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    04.06.2023 : वसंतराव नाईक एग्रीकल्चरल रिसर्च एंड रूरल डेवलपमेंट फाउंडेशन द्वारा आयोजित महाराष्ट्र के पद्म पुरस्कार विजेताओं और राष्ट्रीय वीरता पुरस्कारों के विजेताओं का सम्मान समारोह

    प्रकाशित तारीख: June 4, 2023

    वसंतराव नाईक एग्रीकल्चरल रिसर्च एंड रूरल डेवलपमेंट फाउंडेशन द्वारा आयोजित महाराष्ट्र के पद्म पुरस्कार विजेताओं और राष्ट्रीय वीरता पुरस्कारों के विजेताओं का सम्मान समारोह

    श्री. राजेंद्र बारवाले, अध्यक्ष, वसंतराव नाईक फाउंडेशन,

    श्री अविनाश नाईक, कार्यकारी अध्यक्ष,

    एडवोकेट निलय नाईक, सदस्य, विधान परिषद

    श्री इंद्रनील नाईक, सदस्य, राज्य विधान सभा

    श्री मुश्ताक अंतुले, श्री दीपक पाटिल,

    महाराष्ट्र के सभी प्रतिष्ठित पद्म पुरस्कार विजेता,

    राज्य के सभी राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार विजेता छात्र – छात्राएँ,

    देवियों और सज्जनों,

    राज्य के सभी पद्म पुरस्कार विजेताओं तथा नन्हें मुन्ने राष्ट्रीय वीरों को राजभवन में देखकर मुझे अत्यंत हर्ष का अनुभव हो रहा है।

    यह समारोह हमारे लिए अद्वितीय है, क्योंकि यह हमें पद्म पुरस्कारों और वीरता पुरस्कारों के सभी प्राप्तकर्ताओं को अभिनंदन करने का अवसर प्रदान करता है।

    दरबार हॉल में आयोजित यह अभिनंदन, आपकी उत्कृष्ट उपलब्धि के लिए राज्य की ओर से एक शाबाशी है। सचमुच हमें आप पर गर्व है !!.

    मैं पद्म भूषण पुरस्कार के सभी प्राप्तकर्ताओं, पद्मश्री पुरस्कार के प्राप्तकर्ताओं और महाराष्ट्र के राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के युवा प्राप्तकर्ताओं को राज्य को गौरवान्वित करने के लिए बधाई देता हूं।

    पिछले ३६ वर्षों से, वसंतराव नाईक कृषि अनुसंधान और ग्रामीण विकास फाउंडेशन पद्म पुरस्कारों और अन्य राष्ट्रीय पुरस्कारों के प्राप्तकर्ताओं को सम्मानित करता आ रहा है।

    फाउंडेशन के नाम से पता चलता है कि यह फाउंडेशन कृषि, बागवानी, पशुपालन और मत्स्य पालन के क्षेत्र में वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को सम्मानित करके ग्रामीण विकास और कृषि अनुसंधान में भी मदद कर रहा है।

    जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता का सम्मान करने और महाराष्ट्र के राष्ट्रीय पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित करने की परंपरा को निष्ठा से जारी रखने के लिए फाउंडेशन को बधाई देता हूं।

    देवियों और सज्जनों,

    मुझे बताया गया है कि इस कार्यक्रम की शुरुवात हमेशा महाराष्ट्र गीत “जय जय महाराष्ट्र माझा, गर्जा महाराष्ट्र माझा” के गायन से होती आई है।

    बडे सौभाग्य की बात है की हमारे प्रदेश सरकार ने इसी गीत को राज्यगीत के रूप में स्वीकृती दी है।

    ये जादुई पंक्तियां हममें से प्रत्येक के मन में राज्य के लिए गर्व की भावना जगाती हैं। ये पंक्तियाँ मुझे महाराष्ट्र के गठन की भी याद दिलाती हैं।

    आप में से बहुत से लोग जानते होंगे कि इसी राजभवन में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 1 मई 1960 को महाराष्ट्र के मानचित्र का अनावरण किया था और महाराष्ट्र राज्य के गठन की घोषणा की थी।

    पिछले ६३ वर्षों के दौरान, महाराष्ट्र ने सामाजिक, आर्थिक और मानव विकास के मामले में शानदार प्रगति की है।

    हमने देश की आर्थिक महाशक्ति के रूप में अपनी स्थिति को और मजबूत किया है। महाराष्ट्र देश का पहिला राज्य है जो १ ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था की तरफ अग्रसर हो रहा है।

    मुंबई को अक्सर भारत की वित्तीय राजधानी कहा जाता है। लेकिन महाराष्ट्र भारत की सांस्कृतिक राजधानी भी है। राज्य ने संगीत, नृत्य, ललित कलाओं, लोक कलाओं, जनजातीय कलाओं और अन्य प्रदर्शन कलाओं और साहित्य में अपना नेतृत्व कायम रखा है।

    मुंबई में स्थित भारतीय फिल्म उद्योग ने पूरी दुनिया में अपनी लोकप्रियता और वैश्विक अपील के कारण सार्वभौमिक प्रशंसा अर्जित की है। राज्यपाल के रूप में, मैं अक्सर मुंबई आने वाले विदेशी गणमान्य लोगों से मिलता हूं। वे हमेशा बॉलीवुड के बारे में जिक्र करते हैं और वे शूटिंग के लिए बॉलीवुड फिल्म क्रू को अपने देश में आमंत्रित करने के इच्छुक हैं।

    महाराष्ट्र संतों और समाज सुधारकों की भूमि रहा है। यह छत्रपति शिवाजी महाराज, धर्मवीर संभाजी महाराज, सरखेल कान्होजी आंग्रे, महात्मा फुले, सावित्रीबाई फुले, शाहू महाराज, लोकमान्य तिलक, वीर सावरकर, महर्षि कर्वे, भारतरत्न डॉ अम्बेडकर और कई अन्य लोगों की भूमि है।

    राज्य के लोग प्रगतिशील विचार और विद्वता की इस महान विरासत के उत्तराधिकारी हैं।

    महाराष्ट्र अपनी स्थापना से ही एक परिपक्व राजनीतिक नेतृत्व के लिए भाग्यशाली है, जिसने राज्य की नियति का मार्गदर्शन किया।

    महाराष्ट्र के विभिन्न मुख्यमंत्रियों में स्वर्गीय श्री वसंतराव नाईक द्वारा किए गए कार्यों को राज्य के लोग आज भी याद करते है। श्री नाईक को महाराष्ट्र के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले मुख्यमंत्री होने का गौरव प्राप्त था।

    स्वर्गीय श्री वसंतराव नाईक के कार्यकाल में राज्य ने 1971-1974 के दौरान भीषण सूखा और अकाल देखा था। उनके द्वारा स्थापित कृषि विश्वविद्यालय, कृषक समुदाय और उनके माध्यम से राज्य की अतुलनीय सेवा कर रहे हैं।

    मुख्यमंत्री के रूप में स्वर्गीय श्री नाईक ने क्रांति का सूत्रपात किया। ‘ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना’, जो लाखों किसानों के लिए वरदान साबित हुई, उनके द्वारा शुरू की गई थी। ईजीएस योजना को बाद में राष्ट्रीय स्तर पर अपनाया गया और मनरेगा के रूप में आज भी लागू किया जाता है।

    ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन हमारी खाद्य सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा बनकर उभरा है।

    हमें देश और दुनिया की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कृषि में नवाचार की आवश्यकता है।

    पिछली हरित क्रांति को देखे हुए हमें छह दशक से अधिक हो गए हैं।

    शाश्वत कृषि, मिलेट फार्मिंग और जल कुशल फसलों को शामिल करते हुए दूसरी हरित क्रांति का अनावरण करने का समय आ गया है।

    आज उपस्थित सभी पुरस्कार विजेता महाराष्ट्र के अचीवर्स हैं और हमें आपसे राज्य के लिए बहुत उम्मीदें हैं।

    मेरे मन में कोई संदेह नहीं है कि हम सब मिलकर अपने व्यक्तिगत और सामूहिक प्रयासों से महाराष्ट्र को ‘सुजलाम और सुफलाम’ बना सकते हैं।

    इन्हीं शब्दों के साथ, मैं आप सभी को एक बार फिर से बधाई देता हूं और वसंतराव नाइक फाउंडेशन के अच्छे काम में सफलता की कामना करता हूं।

    धन्यवाद। जय हिन्द। जय महाराष्ट्र।