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    24.08.2023 : HSNC बोर्ड के 75 वें स्थापना वर्ष समारोह का उद्घाटन

    प्रकाशित तारीख: August 24, 2023

    HSNC बोर्ड के 75 वें स्थापना वर्ष समारोह का उद्घाटन

    डॉ. रवींद्र कुलकर्णी, कुलपति, मुंबई विश्वविद्यालय

    श्री अनिल हरीश, प्रेसीडेंट, हैदराबाद सिंध नेशनल कॉलेजिएट (HSNC) बोर्ड

    डॉ. निरंजन हिरानंदानी, प्रोवोस्ट, HSNC विश्वविद्यालय

    श्री किशु मनसुखानी, पूर्व प्रेसीडेंट, HSNC बोर्ड

    श्रीमती माया शाहनी, ट्रस्टी

    श्री दिनेश पंजवानी, सचिव, HSNC बोर्ड

    डॉ. हेमलता बागला, कुलपति HSNC यूनिवर्सिटी

    पदाधिकारीगण

    बोर्ड के सदस्य, प्राचार्य, अध्यापकगण

    आमंत्रित देवियों और सज्जनों,

    हैदराबाद (सिंध) नेशनल कॉलेजिएट बोर्ड के, प्लेटिनम जुबली वर्ष के, शुभारंभ के अवसर पर, मैं आप सभी का राजभवन में हार्दिक स्वागत करता हूं।

    इस महत्वपूर्ण अवसर पर HSNC बोर्ड, HSNC क्लस्टर यूनिवर्सिटी और उनके सभी संबद्ध संस्थानों को बधाई देता हूं।

    HSNC बोर्ड, सिंधी समुदाय की, कड़ी मेहनत, दृढ़ संकल्प और सफलता की जीती जागती मिसाल है।

    आप एक पौधे को उखाड़ते हैं, तो वह शायद ही कभी किसी दूसरी जगह पर जड़ें जमा पाता है। अक्सर उस पौधे का विकास रुक जाता है। कभी कभी तो पौधा मुरझा जाता है।

    लेकिन, सिंधी समुदाय, दुनिया का एकमात्र ऐसा समाज है, जिसने अपनी ही धरती से उजड़ने के बाद भी, न सिर्फ अपनी जड़ें जमाईं, बल्कि दूसरे स्थान पर खुशबूदार फूलों की तरह खिला।

    अपने उद्योग, परिश्रम और विविध योगदान से, सिंधी समाज ने, नये भारत को समृद्ध बनाया।

    आज विश्व में, सिंधी समाज, सबसे सफल व्यापारिक समुदायों में से एक है, जो देश की और राज्य की प्रगति में बहुत बड़ा योगदान दे रहा है।

    HSNC संस्था के, इतिहास से, पता चलता है कि HSNC बोर्ड की स्थापना, शिक्षाविदों, शिक्षकों और अन्य अच्छे लोगों द्वारा की गई थी, जो विभाजन के तुरंत बाद सिंध से मुंबई आ गए थे।

    एक आपदा को अवसर में बदलने वाले उन सभी महान आत्माओं के साहस और दूरदर्शिता की प्रशंसा करनी होगी।

    आज HSNC बोर्ड के संस्थापक, बैरिस्टर एच. जी. आडवाणी और प्रिंसिपल के. एम. कुंदनानी, उनके द्वारा स्थापित संस्थानों द्वारा किए जा रहे अद्भुत कार्यों, को देखकर स्वर्ग में भी प्रसन्न होंगे।

    संयोगवश, आज ‘विद्यासागर’ स्वर्गीय के एम कुंदनानी जी की जयंती है। इस दूरदर्शी शिक्षाविद् को मै अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।

    अपनी शानदार यात्रा के पिछले 75 वर्षों के दौरान, HSNC संस्थानों ने, देश को सर्वश्रेष्ठ बिजनेस लीडर दिए। बैंकर, डॉक्टर, इंजीनियर, चार्टर्ड अकाउंटेंट, कंपनी सेक्रेटरी, फार्मेसी लीडर, वैज्ञानिक, वकील आदि दिए हैं।

    महत्वपूर्ण बात यह है कि HSNC संस्थानों ने मुंबई को देश के सर्वश्रेष्ठ शैक्षणिक संस्थानों के मानचित्र पर ला दिया है।

    भारत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षण संस्थानों के सर्वेक्षणों में, HSNC संस्थानों का नाम अवश्य शामिल होता है, जिसका श्रेय ट्रस्टियों, शिक्षकों, पूर्व छात्रो, कर्मचारियों और सभी छात्रों को जाता है।

    देवियों और सज्जनों,

    भारत में, सार्वजनिक निधी पर चलने वाली, विश्व की तीसरी सबसे बड़ी उच्च शिक्षा प्रणाली है।

    वर्ष 2020 तक, भारत में 416 से अधिक राज्य विश्वविद्यालय, 54 केंद्रीय विश्वविद्यालय, 125 डीम्ड युनिव्हर्सिटी, 361 प्राइवेट यूनिवर्सिटी और 159 राष्ट्रीय महत्व के उच्च शिक्षा संस्थान, जैसे AIIMS, IIT, IIM आदि शामिल हैं।

    भारत ने अब 50 प्रतिशत सकल नामांकन अनुपात (ग्रोस एनरोलमेंट रेशो) प्राप्त करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है।

    हालाँकि, अधिक सकल नामांकन बढाने के प्रयास में, उत्कृष्टता में कुछ कमी न आये इसपर हमें ध्यान देनेकी जरुरत है।

    आज, दुनिया के शीर्ष 200 विश्वविद्यालयों में हमारे केवल इंडियन इन्स्टिट्यूट ऑफ सायन्स, बैंगलोर, IIT, दिल्ली और IIT मुंबई को स्थान दिया गया है।

    हमें उच्च सकल नामांकन प्राप्त करते समय गुणवत्ता के प्रति सचेत रहना होगा।

    महाराष्ट्र में HSNC जैसे कई बेहतरीन उच्च शिक्षा संस्थान हैं, जो विश्व स्तरीय संस्थानों में बदलने की क्षमता रखते हैं।

    हमारे विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों को शिक्षण की गुणवत्ता पर नए सिरे से जोर देना होगा, छात्रों को उच्चतर शिक्षा से जोडने के लिए सीखने की नवीन तकनीकों को अपनाना होगा, सामग्री और पाठ्यक्रम को संशोधित करना होगा। अनुसंधान को उच्च शिक्षा प्रणाली का अभिन्न अंग बनाना होगा और नवाचार को प्रोत्साहित करना होगा।

    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भारी बदलाव लाने जा रहे हैं।

    शिक्षा संस्थानों को इन प्रौद्योगिकियों के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए अपने भविष्य के कार्यक्रमों की योजना बनानी चाहिए।

    वैयक्तिकृत शिक्षण को बढ़ाने के लिए कॉलेजों को AI को अपनाना चाहिए। AI से बहुत जॉब्स रिडंडंट हो जाएंगे। लेकिन नये जॉब्स भी निर्माण हो रहे है।

    हमें शिक्षा में AI के मद्देनजर जरुरी बदलाव लाने की आवश्यकता है।

    राज्यपाल के रूप में, मैं 26 सार्वजनिक विश्वविद्यालयों का कुलाधिपति हूं।

    इन सभी विश्वविद्यालयों में से, पुणे सबसे अधिक विदेशी छात्रों को आकर्षित करता है। पुणे में भी कुछ डीम्ड संस्थाएं, विदेशी छात्रों के लिए आकर्षक शिक्षा गंतव्य बन चुके है। मुझे उम्मीद है कि HSNC संस्थान, देश और दुनिया भर से छात्रों को आकर्षित करेंगे और मुंबई को उच्च शिक्षा के लिए एक पसंदीदा स्थान बनाएंगे।

    मेरा मानना है कि एक विश्व स्तरीय संस्था बनने के लिए सर्वोत्तम फैकल्टी का होना अत्यावश्यक है। एक आंतर्राष्ट्रीय और विश्व स्तर पर जुड़ा हुआ संकाय छात्रों को अद्वितीय दृष्टिकोण और अत्याधुनिक अंतर्दृष्टि प्रदान कर सकता है। जिससे एक गतिशील शिक्षण वातावरण को बढ़ावा मिल सकता है।

    हमारी उच्च शिक्षा, छात्र – केंद्रित, होनी चाहिए। पाठ्यक्रमों की योजना, डिजाइन और कक्षाएं संचालित करते समय छात्रो के विचारों पर ध्यान होना चाहिए।

    उत्कृष्टता की खोज में, छात्रों की राय बहुत मूल्यवान है। कई विदेशी विश्वविद्यालयों में छात्रों द्वारा शिक्षक मूल्यांकन की प्रथा है। यह शिक्षकों द्वारा छात्र मूल्यांकन जितना ही महत्वपूर्ण माना जाता है।

    हमें फैकल्टी डेव्हलपमेंट के लिए भी सतत शिक्षा कार्यक्रमों की आवश्यकता है।

    राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की शुरूआत एक ऐतिहासिक क्षण है। यह पाठ्यक्रम में फ्लेगजिबिलिटी लाता है, इंटर डीसिप्लिनरी सीखने को प्रोत्साहित करता है, और आलोचनात्मक सोच और समस्या-समाधान कौशल को बढ़ावा देता है।

    कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को NEP के समग्र शिक्षा के दृष्टिकोण के अनुरूप, अपने कार्यक्रमों को अपनाते हुए इन परिवर्तनों को अपनाना चाहिए।

    आज की प्रतिस्पर्धी दुनिया में, छात्रों को केवल सैद्धांतिक ज्ञान से कहीं अधिक आवश्यकता है कौशल प्रशिक्षण की, इंटर्नशिप की। व्यावहारिक कौशल, व्यावसायिक प्रशिक्षण और अनुभवात्मक शिक्षा को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए।

    यह स्नातकों को आत्मविश्वास और सक्षमता के साथ कार्यबल में, प्रवेश करने के लिए तैयार करता है।

    HSNC बोर्ड से वर्ष 2047 तक अपने शिक्षा संस्थानों को विश्व स्तरीय संस्थान बनाने का लक्ष्य निर्धारित करने का आह्वान करूंगा।

    मेरा सुझाव है कि किसी ग्लोबल कंसल्टेंट्स की मदद से आप अगले 25 वर्ष के लिए संस्था का एक रोडमैप तैयार करें, जो आपको अपनी ताकत और कमजोरियों को पहचानने में मदद करेगा।

    इन शब्दों के साथ, मैं प्लैटिनम जुबली वर्ष में प्रवेश कर रहे HSNC बोर्ड को, राष्ट्र के प्रति उसकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए बधाई देता हूं और संस्था को भावी प्रयासों में सफलता की कामना करता हूँ।

    धन्यवाद
    जय हिन्द ! जय महाराष्ट्र !!