शक क्षेत्र के अनुप्रेरक और पावन दीक्षांत समारोह पर समस्त उपाधि धारियों को बधाई देता हूँ। सुंदर लक्ष्य – निर्धारण, सतत गतिशील रहकर सफलता प्राप्त करने के लिए शुभकामनाएँ और आशीर्वाद देता हूँ। मेरा विश्वास है की आप सब सतत परिश्रम करके त्याग और तपस्या की प्रतिमूर्ति इस संस्था के संस्थापक पद्मश्री श्रद्धेय डॉ. डी. वाई. पाटिल के विचारों को साकार करने की सक्रिय भूमिका निभाएँगे।

    कामना है आपके सद्प्रयासों से आपका व्यक्तित्व निखरे, परिवार खिले, विश्वविद्यालय और राष्ट्र के पन्नों में आपका नाम प्रतिबिंबित हो जाए।

    मैं पुनः सभी स्नातक छात्र – छात्राओं का हार्दिक अभिनंदन करता हूँ और राष्ट्र निर्माण कार्य में अपना योगदान देने का आवाहन करता हूँ ।

    सभी को नववर्ष की शुभाकांक्षाएँ देता हुआ विश्वविद्यालय के मंगल भविष्य की कामना करता हूँ।

    जय हिंद ! जय महाराष्ट्र !