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    15.09.2023 : इंडो अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स की महिला सशक्तिकरण समिति द्वारा आयोजित ‘व्यापार, जलवायु परिवर्तन और सस्टेनेबिलिटी समीट’

    प्रकाशित तारीख: September 15, 2023

    इंडो अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स की महिला सशक्तिकरण समिति द्वारा आयोजित ‘व्यापार, जलवायु परिवर्तन और सस्टेनेबिलिटी समीट’। एनएससीआई, वरली, मुंबई। सुबह 11 बजे 15 सितंबर 2023

    श्री मंगल प्रभात लोढा, मंत्री, कौशल विकास और उद्यमिता

    डॉ ललित भसीन, राष्ट्रीय अध्यक्ष, इंडो अमेरिकन चेंबर ऑफ कॉमर्स

    श्रीमती राज्यलक्ष्मी राव, अध्यक्ष, इंडो अमेरिकन चेंबर ऑफ कॉमर्स की महिला सशक्तिकरण समिति

    मिस्टर माइकल श्रेडर, डिप्टी प्रिंसिपल ऑफिसर, कांसुलेट जनरल ऑफ यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका इन मुंबई

    श्री कमल वोरा, महासचिव, इंडो अमेरिकन चेंबर ऑफ कॉमर्स

    सभी महिला विंग की सदस्य उद्यमी

    भाइयों और बहनों,

    सबसे पहले मैं महिला सशक्तिकरण सम्मेलन में मुझे आमंत्रित करने के लिए अध्यक्ष श्रीमती राज्य लक्ष्मी राव को धन्यवाद देता हूं।

    एक दौर था जब महिला सशक्तिकरण पर सम्मेलन होते थे। मुझे बेहद खुशी है कि, आज हम विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के नेतृत्व में विकास पर चर्चा करने के लिए एक शिखर सम्मेलन आयोजित कर रहे हैं।

    जानकर प्रसन्नता हुई कि, आज हो रहे विभिन्न सेशन्स में कई जाने माने महिला विशेषज्ञ संबोधित कर रहे हैं।

    मुझे बताया गया है कि, आज की परिषद व्यापार, जलवायु परिवर्तन और सस्टेनेबिलिटी विषयों पर केंद्रित है।

    महिला उद्यमियों के अलावा, आज पॉलिसी मेकर्स, लघु और मध्यम उद्यमी, निजी क्षेत्र के हितधारक, गैर सरकारी संगठन, महिला व्यापार संघ, वित्तीय सेवा संगठन और शैक्षणिक संस्थान के प्रतिनिधि भी सम्मेलन में भाग ले रहे हैं।

    हाल के महीनों में, भारत और अमरिका के बीच द्विपक्षीय संबंधों में महत्वपूर्ण प्रगति देखी है। व्यापार, प्रौद्योगिकी और नवाचार में बढ़ता सहयोग हमारी दोनों अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक स्थायी भविष्य को आकार देने में सहायक रहा है। महाराष्ट्र, अपने विविध आर्थिक परिदृश्य के साथ, इस प्रगतिशील प्रक्रिया में सबसे आगे है।

    प्रधानमंत्री श्री. नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत-अमेरिका संबंध आज सबसे मजबूत और मधुर हैं। दिल्ली में G-20 सम्मेलन में भाग लेने के लिए राष्ट्रपति जो बिडेन की हालिया यात्रा ने इन संबंधों को और मजबूत किया है।

    भारत और अमेरिका के बीच आर्थिक जुड़ाव को बढ़ावा देने के अथक प्रयासों के लिए इंडो-अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स (IACC) की सराहना करनी चाहिए।

    1968 में स्थापित, IACC की स्थापना हमारे दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को बढ़ाने की दृष्टि से की गई थी।

    पिछले कुछ वर्षों में चैम्बर का तथा महिला विंग का विस्तार प्रभावशाली ढंग से हुआ है।

    आज के शिखर सम्मेलन का विषय, ‘महिलाओं का सशक्तिकरण’सामाजिक प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है।

    महिलाओं ने लगातार विभिन्न क्षेत्रों में अपनी योग्यता साबित की है और सकारात्मक बदलाव लाने में सबसे आगे रही हैं।

    महिला सशक्तिकरण पर इस शिखर सम्मेलन का फोकस जेंडर इक्वालिटी और समावेशिता के प्रति हमारी साझा प्रतिबद्धता के अनुरूप है।

    आज राष्ट्रीय और राज्य दोनों स्तरों पर सरकारें एक ऐसा वातावरण बनाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही हैं जो जेंडर इक्वालिटी और विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा दे।

    उदाहरण के लिए, महाराष्ट्र ने महिलाओं के कौशल विकास, उद्यमिता और आर्थिक समावेशन की पहल के साथ इस दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की है।

    ये नीतियां न केवल महिलाओं को सशक्त बनाती हैं बल्कि राज्य के समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास में भी योगदान देती हैं।

    हमने हाल ही में सफल चंद्रयान मिशन में भारत के महिला वैज्ञानिकों की भागीदारी देखी है।

    राज्यपाल के रूप में, मैं महाराष्ट्र में 26 सार्वजनिक विश्वविद्यालयों का कुलाधिपति भी हूँ, जहाँ हमारे लगभग 30 लाख छात्र उच्च शिक्षा हासील कर रहे हैं।

    मैं आपको बताना चाहता हूं कि हाल के दिनों में, महाराष्ट्र और अमेरिका के विश्वविद्यालयों के बीच शैक्षणिक सहयोग बढ़ा है।

    महाराष्ट्र के शैक्षणिक संस्थान अपने अमेरिकी विश्वविद्यालयों के साथ उपयोगी आदान-प्रदान कर रहे हैं, ज्ञान-साझाकरण और नवाचार को बढ़ावा दे रहे हैं।

    विचारों का यह परस्पर- आदान प्रदान निस्संदेह प्रगति के इंजनों को ईंधन देगा। आज बड़ी संख्या में भारत के छात्र अपने स्नातकोत्तर पढाई और अनुसंधान के लिए अमेरिका जाने की इच्छा रखते हैं।

    यह बहुत अच्छा होगा यदि हमारे देशों के विश्वविद्यालय छात्र आदान-प्रदान, फैकल्टी एक्सचेंज और यहां तक कि, एक-दूसरे के विश्वविद्यालयों में सेमेस्टर पुरे करने को स्वीकृति देते।

    कामकाजी उम्र की दो-तिहाई आबादी के साथ भारत आज दुनिया का सबसे युवा देश के रूप में उभरा है।

    जापान, जर्मनी, इटली जैसे कई उन्नत देश अपनी कुशल जनशक्ति की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए भारत की ओर देख रहे हैं।

    आज विश्व के कुछ राष्ट्र प्राकृतिक संसाधनों के लिए युद्ध कर रहे हैं। अगले कुछ वर्षों में, उम्रदराज हो रहे राष्ट्र कुशल मानव संसाधनों के लिए संघर्ष कर रहे होंगे।

    इस परिस्थिती में, भारत में काम कर रही विभिन्न अमेरिकी कंपनियां उन्नत कौशल साझा करने में हमे किस प्रकार मदद कर सकती हैं, इसपर विचार होने की आवश्यकता है। मुझे विश्वास है कि स्किलिंग, रि-स्किलिंग और अप-स्किलिंग में सहयोग पारस्परिक रूप से लाभप्रद होगा।

    सांस्कृतिक आदान-प्रदान हमेशा राष्ट्रों के बीच समझ और सौहार्द की आधारशिला रहा है।

    महाराष्ट्र और अमरिका परंपराओं की एक समृद्ध टेपेस्ट्री साझा करते हैं। हमें कलात्मक, व्यंजन और सांस्कृतिक अनुभवों के आदान-प्रदान को बढावा देना चाहिये है।

    जैसा कि हम एक नए युग के शिखर पर खड़े हैं, गहरे सहयोग की संभावना असीमित है।

    स्वच्छ ऊर्जा, स्वास्थ्य देखभाल, पर्यटन और टिकाऊ कृषि ऐसे कुछ क्षेत्र हैं जहां हमारे सामूहिक प्रयासों से परिवर्तनकारी परिणाम मिल सकते हैं।

    साथ मिलकर, हम अधिक हरित, अधिक समृद्ध भविष्य की दिशा में रास्ता बना सकते हैं।

    मैं इस अमूल्य साझेदारी को बढ़ावा देने में अथक प्रयासों के लिए इंडो अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं, और आज के समीट को शुभ कामनाएं प्रेषित करता हूं।

    धन्यवाद
    जय हिन्द ! जय महाराष्ट्र !!