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    16.06.2023 : महाराष्ट्र चैंबर ऑफ कॉमर्स, इंडस्ट्री एंड एग्रीकल्चर द्वारा आयोजित 50 वां वालचंद मेमोरियल लेक्चर

    प्रकाशित तारीख: June 16, 2023

    महाराष्ट्र चैंबर ऑफ कॉमर्स, इंडस्ट्री एंड एग्रीकल्चर द्वारा आयोजित 50वां वालचंद मेमोरियल लेक्चर

    श्री ओम बिरला, अध्यक्ष, लोक सभा

    श्री ललित गांधी, अध्यक्ष, महाराष्ट्र चैंबर ऑफ कॉमर्स, इंडस्ट्री एंड एग्रीकल्चर

    कॅप्टन बिनेश कुमार त्यागी, चेअरमन तथा मैनेजिंग डिरेक्टर, शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया

    श्री अरविंद दोशी, पूर्व अध्यक्ष, MACCIA

    श्री. अजित गुलाबचंद

    श्री अनिल कुमार लोढ़ा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष महाराष्ट्र

    विभिन्न देशों के मुंबई स्थित कौन्सल जनरल

    चेंबर के समस्त सदस्य एवं पदाधिकारी

    आमंत्रित देवियो और सज्जनों

    सबसे पहले मैं महाराष्ट्र राजभवन में आप सभी का हार्दिक स्वागत करता हूं।

    लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला जी का राजभवन में स्वागत करते अत्यंत हर्ष का अनुभव कर रहा हूं।

    मैं सात बार लोकसभा का सदस्य रहा हूं। मैं हमेशा से सदन का एक अनुशासित सदस्य रहा हूं। सदन में स्पीकर का हमेशा अंतिम शब्द होता है। उनके बोलने के बाद सदस्य कभी बोल नही सकते। लेकिन क्योंकि आज हम संसद के बाहर बैठक कर रहे हैं, मैं माननीय अध्यक्ष जी की अनुमती से उनके बाद अपना वक्तव्य दे रहा हूं।

    मुझे श्री ओम बिरला जी और श्री ललित गांधी से सेठ वालचंद हीराचंद के कार्यों और भारत और महाराष्ट्र के औद्योगिक विकास के लिए उनके बहुमुखी योगदान के बारे में जानकर खुशी हुई।

    वास्तव में सेठ वालचंद हीराचंद का नाम स्वर्णिम अक्षरों में लिखने के योग्य है।

    ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जिसमें आपको सेठ वालचंद हीराचंद का शानदार योगदान न मिले।

    शिक्षा, ऑटोमोबाईल, भवन निर्माण, इन्फ्रास्ट्रक्चर, शिपिंग, एविएशन और न जाने कितने क्षेत्रों में उन्होंने प्रतिकूल परिस्थिति में उद्योग साम्राज्य निर्माण किया।

    सेठ वालचंद हीराचंद ने कपास और वस्त्र उद्योग से शुरुआत की और इंजीनियरिंग के ठेके और निर्माण में लग गए।

    एक समय था जब भारत समुद्री व्यापार और जहाज निर्माण में अग्रणी था।

    अंग्रेजों ने शिपिंग पर एकाधिकार कर लिया और भारतीय शिपिंग क्षेत्र को नष्ट कर दिया।

    यह सेठ वालचंद हीराचंद थे जिन्होंने शिपिंग क्षेत्र को पुनर्जीवित किया।

    दिनांक ५ अप्रैल १९१९ में लंदन जाने के लिए भारतीय तटों को छोड़ने वाला पहला जहाज ‘एस.एस. लॉयल्टी’ के मालिक शेठ वालचंद हीराचंद जी थे।

    हर साल ५ अप्रैल को ‘नॅशनल मेरीटाईम डे’ के रूप में, लंदन की इस पहली यात्रा के उपलक्ष्य में, मनाया जाता है, जिसका श्रेय सेठ वालचंद हीराचंद को जाता है।

    उन्होंने हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड की शुरुआत की और बैंगलोर में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने प्रीमियर कार कंपनी शुरू की और वालचंद नगर और रावलगाँव की औद्योगिक टाउनशिप भी स्थापित कीं।

    यदि भारत आज आत्म-निर्भर देश होने की दिशा में अग्रसर हो रहा है, तो इसका एक बड़ा श्रेय सेठ वालचंद हीराचंद जैसे दूरदर्शी व्यापारी नेता को जाता है।

    उन्होंने कॉलेज और स्कूल स्थापित किए, रेलवे लाइन बिछाई और यहां तक कि देश के लिये रक्षा उपकरणों का निर्माण भी किया।

    सेठ वालचंद हीराचंद के काम की महानता को इस तथ्य पर विचार किया जा सकता है कि उन्होंने अपना व्यापारिक साम्राज्य ज्यादातर ब्रिटिश शासन के दौरान बनाया था।

    सेठ वालचंद हीराचंद की विरासत को उनके परिवार द्वारा कुशलता से आगे बढ़ाया जा रहा है। सेठ वालचंद हीराचंद के भतीजे श्री अजीत गुलाबचंद ने प्रतिष्ठित बांद्रा वर्ली सी लिंक, लवासा सिटी और अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का निर्माण किया है।

    सेठ वालचंद हीराचंद ने महाराष्ट्र चैंबर ऑफ कॉमर्स, इंडस्ट्री एंड एग्रीकल्चर की स्थापना की जब राज्य में पहले से ही बॉम्बे चैंबर और इंडियन मर्चेंट्स चैंबर जैसे प्रमुख चैंबर थे।

    शहर, छोटे शहर और ग्रामीण – सभी क्षेत्रों में व्यापार, उद्योग, सेवा तथा कृषि से जुडे उद्योगों के विकास के लिये महाराष्ट्र चेंबर सफलतापूर्वक काम कर रहा है।

    व्यापार और औद्योगिक कानूनों में उचित परिवर्तन करना, नई नीतियां बनाना, व्यापार और उद्योग के लिये राज्य और केंद्र सरकार को सिफारिश करने का महत्वपूर्ण कार्य महाराष्ट्र चैम्बर द्वारा किया जा रहा है।

    भारत की आधी से अधिक आबादी अभी भी जीविका के लिए कृषि पर निर्भर है और यह उचित ही है कि एक चैंबर हो जो कृषि कर्मी और किसानों के मुद्दों को संबोधित करे।

    आज दुनिया को ऑर्गनिक वस्तु चाहिये। मैं श्री ललित गांधी जी से जैविक खेती, मोटे अनाज की खेती, बागवानी और फूलों की खेती को बढ़ावा देने का आह्वान करूंगा।

    जिओग्राफिकल इंडीकेशन (जीआई) और पेटेंटिंग के बारे में जागरूकता पैदा करें। महाराष्ट्र में कई कृषि आधारित स्टार्ट अप और उद्योग बनाने की क्षमता है।

    महाराष्ट्र में बड़ी संख्या में स्टार्ट अप हैं। सेठ वालचंद हीराचंद, जिनका हर उद्यम एक स्टारअप था, नई पीढ़ी के लिए एक आदर्श थे। चेंबर को स्टार्टअप के लिये भी अलग प्लैटफॉर्म खड़ा करना चाहिये।

    मैं चाहता हूं और आशा करता हूं कि चेंबर के सदस्यों की समस्याओं को दूर करते हुए, चैंबर किसानों की आय दोगुनी करने के माननीय प्रधान मंत्री के लक्ष्य को साकार करने में मदद करेगा।

    चैंबर वर्ष 2026-2027 में अपनी शताब्दी मनाएगा।

    मैं चैंबर से एक परिप्रेक्ष्य योजना तैयार करने और कुछ ऐसे लक्ष्यों को प्राप्त करने का प्रयास करने का आग्रह करूंगा जिन्हें शताब्दी वर्ष से पहले प्राप्त किया जा सकता है।

    मैं MACCIA के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों और संरक्षक सदस्यों को बधाई देता हूं और वालचंद परिवार के सदस्यों की सराहना करता हूं।

    मैं एक बार फिर श्री ओम बिरला जी को उनकी गरिमाशाली उपस्थिति और ज्ञान के शब्दों के लिए धन्यवाद देता हूं और मैं चैंबर को उनके प्रयासों के लिए शुभकामनाएं देता हूं।

    धन्यवाद।
    जय हिंद। जय महाराष्ट्र।।