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    08.03.2023 : आंतरराष्ट्रीय महिला दिन तथा पांचवें ‘जन औषधि दिवस’ के अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय ‘जन चेतना अभियान’, ‘रंगस्वर सभागृह’, यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान मुंबई

    प्रकाशित तारीख: March 8, 2023

    आंतरराष्ट्रीय महिला दिन तथा पांचवें ‘जन औषधि दिवस’ के अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय ‘जन चेतना अभियान’, ‘रंगस्वर सभागृह’, यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान मुंबई

    सम्मानित श्री एकनाथ शिंदे, मुख्यमंत्री, महाराष्ट्र

    डॉ. श्रीमती भारती पवार, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री

    डॉ. तानाजी सावंत, मंत्री, सार्वजनिक आरोग्य एवं परिवार कल्याण

    श्री दीपक केसरकर, विद्यालयी शिक्षा, मराठी भाषा तथा पालकमंत्री

    श्री नवीन सोना, सचिव – 2, सार्वजनिक आरोग्य

    अधिकारी गण, अभिभावक, उपस्थित भाइयों और बेहेनों

    प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना के तहत पांचवें ‘जन औषधि दिवस’ के अवसर पर आयोजित ‘जन चेतना अभियान’ में आप सबका हार्दिक स्वागत और हार्दिक अभिनंदन करता हूं ।

    सर्वप्रथम मै महाराष्ट्र शासन, सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग, मेडिकल शिक्षा एवं ड्रग विभाग तथा खाद्य व आपूर्ति विभाग का हार्दिक अभिनंदन करता हूँ तथा इस आयोजन के लिए उन्हे धन्यवाद देता हूं।

    आज आंतरराष्ट्रीय महिला दिन है, इस अवसर पर समुचे मातृ शक्ति का मै हार्दिक अभिनंदन करता हूं।

    जन औषधि के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रत्येक वर्ष 7 मार्च को ”जन औषधि दिवस” मनाया जाता है। इस बार भी देश में 5 वां ‘जन औषधि दिवस’ मनाया जा रहा है तथा 1 मार्च से 7 मार्च तक पूरे देश में विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। इस बार का थीम ‘जन औषधि सस्ती भी अच्छी भी’ रखा गया है।

    प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की पहल से शुरू किए गये जन औषधि केंद्र ने स्वास्थ्य क्षेत्र में एक नई क्रांति लाई है ।

    ज्ञात हो, देश के 764 में से 743 जिलों में जन औषधि केंद्र खुल गए हैं। यदि बीते वर्षों जन औषधि केंद्रों पर दवाओं की बिक्री का ट्रैक-रिकॉर्ड देखें तो यहां वित्त वर्ष 2021-22 में 893 करोड़ की दवाओं की बिक्री हुई है। इससे आम लोगों की जेब से 5360 करोड़ रुपए की मोटी बचत हुई है। इस वित्त वर्ष 2022 – 23 में अब तक आम जनता के लगभग 6600 करोड रुपये बचाए गए है ।

    हमारे लिये गर्व की बात है, भारत की जेनेरिक दवाइयां दुनियाभर में मशहूर हैं। दुनिया के हर 5 में से एक व्यक्ति भारत में बनी दवा खाता है। 2014 से पहले जन औषधि केंद्रों के शेयर 2 फीसद था जो अब बढ़कर 8 फीसद से ज्यादा हो गया है।

    इस योजना के माध्यम से पुरे देश में गुणवत्तापूर्ण और सस्ती दवाएं मुहैया कराई जा रही हैं। पीएमबीजेपी के उत्पादों में 1759 दवाएं और 280 सर्जिकल उपकरण शामिल हैं। यह जानकारी राज्य के सभी स्वास्थ्य केंद्रों तथा सिविल अस्पताल तक पहुंचाई जानी चाहिए ।

    इसके अलावा, प्रोटीन पाउडर, माल्ट-बेस्ड फूड पोषाहार, प्रोटीन बार, इम्युनिटी बार, सैनिटाइजर, मास्क, ग्लूकोमीटर, ऑक्सीमीटर आदि जैसी नई दवाएं और न्यूट्रास्यूटिकल उत्पाद भी लॉन्च किए गए हैं।

    पीएमबीजेपी के तहत उपलब्ध दवाओं की कीमत ब्रांडेड कीमतों से 50 प्रतिशत-90 प्रतिशत कम है।

    पिछले 8 वर्षों में, देश के लोगों को सस्ती कीमत पर गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपलब्ध होने के कारण पीएमबीजेपी ने जबरदस्त वृद्धि और शानदार सफलता हासिल की है। इससे भारत के निम्न और मध्यम वर्ग के लोगों के खर्च में भारी कटौती संभव हो पाई है। इससे नागरिकों के दवाओं पर खर्च होने वाले 20000 करोड़ रुपये से अधिक की बचत हुई है। लोगों की इस व्यापक स्वीकृति ने पीएमबीजेपी को देश के हर कोने में अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए और प्रोत्साहन दिया है।

    आज समूचे देश में 9177 से अधिक जन औषधि केंद्र यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं कि लोगों को सस्ती कीमत पर गुणवत्तापूर्ण दवाएं मिलें और ये केंद्र जनता के बीच लोकप्रियता हासिल कर रहे हैं।

    सरकार ने दिसंबर 2023 के अंत तक प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 10,000 करने का लक्ष्य रखा है, और मुझे विश्वास है कि महाराष्ट्र इस संबंध में अधिक प्रभावी ढंग से कार्य कर सकता है ।

    आज युवा पीढ़ी ज्यादातर ऑनलाईन व्यवहार करना पसंद करती है | यह प्रसन्नता की बात है कि आज हम ‘जन औषधि सुगम’ का ऑनलाइन लाँच कर रहे है।

    दवाईयोंकी किमत निरंतर बढ़ती जा रही है। डायबिटीज, हाईपर टेन्शन के लिये लोग हररोज दवाईयों पर निर्भर है। इस संदर्भ में महाराष्ट्र के गावों और छोटे छोटे शहरों में जन औषधि परियोजना एक जन आंदोलन के रूप में चलाने के लिये प्रयास होने जरुरी है ।

    सरकारी और निजी क्षेत्र में नौकरीयां सीमित है। यह बात जन जन तक पहुंचे कि जन औषधि केंद्र कोई भी व्यक्ति खोल सकता है। ताकि हमारे युवक न केवल रोजगार का बल्कि सेवा का भी माध्यम प्राप्त कर सके।

    जन औषधि संचालकों को सरकार की तरफ से 5.00 लाख रुपये तक की राशि दी जाती है । महिला उद्यमी, विकलांग, सेवानिवृत्त सैनिक, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के आवेदकों को 2.00 लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी जाती है ।

    ‘जन चेतना अभियान’ आयोजन के लिये मै फिरसे महाराष्ट्र सरकार का हार्दिक अभिनंदन करता हूं। आज यहां पर जन औषधि दिवस एवं जागतिक महिला दिन के अवसर पर सम्मानित सभी डॉक्टर्स, अधिकारी और कर्मचारियों का हार्दिक अभिनंदन करता हूं और अभियान को शुभकामना प्रेषित करता हूं।

    जय हिंद। जय महाराष्ट्र।