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    27.07.2023 : पीएच.डी. से सम्मानित अंजुमन-ई-इस्लाम के मेधावी अध्यापकों का सम्मान समारोह

    प्रकाशित तारीख: July 27, 2023

    पीएच.डी. से सम्मानित अंजुमन-ई-इस्लाम के मेधावी अध्यापकों का सम्मान समारोह स्थान: अंजुमन-ई-इस्लाम का सैफ तैयबजी गर्ल्स हाईस्कूल और जूनियर कॉलेज ऑडिटोरियम, बेलासिस रोड, मुंबई सेंट्रल, मुंबई

    डॉ. ज़हीर काज़ी, अध्यक्ष, अंजुमन ई इस्लाम,

    डॉ. रवींद्र कुलकर्णी, कुलपती, मुंबई विश्वविद्यालय,

    अंजुमन व्यवस्थापन परिषद और जनरल काउंसिल सदस्य,

    विभिन्न अंजुमन और अन्य संस्थानों के प्राचार्य, प्रधानाचार्य तथा अध्यापक गण,

    आज के सभी सत्कार मूर्ती, पीएच.डी. के प्राप्तकर्ता अध्यापक

    सभी विशिष्ट आमंत्रित अतिथिगण,

    पूर्व शिक्षक, पूर्व छात्र,

    कर्मचारी,

    अभिभावक, छात्र,

    देवियो और सज्जनो,

    सबसे पहले मैं अंजुमन ई इस्लाम के अध्यक्ष डॉ. ज़हीर काजी को, पीएच.डी प्राप्त करने वाले विभिन्न अंजुमन संस्थानों के अध्यापक सदस्यों का अभिनंदन समारोह आयोजित करने के लिए धन्यवाद देता हूं।

    इस वर्ष अंजुमन ई इस्लाम शैक्षणिक संस्थान, अपने स्थापना के 150 वर्ष मना रहा है। ऐसे यादगार अवसर पर अध्यापकों का सम्मान होना संस्था के लिये और सभी अध्यापकों के लिये गर्व की बात है।

    मैं पीएचडी अर्जित करने वाले सभी अध्यापकों, छात्र – छात्राओं तथा मॅनेजमेंट के सदस्यों का हार्दिक अभिनंदन करता हूं।

    मैं उन सभी लोगों को भी धन्यवाद देता हूं जिनके सहयोग से ४७ अध्यापक को विभिन्न विश्वविद्यालयों से पीएचडी की उपाधि मिली है।

    बहनों और भाइयों,

    अंजुमन इस्लाम एक प्रखर राष्ट्रप्रेमी संस्थान है। अंजुमन और इसके संस्थापकों ने देश के स्वतंत्रता आंदोलन में अमूल्य योगदान दिया है।

    वर्षों से इसने राष्ट्र के सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक क्षेत्रों में अमूल्य योगदान दिया है। आज अंजुमन के पूर्व छात्र देश के हर कोने में अनुपम योगदान देकर संस्था का गौरव बढा रहे है। यह केवल अंजुमन के लिए ही नहीं, बल्कि मुंबई शहर और महाराष्ट्र राज्य के लिए गौरव की बात है।

    मैं अंजुमन-ए-इस्लाम को राष्ट्र निर्माण और विशेष रूप से शिक्षा, कौशल विकास और व्यावसायिक शिक्षा के माध्यम से मुस्लिम समाज के सशक्तिकरण में उनके विविध योगदान के लिए बधाई देता हूं।

    सन 1874 में संस्थापक नेताओं द्वारा लगाया गया अंजुमन इस्लाम का छोटा सा पौधा आज एक विशाल बरगद के पेड़ में विकसित हो गया है, जो पूरे महाराष्ट्र में लगभग 100 शैक्षणिक और सामाजिक सेवा संस्थानों का संचलन करता है।

    जैसा बताया गया है कि अंजुमन संस्थान इंजीनियरिंग, चिकित्सा, व्यवसाय प्रबंधन, वास्तुकला, फार्मेसी, होटल प्रबंधन और खानपान और कई अन्य विषयों की विस्तृत श्रृंखला को कवर करते हैं। उल्लेखनीय है कि अंजुमन प्रतिवर्ष लगभग एक लाख छात्रों के जीवन और करियर को आकार देता है। आप यहाँ केजी में एडमिशन लेकर पीएच.डी. लेकर बाहर आ सकते है।

    मुझे यह जानकर खुशी हुई कि पूर्व मुख्यमंत्री बॅरिस्टर ए आर अंतुले, फिल्म स्टार दिलीप कुमार, हॉलीवुड फिल्म निर्माता इस्माइल मर्चेंट, हास्य अभिनेता कादर खान, क्रिकेटर सलीम दुर्रानी और गुलाम पारकर अंजुमन के पूर्व छात्रों में से थे।

    अंजुमन-ए-इस्लाम के संस्थापक वास्तव में दूरदर्शी थे। उन्होंने अंजुमन के प्रारंभिक वर्षों में ही कौशल विकास और व्यावसायिक प्रशिक्षण के बारे में सोचा !

    अंजुमन निश्चित रूप से भाग्यशाली है कि आपके अध्यक्ष, प्रसिद्ध रेडियोलॉजिस्ट और शिक्षाविद् डॉ. ज़हीर काज़ी हैं। उनके मार्गदर्शन में, अंजुमन संस्था एमआईटी, हार्वर्ड, कैम्ब्रिज जैसे विश्व स्तरीय संस्थानों के साथ सहकारिता करने का प्रयास कर रही है।

    जानकर ख़ुशी हुई कि अंजुमन अपना एक इंटिग्रेटेड मेडिकल एजुकेशन कॉम्प्लेक्स, विज्ञान महाविद्यालय, महिला डिग्री कॉलेज, शिक्षक अकादमी और खेल अकादमी बनाने की योजना बना रहा है।

    मैं अंजुमन संस्थाओं को गौरवशाली भविष्य के पथ पर ले जाने के लिए अध्यक्ष डॉ काजी और अन्य परिषद सदस्यों को बधाई देता हूं।

    देवियों और सज्जनों,

    हम अपने राष्ट्र के इतिहास के एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़े हैं।

    भारत दुनिया के सबसे प्रभावशाली देशों में से एक के रूप में उभर रहा है।

    एक समय था जब अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की आवाज मुश्किल से ही सुनी जाती थी।

    आज, विश्व मंच पर भारत की आवाज सम्मान के साथ सुनी जाती है। दुनिया के अनेक देश भारत के साथ संबंध और भी मजबूत बनाना चाहते है।

    भारत दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाले देश के रूप में उभरा है।

    साथ ही हम विश्व के सबसे युवा राष्ट्र के रूप में उभरे हैं।

    यह लाभ हमें अगले कुछ दशकों तक मिलने वाला है।

    हमारे शैक्षणिक संस्थानों को उच्च शिक्षा, तकनीकी, व्यावसायिक और सॉफ्ट कौशल और मूल्यों के माध्यम से हमारे छात्रों और युवाओं को सशक्त बनाने में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी।

    आज उम्रदराज आबादी वाले कई देश अपने मानव संसाधन और कुशल कार्यबल की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए भारत की ओर देख रहे हैं।

    नौकरी पाने के लिए केवल एक ही कौशल का होना पर्याप्त नहीं होगा। मैं छात्रों से अपील करूंगा कि वे अपने प्रारंभिक वर्षों में खुद को अधिक से अधिक कौशल से लैस करें।

    आपको यह जानने में दिलचस्पी होगी कि मैं स्वयं गाड़ी चलाना जानता हूं। मैं कार रिपेयरिंग भी जानता हूं। मैं खेती करना जानता हूं। मैं शिल्पकार भी हूं और पेंटिंग भी बना लेता हूं। और चूँकि मैं सात बार संसद सदस्य रहा हूँ इसलिए मैं राजनीति का भी थोड़ा बहुत ज्ञान रखता हूँ !! लेकिन मैं चाहूंगा कि आप डॉ जहीर काजी का आदर्श रखें।

    प्रिय शिक्षक एवं अभिभावक,

    विश्व में अच्छे शिक्षकों की कमी बढ़ती जा रही है।

    मेरा मानना है कि युवा भारत में पूरी दुनिया के लिए अच्छे शिक्षकों की आवश्यकता को पूरा करने की क्षमता है।

    हमें बताया गया है कि अंजुमन की एक शिक्षक प्रशिक्षण अकादमी शुरू करने की योजना है। मैं ट्रस्टियों से अच्छे शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए एक विश्व स्तरीय अकादमी बनाने का आह्वान करूंगा। इससे हमें अच्छे शिक्षकों की कमी दूर करने में मदद मिलेगी।

    प्रधानमंत्री के व्यक्तिगत जुड़ाव के कारण आज अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पूरे विश्व में मनाया जाता है। हम शिक्षकों के साथ दुनिया के लिये योग शिक्षक भी निर्माण कर सकते है। यह बहुत अच्छा होगा यदि अंजुमन अपनी खेल अकादमी से योग शिक्षक तैयार करे।

    मित्रों,

    मैं अंजुमन से मुंबई में छात्रों, छात्राओं और कामकाजी महिलाओं की उच्च शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण की सुविधा के लिए छात्रावास बनाने का आह्वान करूंगा।

    शिक्षा, उद्योग और कौशल प्रशिक्षण ही सब समुदायों को मजबूत और समृद्ध बना सकता है।

    अंजुमन अपने शिक्षकों को पीएचडी करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए बधाई का पात्र है।

    मैं एक बार फिर सभी पीएचडी प्राप्तकर्ताओं को विभिन्न विश्वविद्यालयों से पीएचडी उपाधि प्राप्त करने के लिये बधाई देता हूं और उनके भविष्य के प्रयासों में सफलता की कामना करता हूं।

    मैं अंजुमन ई इस्लाम को राष्ट्र की 150 वर्षों की सेवा के लिए बधाई देता हूं और आप सभी को आपके भविष्य के प्रयासों में सफलता की कामना करता हूं।

    धन्यवाद
    जय हिन्द ! जय महाराष्ट्र !!