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    06.09.2023 : कौशल, रोजगार, उद्यमिता और नवाचार विभाग द्वारा आयोजित ‘महाराष्ट्र इंटरनेशनल’ का शुभारंभ और जर्मनी और जापान में नौकरियों के लिए चयनित ITI प्रशिक्षित कुशल कर्मियों का सम्मान

    प्रकाशित तारीख: September 6, 2023

    कौशल, रोजगार, उद्यमिता और नवाचार विभाग द्वारा आयोजित ‘महाराष्ट्र इंटरनेशनल’ (कुशल कर्मियों के लिए विदेशी प्लेसमेंट) का शुभारंभ और जर्मनी और जापान में नौकरियों के लिए चयनित ITI प्रशिक्षित कुशल कर्मियों का सम्मान। स्थान: सह्याद्रि राज्य अतिथि गृह, 6 सितंबर 2023

    ‘कुशल महाराष्ट्र – रोजगार युक्त महाराष्ट्र’ के तहत ‘महाराष्ट्र राज्य आंतर्राष्ट्रीय रोजगार सुविधा केंद्र’ ‘महाराष्ट्र इंटरनेशनल’ के उद्घाटन के अवसर पर उपस्थित

    श्री मंगल प्रभात लोढ़ा, माननीय कौशल, रोजगार, उद्यमिता और नवाचार मंत्री

    श्री दीपक केसरकर, माननीय शिक्षा एवं मराठी भाषा मंत्री

    श्री आशीष कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव, कौशल

    डॉ. रामास्वामी एन, सीईओ, महाराष्ट्र स्टेट इनोवेशन सोसाइटी

    श्री दिगम्बर दलवी, निदेशक, व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण

    जर्मनी, जापान, फ्रांस, स्पेन और अन्य देशों के महावाणिज्यदूत

    अधिकारी गण

    भाईयों और बहेनों,

    मुझे महाराष्ट्र स्टेट स्किल डेवलपमेंट सोसाइटी इंटरनेशनल का शुभारंभ करने के लिए यहां आकर बेहद खुशी हो रही है।इस पहल से हम ‘स्किल इंडिया’ के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में मजबूत कदम उठा रहे हैं। मैं ‘महाराष्ट्र इंटरनेशनल’ पहल के शुभारंभ पर महाराष्ट्र सरकार को बधाई देता हूं।

    जर्मनी और जापान में दोहरे डिग्री कार्यक्रम और तकनीकी इंटर्नशिप कार्यक्रम के लिए चुने गये महाराष्ट्र के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के 55 प्रशिक्षुओं को सम्मानित करते हुए भी खुशी हो रही है। मैं चयनित प्रत्येक आईटीआई प्रशिक्षु को बधाई देता हूं।

    मैं, जर्मनी और जापान के महावाणिज्यदूतों को, उनके संबंधित देशों में कुशल कर्मियों की नियुक्ति को सुविधाजनक बनाने में उनके सहयोग के लिए हृदय से धन्यवाद देता हूं।

    महाराष्ट्र वास्तव में भाग्यशाली है कि, उसके पास एक बेहतरीन कौशल विकास मंत्री है, जो स्वयं सफल उद्यमी का उदाहरण पेश करता है। श्री मंगल प्रभात लोढ़ा भारत के सबसे सफल उद्यमियों में से एक हैं, जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और प्रतिभा से लोढ़ा समूह का निर्माण और विस्तार किया।

    उनके मार्गदर्शन में कौशल विकास विभाग कई नई उपलब्धियां हासिल कर रहा है। मैं उन्हें हार्दिक बधाई देता हूं।

    मुझे यह जानकर खुशी हुई कि कौशल, रोजगार, उद्यमिता और नवाचार विभाग राज्य में लगभग 1000 आईटीआई के माध्यम से 90 से अधिक ट्रेडों में सालाना 2.41 लाख युवाओं को प्रशिक्षित करके कुशल कार्यबल के विकास की दिशा में काम कर रहा है।

    विगत अनेक वर्ष तक, राज्य में फाउंड्री, इलेक्ट्रिक, कारपेंटरी, जैसे सीमित कौशल पाठ्यक्रम थे। आज महाराष्ट्र में आईटीआई द्वारा कई उन्नत पाठ्यक्रम पेश किए जाते हैं। उनकी संख्या बढ़ रही है। हमें इंडस्ट्रीज के साथ संपर्क में रहना होगा और नए और इनोवेटिव कोर्स डिजाइन करने होंगे।

    भारत विश्व का सबसे युवा देश बनकर कर उभरा है। आज, भारत की औसत आयु 29 वर्ष है, जब की जापान की 49 वर्ष, जर्मनी की 48 वर्ष, रशिया की 40 वर्ष और अमरिका की औसत आयु 39 वर्ष है। हमारे दो – तिहाई से अधिक भारतीय कामकाजी उम्र के है।

    यह भारत के लिए एक अभूतपूर्व लाभ है। जर्मनी, जापान जैसे उम्रदराज़ देश उनकी कुशल मानव संसाधन की बढ़ती आवश्यकता को पूरा करने के लिए भारत की ओर देख रहे हैं। जनसंख्या के लाभ से लाभान्वित होने के लिए, हमें अपनी युवा जनसंख्या को शिक्षित, कुशल और पुन: कुशल बनाना होगा। यह कार्य हमारे सभी कौशल प्रशिक्षण संस्थानो, आईटीआई को करना होगा।

    कोई भी हुनर या कौशल छोटा या बड़ा नहीं होता। यहां मौजूद जर्मनी के वाणिज्यदूत ने मुझसे कहा कि जर्मनी को मांस और मछली काटने के लिए कुशल कसाइयों की भी जरूरत है।

    सदियों से विदेशी अधीनता झेलने के बाद, भारतीय समाज ने कार्यों को व्हाईट कॉलर नौकरियों, नीली कॉलर नौकरियों आदि में विभाजित कर दिया है।

    कई बार देखने में आता है कि अनपढ आदमी रिक्षा चलाके अपनी रोजी रोटी कमा लेता है। लेकीन, हमारे ऐसे कई स्नातक हैं जो वर्षों तक बेरोजगार रहेंगे, लेकिन वे छोटे मोटे काम करना गरिमा से नीचे मानते हैं। इसलिए ‘श्रम की गरिमा’ ‘डिग्निटी ऑफ लेबर’ की अवधारणा को फिर से परिभाषित करने की आवश्यकता है।

    मुझे खुशी है कि पहली बार राज्य में सरकारी और निजी आईटीआई के आधुनिकीकरण और उन्नयन के लिए एक योजनाबद्ध और संरचित कार्यक्रम शुरू किया गया है।

    यह अत्यंत सामयिक और इसलिए सराहनीय है।

    हमें यह देखने की जरूरत है कि क्या कौशल विश्वविद्यालय तकनीकी डिग्री या डिप्लोमा पूरा करने वाले उम्मीदवारों को क्रेडिट दे सकते हैं।

    आज हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के युग में हैं। इस युग में कई नौकरियाँ निरर्थक होने जा रही हैं। कई कौशल अप्रचलित हो सकते हैं। इसलिए प्रत्येक युवा को एक से अधिक कौशल प्राप्त करने चाहिए।

    जिस प्रकार तंत्र कौशल महत्वपूर्ण हैं, वैसे ही ‘सॉफ्ट स्कील’ भी आज महत्वपूर्ण माने जाते हैं। हमारे युवा कल जाकर अलग-अलग राज्यों और यहां तक कि अलग-अलग देशों में काम रह रहे होंगे।

    उन्हें विदेशी भाषाएँ सीखने के लिए तैय्यार रहना चाहिए। मैं युवाओं और अभिभावकों से आह्वान करूंगा कि वे छात्रों को विदेशी भाषा सहित एक से अधिक भाषाएं सीखने के लिए प्रोत्साहित करें।

    आज डुओ-लिंगो जैसे एआई उपकरण हैं जहां आप विभिन्न भाषाओं की बुनियादी बातें घर बैठे, सीख सकते हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने स्कील, रिस्कील और अप-स्कील का महत्व अंकित किया है।

    मैं जर्मनी और जपान में ड्युअल डिग्री और इंटर्नशिप के लिये चयनित युवाओं से उत्कृष्टता और नैतिक मूल्यों को बनाए रखने की अपील करूंगा।

    ‘मेड इन जर्मनी’ और ‘मेड इन जापान’ शब्द आपको उत्पाद या सेवा की उच्चतम गुणवत्ता का आश्वासन देते हैं।

    उसी तरह से ‘मेड बाय इंडियंस’ से, लोगों को उत्पाद और सेवाओं के उच्चतम स्तर का आश्वासन मिलना चाहिए।

    इन्हीं शब्दों के साथ, मैं ‘महाराष्ट्र राज्य अंतर्राष्ट्रीय रोजगार सुविधा केंद्र – महाराष्ट्र इंटरनेशनल’ शुरू करने के लिए महाराष्ट्र सरकार और विशेष रूप से कौशल विकास विभाग को हार्दिक बधाई देता हूं। साथ ही जर्मनी और जापान में प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए चुने गए ITI प्रशिक्षुओं को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं।

    धन्यवाद।
    जय हिन्द। जय महाराष्ट्र।।