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    25.11.2023 : मार ग्रेगोरियस ऑर्थोडॉक्स सीरियन चर्च चेंबूर मुंबई का स्वर्ण जयंती समारोह

    प्रकाशित तारीख: November 25, 2023

    मार ग्रेगोरियस ऑर्थोडॉक्स सीरियन चर्च चेंबूर मुंबई का स्वर्ण जयंती समारोह। दिनांक 25 नवंबर 2023

    परम श्रद्धेय बेसिलियस मार्थोमा मैथ्यूज (तृतीय), ‘इंडियन ऑर्थोडॉक्स चर्च’ के सर्वोच्च धर्मगुरू

    श्रद्धेय गी-वर्गीस मार कुरिलोस, मुंबई के बिशप

    श्रद्धेय डॉ युहानोन मार पोलिकारपोस, अंगमाली धर्मप्रांत के बिशप

    श्रद्धेय गी-वर्गीस मार थियोफिलोस, अहमदाबाद धर्मप्रांत के बिशप

    फादर जॉय स्केरिया

    श्री पी जे चांडी,

    श्री फिलिप मम्मेन

    विशिष्ट आमंत्रित

    देवियो और सज्जनों

    चेंबूर मुंबई के पवित्र ‘मार ग्रेगोरियस ऑर्थोडॉक्स सिरियन चर्च’ के स्वर्ण जयंती के अवसर पर इस चर्च की यात्रा करना मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है।

    आज इस अवसर पर खास केरल से आये, ऑर्थोडॉक्स चर्च के सर्वोच्च धर्मगुरू, परम श्रद्ध्येय मार्थोमा मैथ्यूज तृतीय का महाराष्ट्र तथा मुंबई में स्वागत करते हुए सम्मानित महसूस कर रहा हूं।

    सबसे पहले, मैं गरीबों और बीमारों के मसीहा, पारुमाला के महान संत, सेंट ग्रेगोरियस, को नमन करता हू, वंदन करता हू।

    आप सभी के लिये ख़ुशी के इस दिन, आपके बीच में उपस्थित रहना मेरा सौभाग्य है।

    इस अनुपम अवसर पर मै चर्च का तथा चर्च से जुडे सभी भाविक – श्रध्दालूओंका हार्दिक अभिनंदन करता हू।

    भारतीय ऑर्थोडॉक्स चर्च प्राचीन भारतीय विरासत और आधुनिकता का एक सुंदर संगम है।

    मुझे ज्ञात किया गया है कि, ऑर्थोडॉक्स चर्च ने कई भारतीय परंपराओं और प्रथाओं को स्वीकार किया है और अपनाया है। साथ ही इसने नवीनता का भी स्वीकार किया है।

    मुझे यह जानकर ख़ुशी हुई कि ऑर्थोडॉक्स चर्च की स्थापना भगवान इसा मसीह के शिष्य – प्रेषित, सेंट थॉमस द्वारा वर्ष 52 ईस्वी में की गई थी।

    डॉ. एस. राधाकृष्णन जैसे भारत के सबसे श्रेष्ठ विचारवंत ने कहा था कि ऑर्थोडॉक्स चर्च के सदस्य, याने सीरियाई ईसाइयों ने, केवल उन लोगों का स्वागत किया है जो अपनी इच्छा से इस धर्म में शामिल होना चाहते थे। कितनी बडी बात है।

    मुझे यह जानकर खुशी हुई कि हमारे बीच उपस्थित ‘हिज होलीनेस’ बेसिलियोस मार्थोमा मैथ्यूज ने प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी से कुछ महिने पहले, मुलाकात की थी और उन्हें कोट्टायम में चर्च के मुख्यालय का दौरा करने के लिए आमंत्रित किया था।

    यह महत्वपूर्ण है कि सेंट थॉमस ईसाइयों ने अपने अस्तित्व के 2000 वर्षों में हिंदुओं के कुछ महत्वपूर्ण सामाजिक रीति-रिवाजों और अनुष्ठानों को आत्मसात कर लिया है और कई मामलों में उन्हें बरकरार रखा है।

    यह जानकर आनंद हुआ कि, ऑर्थोडॉक्स ईसाई लोगों के घर में, विवाह समारोह में कई हिंदू रीति-रिवाज शामिल होते हैं।

    चर्चों में और उसके आसपास, तेल के दीपक जलाते है, त्योहारों के दौरान ध्वजदंड और झंडे फहराते है।

    चर्चों में प्रवेश करते समय चप्पल या जूते बाहर उतारकर, प्रवेश करने की प्रथा भी हिंदू परंपराएं हैं, जो आज चर्च प्रथा का हिस्सा बन गई हैं।

    ये दोनों धर्मों द्वारा परंपराओं को साझा करने का प्रमाण देते हैं।

    मुझे यह जानकर खुशी हुई कि महाराष्ट्र के सबसे लंबे समय तक रहे भूतपूर्व राज्यपाल, डॉ. पी. सी. अलेक्जेंडर इसी चर्च के सदस्य थे।

    बहुत से लोग जानते हैं कि डॉ अलेक्जेंडर का ‘श्रीमद भगवत गीता’ का बहुत गहन अध्ययन था।

    उन्होने ‘द युनिवर्सल मेसेज ऑफ भगवद गीता’ नामक पुस्तक भी लिखी थी।

    ‘भगवत गीता’ के गहन अध्ययन के लिए डॉ अलेक्जेंडर को रामकृष्ण मिशन के स्वामी रंगनाथानंद ने सार्वजनिक रुप से सम्मानित किया था। यही आपके चर्च की महानता है, ऐसा मै मानता हूं।

    देवियो और सज्जनो,

    यह अत्यधिक गर्व कि बात है कि ऑर्थोडॉक्स चर्च ने पूरे भारत में शिक्षा, स्वास्थ्य, दिव्यांग सेवा, के क्षेत्र में बहुत बडा कार्य खडा किया है।

    केरल तथा महाराष्ट्र के अलावा, चर्च ने देश के विभिन्न राज्यो में स्कूलों की एक बड़ी श्रृंखला स्थापित करके लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में स्थायी योगदान दिया है।

    कॅन्सर मरीजों की देखभाल, स्वास्थ्य देखभाल, महिला सशक्तिकरण और समाज के कमजोर वर्ग के उत्थान में चर्च की भूमिका अद्वितीय है।

    यह बहुत खुशी की बात है कि मुंबई के बिशप जी-वर्गीस मार कूरिलोस के मार्गदर्शन में, आपका चर्च मुंबई, नवी मुंबई, रायगड और उसके आसपास शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में बहुत अच्छा काम कर रहा है।

    हाल ही में आपके चर्च द्वारा संचलित कॉलेज के छात्रों ने राजभवन में हरियाणा, पंजाब और अन्य राज्यों के राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर एक सुंदर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। जिसके लिये मै चर्च को बधाई देना चाहता हुं।

    मुझे यह जानकर खुशी हुई कि मुंबई धर्मक्षेत्र नेरुल में चर्च द्वारा एक शेल्टर होम चलाया जाता है जहां कैंसर रोगियों को भोजन, आवास और परिवहन सुविधाएं प्रदान की जाती हैं।

    मुझे यह जानकर भी ख़ुशी हुई कि आप दिव्यांग बच्चों के लिए एक रात्रि विद्यालय चलाते हैं। गरीब मरीजों के लिए मोबाइल क्लिनिक भी चलाया जाता है। अपने काम के माध्यम से, आप जाति, क्षेत्र, धर्म या लिंग के भेदभाव के बिना सभी समुदायों के गरीब लोगों की मदद कर रहे हैं।

    भारत समृद्ध संस्कृति और विविधता का देश है। विभिन्न धर्म, संस्कृतियाँ और भाषाएँ इसके फूल हैं। वे मिलकर एक सुंदर, रंगीन और सुगंधित गुलदस्ता बनाते हैं। हमें इस खूबसूरत गुलदस्ते को संभाल कर रखना है।

    सांप्रदायिक सद्भाव बनाये रखने में आपके चर्च का योगदान अद्भुत है। यह वास्तव में “वसुधैव कुटुंबकम” – “विश्व एक परिवार है” की पुरानी हिंदू अवधारणा की सच्ची उपलब्धि है, जिसकी परिकल्पना प्राचीन महोपनिषद में की गई थी।

    आज मैं विशेष रूप से आपको यह बताने आया हूं कि हमें ऑर्थोडॉक्स चर्च पर गर्व है। मुंबई में स्थित, मार ग्रेगोरियस मलंकारा चर्च की स्वर्ण जयंती के खुशी के अवसर पर आप में से प्रत्येक को मै बधाई देता हूं और आपके भविष्य के प्रयासों में सफलता की कामना करता हूं।

    धन्यवाद।