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    08.06.2024 : महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार आयोग, विधिक सेवा प्राधिकरण – मुंबई उपनगर जिला और ‘हेतू चेरिटेबल ट्रस्ट’ के तत्वावधान में दिव्यांग बच्चो को स्कॉलरशिप और ‘दृष्टी ग्लासेस’ वितरण कार्यक्रम

    प्रकाशित तारीख: June 8, 2024
    महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार आयोग, विधिक सेवा प्राधिकरण - मुंबई उपनगर जिला और ‘हेतू चेरिटेबल ट्रस्ट’ के तत्वावधान में दिव्यांग बच्चो को स्कॉलरशिप और ‘दृष्टी ग्लासेस’ वितरण कार्यक्रम

    महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार आयोग, विधिक सेवा प्राधिकरण – मुंबई उपनगर जिला और ‘हेतू चेरिटेबल ट्रस्ट’ के तत्वावधान में दिव्यांग बच्चो को स्कॉलरशिप और ‘दृष्टी ग्लासेस’ वितरण कार्यक्रम। मुंबई दिनांक ८ जून २०२४

    श्री मंगल प्रभात लोढा, मंत्री कौशल विकास, उद्यमिता और नवाचार

    सम्मानित न्यायमूर्ती श्री संदीप मेहता, न्यायाधीश, सुप्रीम कोर्ट

    न्यायमूर्ती श्री अभय आहुजा, न्यायाधीश, मुंबई उच्च न्यायालय

    न्यायमूर्ती श्री शिवकुमार दिघे, न्यायाधीश, मुंबई उच्च न्यायालय

    न्यायमूर्ती श्री के के तातेड़ जी (रिटायर्ड), अध्यक्ष, महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार आयोग

    श्री एम ए सयीद, सदस्य, राज्य मानवाधिकार आयोग

    श्री रिखबचंद जैन, सचिव, हेतु चॅरिटेबल ट्रस्ट

    श्री कपिल अगरवाल

    श्री शांतिलाल कावर

    श्री राधेश्याम जी चांडक

    सभी आमंत्रित और मेरे प्यारे दिव्यांग भाई – बहनों,

    सबसे पहले मैं सभी दिव्यांग बच्चों और युवा युवतियों को एक बेहतरीन आर्केस्ट्रा प्रस्तुत करने के लिए बधाई देता हूं।

    कितना सुन्दर गाया है आप सभी ने। हमें आप पर गर्व है। ऐसे ही तरक्की करो।

    महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में अपने ही पहले महीने में, मैंने राजभवन मुंबई में राज्य मानवाधिकार आयोग और हेतु चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में दिव्यांग महिलाओं को आटा चक्की भेंट की थी।

    मुझे खुशी है कि न्यायमूर्ति के के तातेड़ जी के मार्गदर्शन में ‘हेतु चैरिटेबल ट्रस्ट’ ने दिव्यांग व्यक्तियों को छात्रवृत्ति और ‘दृष्टी ग्लासेस’ देने का निर्णय लिया है।

    दिव्यांग सशक्तिकरण के इस सुंदर आयोजन के लिये मै महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार आयोग, डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विस अथॉरिटी – मुंबई उपनगर जिला और ‘हेतु चॅरिटेबल ट्रस्ट’ का हार्दिक अभिनंदन करता हूँ।

    इस कार्यक्रम के लिये मंत्री श्री मंगल प्रभात लोढा जी ने भरपूर वित्तीय सहयोग किया है। मै लोढा जी का विशेष रूप से अभिनंदन करता हूँ।

    आज जिन दिव्यांग छात्रों को स्कॉलरशिप मिली है तथा ‘स्मार्ट चष्मे’ मिले है, उन सभी का भी मै हार्दिक अभिनंदन करता हूँ।

    मुझे बताया गया है कि दृष्टी ग्लासेस का उपयोग करके दृष्टिबाधित व्यक्ति सामान्य व्यक्ति की तरह अपने दैनिक दिनचर्या का संचालन कर सकेंगे।

    यह डिवाइस उन्हें पढ़ाई करने, स्कूल जाने या घर से बाहर कहीं भी जाने में मदद करेगी। इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा।

    आज दिया गया उपहार उन्हे तथा उनके परिवार को आत्मनिर्भर बनाएगा, तथा उनका जीवन स्तर उन्नत होगा ऐसा मुझे विश्वास है।

    संयुक्त राष्ट्र के आकलन के अनुसार पूरे विश्व में सौ करोड़ से अधिक दिव्यांगजन है।

    यानि विश्व में लगभग हर आठवां व्यक्ति किसी न किसी रूप में दिव्यांगजन है।

    भारत की भी दो प्रतिशत से अधिक जनसंख्या दिव्यांगजन है।

    भारत को आत्मनिर्भर बनाना है और देश को ‘विकसित राष्ट्र’ बनाना है तो सभी दिव्यांग जन स्वतंत्र रूप से एक गरिमापूर्ण और क्रियाशील जीवन व्यतीत कर सकें, यह हमें सुनिश्चित करना होगा।

    भारतीय संस्कृति और परम्परा में विकलांगता को ज्ञान – अर्जन और उत्कृष्टता प्राप्त करने में कभी भी बाधा नहीं माना गया है।

    ऋषि अष्टावक्र महान ज्ञानी थे। वे आठ जगह से टेढे थे। ऋषि अष्टावक्र ने अनेक चुनौतियों के बावजूद, अपने ज्ञान और दर्शन से समाज को प्रकाशित किया। महान संत सूरदास जी ने नेत्रहीन होते हुए भी राधा-कृष्ण के रंग-रूप, श्रृंगार और सौन्दर्य का सजीव चित्रण किया है। इलेक्ट्रिक बल्ब की खोज करने वाले थॉमस अल्वा एडिसन उम्र के १२ वें वर्ष से कर्णबधिर हो गये थे। विश्व के जाने माने वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग लगभग पुरे पेरलाइज थे।

    प्राय:, यह देखा गया है की दिव्यांगजन दिव्य – गुणों से युक्त होते हैं।

    पर्याप्त अवसर और सही वातावरण मिलने पर, दिव्यांगजन हर क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकते हैं।

    निकट भविष्य में दिव्यांग लोगों के जीवन में टेक्नोलॉजी बहुत बदलाव लाने वाली है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लोगों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाने जा रहा है। विकलांगता केवल एक असुविधा होगी, बाधा नहीं।

    हेतु चैरिटेबल ट्रस्ट पिछले १५ – २० वर्ष से निस्वार्थ भाव से दिव्यांग सशक्तिकरण का ईश्वरीय कार्य कर रहा है। मै हेतु ट्रस्ट तथा राज्य मानवाधिकार आयोग के कार्य की प्रशंसा करता हॅूं। मैं कामना करता हूं कि आप अपने भविष्य के प्रयासों में निरंतर सफलता प्राप्त करें।

    इन्हीं शब्दों के साथ सभी दिव्यांग भाई – बहनों को स्कॉलरशिप तथा स्मार्ट ग्लासेस मिलने पर बधाई देता हूँ और आप के सफलता की कामना करता हूँ।

    धन्यवाद।
    जय हिंद। जय महाराष्ट्र।।