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    21.11.2023 : प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ के तहत ग्राम पंचायत, कुशेगाव, इगतपुरी, जिला नासिक का दौरा

    प्रकाशित तारीख: November 21, 2023

    प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ के तहत ग्राम पंचायत, कुशेगाव, इगतपुरी, जिला नासिक का दौरा। दिनांक २१ नवंबर २०२३

    श्री दादाजी भुसे, पालकमंत्री, नाशिक

    श्री नरहरी झिरवाल, उपाध्यक्ष महाराष्ट्र विधान सभा

    श्री हेमंत गोडसे, सांसद, नाशिक

    श्री हीरामण खोसकर, विधायक, त्र्यंबकेश्वर, इगतपुरी

    श्री राधाकृष्ण गमे, विभागीय आयुक्त, नाशिक

    श्री जलज शर्मा, जिलाधिकारी, नाशिक

    जन प्रतिनिधी

    राज्य प्रशासन के अधिकारी गण

    भाईयों और बहनों

    विकसित भारत संकल्प यात्रा के लिए नाशिक जिले के कुशेगाव, तालुका इगतपुरी में आप सभी के बीच में आकर अत्यंत ख़ुशी हो रही है।

    नाशिक जिला प्रभु राम के पावन चरण स्पर्श से पुनीत प्रदेश है। यह प्रदेश त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग तथा सप्तश्रृंगी देवी के लिये प्रसिद्ध है।

    जनजातीय नायक अमर शहीद बिरसा मुंडा की जयंती के दिन, जनजातीय गौरव दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने झारखंड के खूंटी जिले से ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ को हरी झंडी दिखाई।

    उसी दिन, महाराष्ट्र के नंदुरबार में, मुख्यमंत्री श्री एकनाथ शिंदे जी के साथ हमने, इस यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

    मुझे ख़ुशी है कि, प्रधानमंत्री श्री नरेद्र मोदी जे के नेतृत्व में स्वतंत्रता के बाद पहली बार स्वतंत्रता संग्राम में जनजातीय समुदायों के योगदान को मनाने और प्रेरित करने के लिए 15 नवंबर को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ मनाने का निर्णय किया है।

    इस वर्ष सरकार का पूरा लक्ष्य जनजाति प्रदेशों का तथा जनजातीय भाई बहनों के विकास पर केंद्रित है।

    हमारे महान राष्ट्र के इतिहास में, हमारे आदिवासी भाइयों और बहनों ने भारत की प्रकृति और संसाधनों को संरक्षित करने में बहुत बड़ा योगदान दिया है।

    हमारे आदिवासी भाई-बहन हमारे स्वतंत्रता आंदोलन में सबसे आगे थे।

    दुर्भाग्य से उनके योगदान को इतिहास के पिछले पन्नों में छिपा दिया गया और अंततः भुला दिया गया।

    वर्ष 2047 तक ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य प्राप्त करने के लिए यह अत्यधिक जरूरी है कि हम अपने जनजाति भाइयों और बहनों के जीवन स्तर में परिवर्तन लाएँ।

    विकसित भारत संकल्प यात्रा का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सरकार की सभी प्रमुख योजनाओं का लाभ लक्षित लाभार्थियों तक समयबद्ध तरीके से पहुंचे।

    विकसित भारत अभियान, अब तक की सबसे बड़ी संपर्क (आउटरीच) पहलों में से एक है। अभियान का लक्ष्य अंततः 25 जनवरी 2024 तक देश के हर जिले से गुजरते हुए 2.55 लाख से अधिक ग्राम पंचायतों और 3,600 से अधिक शहरी स्थानीय निकायों को कवर करना है।

    आज तक विभिन्न सरकारो ने अनेक विकास योजनाएं लागू की। लेकिन यह पहली बार सुनिश्चित किया जा रहा है की योजनाओं का लाभ लक्षित लाभार्थियों तक पहुंच रहा या नही।

    आज, मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि भारत सरकार और प्रदेश सरकार, दोनों आदिवासी भाइयों और बहनों को शिक्षित करने, कौशल प्रदान करने, और सशक्त बनाने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।

    इस यात्रा में मुख्य ध्यान लोगों में जागरूकता पैदा करने और उन्हें स्वच्छता सुविधाएं, आवश्यक वित्तीय सेवाएं, बिजली कनेक्शन, एलपीजी सिलेंडर को सुलभ कराने, गरीबों के लिए आवास, खाद्य सुरक्षा, उपयुक्त पोषण, विश्वसनीय स्वास्थ्य सेवाएं, स्वच्छ पेयजल इत्यादि जैसी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्रदान करने पर है। जो लोग इन सुविधाओं से वंचित है, उन तक पहुँचना यह इस का लक्ष्य है।

    इस यात्रा के माध्यम से सरकार आपके द्वार आ गयी है।

    यात्रा के माध्यम से आयुष्मान भारत; प्रधान मंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना, दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन; प्रधान मंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना; प्रधानमंत्री विश्वकर्मा; प्रधानमंत्री किसान सम्मान; किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी); प्रधानमंत्री पोषण अभियान; हर घर जल – जल जीवन मिशन; जन धन योजना; अटल पेंशन योजना; नैनो उर्वरक आदि योजनाओं के बारे में सबसे आखरी तपके के व्यक्ति तक जानकारी पहुंचाना है। लेकिन, यात्रा तभी सफल होगी जब इसमे जन भागीदारी बढे। यात्रा तभी सफल होगी जब लक्षित लाभार्थी योजनाओं का लाभ उठायेंगे।

    मै आप सभी को बताना चाहूंगा कि सरकार की ओर से जनजाति प्रदेशों में ‘सिकल सेल एनीमिया’ उन्मूलन मिशन; एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों में नामांकन; छात्रवृत्ति योजनाएं; वन अधिकार स्वामित्व: व्यक्तिगत एवं सामुदायिक भूमि; वन धन विकास केन्द्र: स्वयं सहायता समूहों को संगठित करने जैसी जनजातीय क्षेत्रों की विशिष्ट चिंताओं पर भी ध्यान दिया जा रहा है।

    नाशिक जिला महानगर मुंबई और पुणे के साथ ‘गोल्डन ट्रेन्गल’ के नाम से जाना जाता है। लेकिन नासिक के जनजाति इलाके की अपनी अलग समस्या बनी हुई है। खासकर कुपोषण की भी समस्या मौजूद है।

    मैं जिला प्रशासन से अगले 5 वर्षों के भीतर पूरे जिले के विकास के लिए लक्षित हस्तक्षेप करने का तथा कुपोषण मुक्त करने का आह्वान करूंगा।

    प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान को लोगों से व्यापक समर्थन मिला है।

    कई हजार नागरिक ‘नि:क्षय मित्र’ बनने के लिए आगे आए, और टीबी मरीजो के पोषण आहार को स्पॉन्सर किया। मुझे विश्वास है कि थोड़े और प्रयासों से, लोग कुपोषण से पीड़ित परिवारों की मदद के लिए भी आगे आएंगे।

    शिक्षा प्रगति की आधारशिला है, और हम उन्नत शैक्षिक अवसरों के माध्यम से अपने आदिवासी युवाओं को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

    कौशल विकास इस परिवर्तनकारी यात्रा का एक और महत्वपूर्ण पहलू है। हम एक ऐसे नासिक की कल्पना करते हैं जहां हर व्यक्ति के पास कौशल हो जो न केवल उन्हें आत्मनिर्भर बनाए बल्कि क्षेत्र की सामूहिक समृद्धि में भी योगदान दे।

    इसके अलावा, विकसित भारत संकल्प यात्रा स्थानीय उत्पादों के प्रचार और बिक्री पर जोर देती है।

    हमारे जनजातीय कारीगरों और शिल्पकारों के पास अद्वितीय हुनर – कौशल हैं जो पीढ़ियों से चले आ रहे हैं। बाजार संपर्क बनाकर और इन स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देकर, हम न केवल अपनी सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करते हैं बल्कि अपने आदिवासी भाइयों और बहनों के लिए एक स्थायी आजीविका भी प्रदान करते हैं।

    कुछ महीने पहले, मैंने पालघर जिले के भालीवली में विवेक ग्रामीण विकास केंद्र का दौरा किया था। बड़ी संख्या में महिलाओं को बांबू क्राफ्ट में प्रशिक्षित किया जाता है जिससे वे अच्छी आय अर्जित कर रही हैं। नाशिक जिले में भी हम इसे दोहरा सकते है।

    अवसर हमारे दरवाजे पर दस्तक दे रहे है। यह यात्रा एक अधिक न्यायसंगत और समृद्ध महाराष्ट्र बनाने का संकल्प है, जहां कोई भी पीछे न छूटे।

    आइए हम इस यात्रा को उत्साह, एकता और दृढ़ संकल्प के साथ सफल बनाये और समृद्ध महाराष्ट्र की दिशा में कदम उठाये। इस यात्रा की सफलता के लिये मै राज्य सरकार तथा जिला प्रशासन को बधाई और शुभकामनाएं देता हू।

    धन्यवाद।
    जय हिंद। जय महाराष्ट्र।।