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    16.01.2024 : श्री बालाजी विश्वविद्यालय, पुणे का तीसरा वार्षिक दीक्षांत समारोह

    प्रकाशित तारीख: January 16, 2024

    श्री बालाजी विश्वविद्यालय, पुणे का तीसरा वार्षिक दीक्षांत समारोह। 1130 बजे, 16 जनवरी 2024

    प्रोफेसर बी परमानंदन, चांसलर, श्री बालाजी यूनिवर्सिटी पुणे (एसबीयूपी)

    प्रोफेसर डॉ जी के शिरुडे, कुलपति

    डॉ. एस. बी. आगाशे, रजिस्ट्रार

    डॉ. मित्तल मोहिते, परीक्षा नियंत्रक

    डॉ. डिम्पल सैनी, डीन एवं निदेशक, कॉर्पोरेट रिलेशन्स

    डॉ बीजू पिल्लई, विश्वविद्यालय के डीन और वरिष्ठ निदेशक

    प्रिय स्नातक छात्रों, अभिभावकों,

    संकाय सदस्य, आमंत्रित गण देवियो और सज्जनों

    दीक्षांत समारोह के यादगार अवसर पर आपके बीच आकर मुझे में बहुत खुशी हो रही है।

    यह दिन आपके जीवन का एक महत्वपूर्ण मोड़ है।

    मैं आप में से प्रत्येक को आपकी उपलब्धि पर बधाई देता हूं।

    मैं विशेष रूप से पीएचडी और स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले सभी स्नातको को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए बधाई देता हूं।

    यह आपके माता-पिता और भाई-बहनों के लिए भी बहुत गर्व और संतुष्टि का दिन है।

    इस अवसर पर मै आपके माता – पिता और सभी शिक्षकों को बधाई देता हूं जिन्होंने ज्ञान और कौशल की इस यात्रा में आपका मार्गदर्शन किया।

    आप एक बेहतरीन शिक्षा संस्थान – श्री बालाजी विश्वविद्यालय पुणे – से उपाधि प्राप्त कर रहे हैं। श्री बालाजी विश्वविद्यालय को रजत जयंती के यादगार अवसर पर मै हार्दिक बधाई देता हूं।

    आज देश और विदेश के हजारों विश्वविद्यालयों के बीच, श्री बालाजी विश्वविद्यालय पुणे ने शीर्ष रैंक वाले निजी विश्वविद्यालयों में अपनी एक अलग जगह बना ली है।

    यह विश्वविद्यालय दूरदर्शी संस्थापक दिवंगत प्रोफेसर डॉ. कर्नल ए बालासुब्रमण्यम की कड़ी मेहनत और समर्पण की मिसाल है।

    विश्वविद्यालय के बारे में जो बात मुझे सबसे अधिक प्रभावित करती है वह है छात्रों को शिक्षा प्रदान करते समय भारतीय संस्कृति और मूल्यों पर जोर देना।

    अपने आरंभ से ही विश्वविद्यालय ने 50 प्रतिशत सीटें छात्राओं के लिए आरक्षित रखी।

    मैं विश्वविद्यालय के उत्कृष्ट प्लेसमेंट रिकॉर्ड को जानकर प्रभावित हुआ।

    मुझे यह जानकर खुशी हुई कि विश्वविद्यालय छात्रों में संवाद कौशल – कम्युनिकेशन स्किल्स – विकसित करके उनके समग्र व्यक्तित्व के विकास को समान महत्व देता है।

    विश्वविद्यालय और इसके विभिन्न घटक संस्थानों ने लगातार प्रसिद्ध संगठनों द्वारा आयोजित शीर्ष रैंकिंग हासिल की है, जो निश्चित ही सराहनीय है।
    मित्रों,

    जब मैं अपने आरंभिक शिक्षा के दिनों को याद करता हूँ तो मुझे आपसे ईर्ष्या होने लगती है।

    आपके पास चुनने के लिए कई करियर विकल्प हैं।

    मेरे समय में छात्रों के पास बहुत सीमित विकल्प थे।

    अधिकतर युवा शिक्षक बनने के लिए BA, BSc में एडमिशन लेते थे।

    बेहतर छात्र LLB की पढाई करके वकील बनते थे। कुछ छात्र इंजीनियरिंग का विकल्प चुनते थे।

    प्रतिभाशाली छात्र MBBS की पढाई करते थे और डॉक्टर बनते थे।

    आज करियर विकल्पों की बात करे, तो आज छात्रों के लिए आकाश ही अंतिम सीमा है।

    अगस्त 1947 में मेरा जन्म हुआ। उसी महीने में भारत को स्वतंत्रता मिल गयी।

    अंग्रेजों के सदियों के शोषण ने भारत को एक गरीब देश बना दिया था।

    हमारी पीढ़ी ने भारत को विकासशील देश में परिवर्तित होते देखा है।

    लेकिन आपकी पीढ़ी सबसे भाग्यशाली है।

    आप भारत को एक विकासशील देश से विकसित भारत में बदलते हुए देखने जा रहे हैं।

    आप न केवल इस महान परिवर्तन के साक्षी बनेंगे, बल्कि आप वास्तव में भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने में अपनी भूमिका निभाएंगे।

    पिछले महीने ही देश के माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने राज्यपालों, कुलपतियों और विभिन्न सार्वजनिक और निजी उच्च शिक्षण संस्थानों के प्रमुखों की बैठक को संबोधित किया था।

    माननीय प्रधान मंत्री ने अपने संबोधन के दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए थे।

    विकसित भारत के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए विश्वविद्यालयों की, और विशेष रूप से युवा छात्रो की भूमिका सबसे अहम है।

    हमें अमृत काल के प्रत्येक क्षण का उपयोग अपने ध्येय प्राप्ति के लिए करना है।

    इस वर्ष से सभी विश्वविद्यालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति का क्रियान्वयन प्रारंभ कर रहे हैं।

    नीति के कार्यान्वयन के दौरान, हमारा लक्ष्य 2036 तक उच्च शिक्षा में सकल नामांकन को वर्तमान 26.3 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत करना है।

    आज कई विदेशी विश्वविद्यालयों ने अपने ऑनलाइन कार्यक्रम शुरू किए हैं और वे हमारे छात्रों को आकर्षक कार्यक्रमों से लुभा रहे हैं।

    इसलिए मैं श्री बालाजी विश्वविद्यालय से आग्रह करूंगा कि आप भी अपने विश्वविद्यालय का ऑनलाइन कार्यक्रम शुरू करें।

    ऑनलाइन शिक्षा उन लोगों की पहली पसंद बननी चाहिए जो अपनी डिग्री अपग्रेड करना चाहते हैं, जो अपने कौशल को अपग्रेड करना चाहते हैं और जो अतिरिक्त योग्यता हासिल करना चाहते हैं।

    प्रिय स्नातक छात्र – छात्राओं

    निजी क्षेत्रों में बडी संख्या में रोजगार पैदा हो रहे हैं।

    लेकिन वर्तमान युग में मल्टी टास्किंग और मल्टी स्किलिंग की आवश्यकता है। तो आपको एक से अधिक कौशल हासिल करने चाहिए। भाषाए भी सिखनी चाहिये।

    मैं विश्वविद्यालय से अपील करूंगा कि वह आर्टिफिशिअल इंटेलिजन्स और मशीन लर्निंग के बारे में छात्रों और शिक्षकों को शिक्षित करने के लिए कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में व्याख्यान, सेमिनार आयोजित करें।

    ऑक्सफोर्ड, कैंब्रिज और हार्वर्ड जैसे विश्वविद्यालयों की महानता उनकी सर्वोत्तम परंपराओं को बनाए रखने की क्षमता में निहित है।

    उनकी सफलता अपने स्नातकों में आलोचनात्मक सोच और नेतृत्व गुणों को विकसित करने में हैं।

    यह वही परिवर्तन है जिसकी हमें आवश्यकता है और हम चाहते हैं।

    पूर्व छात्र हमारे विश्वविद्यालय की प्रगति में अहम भूमिका निभा सकते है।

    मैं सभी स्नातकों से अपील करता हूं कि वे अपने ‘अल्मा मेटर’ से जुड़े रहें और इसके भविष्य के विकास में योगदान दें।

    पूर्व छात्रो के अलावा, हमें देश के महानतम उद्योगपतियों, गायकों, कलाकारों, व्यापारिक नेताओं को विश्वविद्यालय में आमंत्रित करना चाहिए और विश्वविद्यालय के मार्गदर्शन में उन्हें शामिल करना चाहिए।

    विश्वविद्यालय के रजत जयंती तथा दीक्षांत समारोह के अवसर पर, मै श्री बालाजी विश्वविद्यालय पुणे को राष्ट्र के लिए समर्पित सेवाओं के लिए बधाई देता हूं और सभी स्नातको के उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूं।

    आप लोग सौभाग्यशाली है की लोग कभी कभी भगवान बालाजी के दर्शन लेने जाते है। लेकिन आपकी संस्था में ही खुद श्री बालाजी भगवान यहा पर आके बैठे है और कहते है की भगवान बालाजी के दर्शन लो तो उसे धन की प्राप्ति होती है। मुझे विश्वास है की आप लोग जीतने साल तक इस संस्था में पढ़ेंगे उतने साल तक भगवान बालाजी आपको आशीर्वाद देते रहेंगे। निश्चितही आप अपने भविष्य में श्री बालाजी विश्वविद्यालय पुणे और अपने माता – पिता का नाम रोशन करेंगे इसी आशा के साथ में अपनी बात समाप्त करता हूँ।

    जय हिन्द।
    जय भारत। जय महाराष्ट्र।।