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    26.11.2023 : छठा ‘मून-व्हाइट इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल’ पुरस्कार प्रस्तुति समारोह

    प्रकाशित तारीख: November 26, 2023

    छठा ‘मून-व्हाइट इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल’ पुरस्कार प्रस्तुति समारोह। मुक्ति ऑडिटोरियम, अंधेरी (पश्चिम) मुंबई। रविवार 26 नवंबर 2023 को 1845 बजे

    पद्मश्री भजन सम्राट अनूप जलोटा जी, फिल्म महोत्सव के प्रस्तुतकर्ता और जूरी सदस्य

    श्री देवाशीष सरगम (राज), संस्थापक और निदेशक, मूनव्हाइट फिल्म्स इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (MWFIFF)

    पंडित सुवाशित राज, जूरी सदस्य

    सम्मानित जूरी सदस्य

    विभिन्न पुरस्कारों के प्राप्तकर्ता

    देवियो और सज्जनों

    मून व्हाइट इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के पुरस्कारों की प्रस्तुति के लिए आपके बीच आकर मुझे वास्तव में खुशी हो रही है।

    भजन सम्राट श्री अनूप जलोटा जी के प्रति मेरे मन में अत्यंत सम्मान है।

    दरअसल मैंने उनके दिवंगत पिता पं. पुरूषोत्तम दास जलोटा जी के भी कई भजन सुने है।

    इसलिए जब अनूप जलोटा जी ने मुझसे पुरस्कार समारोह में शामिल होने का अनुरोध किया, तो मैंने तुरंत अनुरोध स्वीकार कर लिया, भले ही आज मेरे लिए बहुत ही व्यस्त दिन था।

    आज, सीमा पार से देश के दुश्मनों द्वारा किए गए आतंकवादी हमले में हमारे बहादुर पुलिस अधिकारियों और सशस्त्र बलों के सदस्यों की शहादत की 15 वीं वर्षगांठ है।

    यह बहुत गर्व की बात है कि आतंकवादी हमले के बाद भी भारत एक मजबूत राष्ट्र के रूप में उभरा है।

    दूसरी ओर, आतंकवादियों को बढावा देने वाला देश हर मोर्चे पर नाकाम हो रहा है और अंतरराष्ट्रीय विश्वसनीयता खो रहा है।

    मुझे बताया गया है कि, छठा ‘मून व्हाइट फिल्म्स इंटरनेशनल फिल्म फेस्ट’ कल शुरू हुआ और इसमें दुनिया भर से विभिन्न शैलियों की कई फिल्मों की स्क्रीनिंग हुई।

    मुझे यह जानकर खुशी हुई कि फिल्मों का मूल्यांकन एक प्रतिष्ठित जूरी द्वारा किया गया था जिसमें राहत जाफरी, पंडित सुवाशित राज (ज्योतिषी और टेलीविजन व्यक्तित्व), श्री योगेश लखानी, सीएमडी, ब्राइट इंडोर मीडिया, गायक डॉ जसपिंदर नरूला और प्रसिद्ध फिल्म स्टार श्री अरुण गोविल शामिल थे।

    मैं जूरी के सभी प्रतिष्ठित सदस्यों के प्रति अपनी सराहना व्यक्त करता हूं।

    श्री देवाशीश सरगम द्वारा स्थापित ‘मूनव्हाइट इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल’ न केवल सिनेमा की कला का उत्सव मनाता है, बल्कि उन असाधारण प्रतिभाओं को भी सम्मानित करता है जिन्होंने हमारी फिल्मी विरासत को समृद्ध किया है।

    आज, हम फिल्म जगत में उत्कृष्ट योगदान देने वाले व्यक्तियों को सम्मानित करने के लिए एकत्र हुए हैं।

    सबसे पहले, मैं लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार प्राप्त करने वाले प्रसिद्ध गायक श्री आगम निगम को हार्दिक बधाई देता हूं।

    श्री आगम निगम की सुरीली आवाज़ ने वर्षों से लोगों के दिलों को छू लिया है।

    मैं सर्वश्रेष्ठ गीतकार पुरस्कार प्राप्तकर्ता श्री समीर अंजान को भी हार्दिक बधाई देता हूं। उनकी कलम ने कई सुंदर गीतों के बोलों में काव्यात्मक जादू बुना है, जिससे वे कालजयी और गुंजायमान हो गए हैं।

    सर्वश्रेष्ठ गायिका का पुरस्कार प्रतिभाशाली गायिका श्रीमती साधना सारागम को दिया गया है, जिनकी मनमोहक आवाज़ ने अनगिनत गीतों में गहराई और भावनाएँ जोड़ी हैं।

    सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार ‘मृत्युओर्मा’ को दिया गया है, जो एक सिनेमाई उत्कृष्ट कृति है जिसने अपनी कहानी और कलात्मक प्रतिभा से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया है।

    सर्वश्रेष्ठ निर्देशक, सुधीर अत्तावर की दूरदर्शिता और कौशल की भी सराहना करते हैं, जो दर्शकों को पसंद आई और एक अमिट छाप छोड़ गई।

    सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री निवेदिता के लिए भी तालियाँ जरूर बजनी चाहिये, जिनके अभिनय ने मनोरंजन के साथ हमें प्रेरित भी किया है।

    इस प्रतिष्ठित उत्सव के प्रस्तुतकर्ताओं, पद्म श्री अनूप जलोटा जी और पंडित सुवाशित राज और अन्य सभी लोगों के प्रति अपना आभार व्यक्त करना चाहता हूं जिन्होंने इस कार्यक्रम को संभव बनाने के लिए पर्दे के पीछे से अथक प्रयास किया है।

    मेरा जन्म वर्ष 1947 में हुआ, जिस वर्ष भारत एक स्वतंत्र राष्ट्र बना।

    संयोग से भारतीय फिल्म उद्योग अपने स्वर्ण युग में प्रवेश कर रहा था।

    मैंने उस सुंदर स्वर्ण युग की बेहतरीन फिल्में देखी हैं, बेहतरीन संगीत सुना है और बेहतरीन गीत लिखे हैं। आज भी कई फिल्मो के गाने मै गुनगुनाता हू। मुझे दुख है कि आज गुनगुना सके ऐसे गाने बनते ही नही।

    मैं चाहता हूं कि हमारे फिल्म निर्माता एक बार बेहतरीन फिल्में बनाएं। आपकी फिल्मों को आम आदमी की आशाओं और आकांक्षाओं को व्यक्त करना चाहिए।

    भारत में बच्चों का भव्य फिल्म महोत्सव और एक भव्य युवा फिल्म महोत्सव का आयोजन करना चाहिए।

    हम अपनी फिल्मों के माध्यम से शांति और सद्भावना का संदेश दे सकते हैं।

    फिल्म निर्माताओं के पास युवा पीढ़ी के दिमाग को प्रभावित करने का माध्यम है। आइए हम रचनात्मक और सकारात्मक फिल्में बनाएं जिससे शांति, सकारात्मकता और ज्ञान का निर्माण होगा।

    अंत में, मैं प्रत्येक पुरस्कार विजेता को सिनेमा की दुनिया में उनकी उत्कृष्ट उपलब्धियों और योगदान के लिए बधाई देता हूं।

    जय हिंद। जय महाराष्ट्र।।