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    06.12.2023 : डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर महापरिनिर्वाण दिवस समन्वय समिति द्वारा चैत्यभूमि दादर, मुंबई में आयोजित अभिवादन सभा

    प्रकाशित तारीख: December 6, 2023

    डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर महापरिनिर्वाण दिवस समन्वय समिति द्वारा चैत्यभूमि दादर, मुंबई में आयोजित अभिवादन सभा। बुधवार 6 दिसंबर 2023। सुबह 8 बजे

    श्री एकनाथ शिंदे, महाराष्ट्र के माननीय मुख्यमंत्री

    श्री देवेन्द्र फडणवीस, माननीय उप मुख्यमंत्री

    श्री अजित पवार, माननीय उप मुख्यमंत्री

    श्री भिमराव आंबेडकर

    श्री दीपक केसरकर, पालक मंत्री, मुंबई शहर

    श्री मंगल प्रभात लोढ़ा, पालक मंत्री, मुंबई उपनगरीय जिला

    डॉ. राहुल शेवाले, सांसद

    डॉ. नरेंद्र जाधव, पूर्व राज्यसभा सदस्य

    श्री संजय बनसोडे, मंत्री

    श्री सदा सरवणकर, विधायक

    श्री प्रवीण दरेकर, आमदार

    ऐड. आशिष शेलार, प्रदेशाध्यक्ष, मुंबई

    श्री कालिदास कोलम्बकर, आमदार

    श्री नरेंद्र जाधव, सांसद

    श्री इकबाल सिंह चहल, आयुक्त, बृहन्मुंबई महानगरपालिका

    श्री नागसेन कांबले, महासचिव, डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर महापरिनिर्वाण दिवस समन्वय समिति

    बहनों और भाइयों,

    आज, हम यहां भारतीय संविधान के निर्माता, आदरणीय भारतरत्न डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर को उनके 67 वें महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए एकत्र हुए हैं।

    आज हजारों और लाखों की तादाद में डॉ भीमराव बाबासाहेब अम्बेडकर जी के अनुयायी देश के तथा राज्य के विभिन्न जिलों से चैत्यभूमि पर अभिवादन करने आये है। फिर भी सभी लोग एक सेल्फ – डिसिप्लीन फॉलो कर रहे है। तो सबसे पहले मै सभी अनुयायियों को धन्यवाद देता हूं, उनकी प्रशंसा करता हू।

    प्रदेश सरकार तथा BMC ने भी यहाँ सभी अनुयायीयों के लिये अच्छी व्यवस्था की है। मैं महाराष्ट्र शासन तथा बृहन्मुंबई महानगरपालिका, पुलिस तथा सभी आयोजकों को भी उत्कृष्ट व्यवस्था के लिये बधाई देता हूं।

    देवियों और सज्जनों,

    भारत के सभी लोग डॉ. अम्बेडकर जी को भारतीय संविधान के निर्माता के रूप में जानते हैं।

    इस देश के करोडो दलित, शोषित लोग डॉ. अम्बेडकर को अपने मसीहा और मुक्तिदाता के रूप में देखते हैं।

    डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर, हमारे स्वतंत्रता संग्राम के एक उत्कृष्ट नायक और हमारे समाज के दलित और पिछड़े वर्गों के अधिकारों के लिए एक कट्टर योद्धा थे।

    वह एक विद्वान, पत्रकार, शिक्षाविद्, कानूनी विद्वान, समाज सुधारक और राजनीतिक नेता थे। वह भारतीय संविधान के प्रमुख वास्तुकार थे।

    वायसराय काउंसिल में श्रम मंत्री के रूप में, डॉ. अम्बेडकर ने 1942 में काम को 12 घंटे से घटाकर 8 घंटे करने के लिए संघर्ष का सफलतापूर्वक नेतृत्व किया था।

    आज कम लोग जानते है कि, उन्होंने भारत में ‘एम्प्लॉयमेंट एक्सचेंज की स्थापना में भी अहम भूमिका निभाई थी।

    डॉ. अम्बेडकर ने शिक्षा को सामाजिक रूप से पिछड़े लोगों को निरक्षरता, अज्ञानता और अंधविश्वास से मुक्ति दिलाने के एक साधन के रूप में देखा।

    उन्होंने समाज के कमजोर वर्गों के शैक्षिक हितों को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से 1945 में पीपुल्स एजुकेशन सोसायटी की स्थापना की। आज भी यह संस्था शिक्षा क्षेत्र में निरंतर कार्य कर रही है।

    डॉ. अम्बेडकर भी लैंगिक समानता के लिए एक योद्धा थे और उन्होंने विरासत और विवाह में महिलाओं के लिए समान अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी।

    डॉ. अम्बेडकर भारत का सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक परिवर्तन देखना चाहते थे।

    वह भारत को जातिवाद और सांप्रदायिकता से छुटकारा दिलाना चाहते थे और देश के हर कोने में शिक्षा और विकास लाना चाहते थे।

    आज मुख्यमंत्री जी तथा उपमुख्यमंत्री जी ने बताया है कि इंदु मिल कंपाऊंड के स्थान पर डॉ. अम्बेडकर का भव्य स्मारक निर्माण हो रहा है। पुरे देश के लिये, सभी छात्र-छात्राएं और युवाओं के लिये यह स्मारक प्रेरणा स्थल सिद्ध होगा ऐसा मुझे विश्वास है।

    यह स्मारक हमें समानता, न्याय और गरिमा के सिद्धांतों पर आधारित जातिविहीन समाज के निर्माण के लिए प्रयास करने के लिये प्रोत्साहित करता रहेगा।

    मैं स्वर्गीय डॉ. अम्बेडकर की ६७ वे महापरिनिर्वाण दिन के अवसर पर उनकी स्मृति को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पण करता हूं और आयोजकों को उत्कृष्ट व्यवस्था के लिए धन्यवाद देता हूं।

    धन्यवाद ।
    जय हिन्द ! जय महाराष्ट्र !!
    जय भीम !! जय संविधान !!