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    03.09.2023 : जय महाकाली शिक्षण संस्थान, वर्धा द्वारा आयोजित शिव शंकर सभागार का उद्घाटन एवं मेधावी छात्र-छात्राओं का सम्मान समारोह

    प्रकाशित तारीख: September 3, 2023

    जय महाकाली शिक्षण संस्थान, वर्धा द्वारा आयोजित शिव शंकर सभागार का उद्घाटन एवं मेधावी छात्र-छात्राओं का सम्मान समारोह 3 सितम्बर 2023

    डॉ. सुभाष चौधरी, कुलपति, राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय

    डॉ. प्रशांत बोकारे, कुलपति, गोंडवाना विश्वविद्यालय, गड़चिरोली

    पं. शंकर प्रसाद अग्निहोत्री, अध्यक्ष, जय महाकाली शिक्षण संस्था

    श्री सचिन अग्निहोत्री, सचिव, जय महाकाली शिक्षण संस्थान

    जन प्रतिनिधि

    विशिष्ट आमंत्रित गण

    फॅकल्टी सदस्य

    पूर्व छात्र-छात्राएं

    कर्मचारी गण

    देवियों और सज्जनों

    सबसे पहले मैं, महात्मा गांधी, आचार्य विनोबा भावे, बाबा आमटे, सिंधुताई सपकाल, उद्योगपति जमनालाल बजाज और स्वतंत्रता सेनानी पांडुरंग खानखोजे जैसी महान विभूतियों के पदचिन्हो से विभूषित, वर्धा की पवित्र भूमि को, वंदन करता हूं।

    मुझे जय महाकाली शिक्षण संस्थान का दौरा करने और ‘शिव शंकर ऑडिटोरियम’ का उद्घाटन करते हुए खुशी हो रही है।

    आज जय महाकाली शिक्षण संस्थान के विभिन्न कॉलेजों और संस्थानों के मेधावी छात्रों को उनके शैक्षणिक, अन्य विधाओं तथा खेलकूद गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मानित करते हुए खुशी हो रही है। आज सम्मानित सभी छात्र-छात्राओं का मै हार्दिक अभिनंदन करता हुं।

    पंडित शंकर प्रसाद जी अग्निहोत्री एक स्वयं-निर्मित ‘सेल्फ मेड’ व्यक्ति हैं।

    अनेक संस्थानो का निर्माण करने वाले वह, स्वयं ‘वन मैन इंस्टीट्यूशन’ है। वर्धा के सामाजिक तथा शैक्षणिक विकास में उनका योगदान असाधारण है।

    पंडित अग्निहोत्री जी ने अपने जीवन के 76 वर्षों की, अबतक की आयु में, जितना बडा कार्य खडा किया, वह संभवतः कोई कई जन्मों में भी नहीं कर सकता है।

    वर्ष 1985 में उनके द्वारा लगाया गया ‘जय महाकाली शिक्षण संस्थान’ का छोटा सा पौधा आज कई शाखाओं वाला एक विशाल बरगद का पेड़ बन गया है।

    उनके मार्गदर्शन में अभी तक 2 इंजीनियरिंग कॉलेज, फार्मेसी कॉलेज, 3 पॉलिटेक्निक कॉलेज, लॉ कॉलेज, कॉलेज ऑफ एजुकेशन, कॉलेज ऑफ फिजिकल एजुकेशन, कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट एंड कंप्यूटर साइंस, हाईस्कूल और जूनियर कॉलेज शुरू हुए हैं।

    मुझे लगता है कि, जय महाकाली शिक्षण संस्था के छात्रों को, किसी दूसरे ‘रोल मॉडल’ की तलाश करने की जरूरत नहीं है। संस्थापक पंडित अग्निहोत्री जी स्वयं ही आप सबके लिये रोल मोडल हैं।

    मैं जय महाकाली शैक्षणिक संस्थान शुरू करने और वर्धा की सामाजिक-आर्थिक उन्नती में अपने योगदान के लिए पंडित शंकर प्रसाद अग्निहोत्री जी को हार्दिक बधाई देता हूं।

    प्रिय छात्रों, शिक्षकों और आमंत्रितों

    पिछले सप्ताह हमारे वैज्ञानिक समुदाय ने चंद्रयान-3 मिशन को सफलतापूर्वक पूरा करके देश का नाम पूरे विश्व में रौशन कर दिया हैं। भारत, चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश बन गया है।

    चंद्रमा मिशन की सफलता के बाद भारत अपना सोलर मिशन लॉन्च कर रहा है और आदित्य एल-1 को श्रीहरिकोटा से लॉन्च कर रहा है।

    खेल के क्षेत्र में, हमारे देश के ऑलम्पिक मेडलिस्ट, नीरज चोपड़ा ने बुडापेस्ट में आयोजित विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीता।

    ये तीन घटनाएं बताती हैं कि भारत वास्तव में वैश्विक मंच पर आ गया है। भारत के माननीय प्रधान मंत्री ने निकट भविष्य में भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का संकल्प किया है।

    हमारी तेजी से बदलती दुनिया में, शिक्षा प्रगति की आधारशिला है।

    राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ने हमारी शिक्षा प्रणाली के लिए एक परिवर्तनकारी दृष्टिकोण सामने रखा है, जिसमें समग्र शिक्षा, आलोचनात्मक सोच और प्रौद्योगिकी के एकीकरण पर जोर दिया गया है।

    आज का युग कौशल का युग है। आज का युग एंटरप्रेन्योरशिप का युग है। आज का युग स्टार्टअप का युग है। आज का युग इनोव्हेशन का युग है। आज का युग डिसरप्टिव्ह बदलाव का युग है।

    भारत विश्व का सबसे युवा देश करके उभरा है। आज, भारत की औसत आयु 29 वर्ष है, जब की जापान की 49 वर्ष, जर्मनी की 48 वर्ष, रशिया की 40 वर्ष और अमरिका की औसत आयु 39 वर्ष है। हमारे दो-तिहाई से अधिक भारतीय कामकाजी उम्र के है।

    यह भारत के लिए एक अभूतपूर्व लाभ है। जर्मनी, जापान जैसे उम्रदराज़ देश उनकी कुशल मानव संसाधन की बढ़ती आवश्यकता को पूरा करने के लिए भारत की ओर देख रहे हैं। जनसंख्या के लाभ से लाभान्वित होने के लिए, हमें अपनी युवा आबादी को शिक्षित, कुशल और पुन: कुशल बनाना होगा। यह कार्य जय महाकाली शिक्षा संस्था जैसे संस्थाओं को करना होगा।

    देवियों और सज्जनों,

    भारत में, सार्वजनिक निधी पर चलने वाली, विश्व की तीसरी सबसे बड़ी उच्च शिक्षा प्रणाली है।

    वर्ष 2020 तक, भारत में 416 से अधिक राज्य विश्वविद्यालय, 54 केंद्रीय विश्वविद्यालय, 125 डीम्ड युनिव्हर्सिटी, 361 प्राइवेट यूनिवर्सिटी और 159 राष्ट्रीय महत्व के उच्च शिक्षा संस्थान, जैसे AIIMS, IIT, IIM आदि शामिल हैं।

    भारत ने अब 50 प्रतिशत सकल नामांकन अनुपात (ग्रोस एनरोलमेंट रेशो) प्राप्त करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। यह लक्ष्य हासील करने में भी शिक्षा संस्थाओं के सहयोग की आवश्यकता है।

    हालाँकि, अधिक सकल नामांकन बढाने के प्रयास में, उत्कृष्टता में कुछ कमी न आये इसपर हमें ध्यान देनेकी अत्याधिक जरुरत है। शिक्षा में गुणवत्ता का स्तर गिरेगा तो हमारे युवक बाहर देशो में शिक्षा के लिये जायेंगे और हमारा ‘ब्रेन ड्रेन’ होगा।

    आज, दुनिया के शीर्ष 200 विश्वविद्यालयों में हमारे केवल इंडियन इन्स्टिट्यूट ऑफ सायन्स, बैंगलोर, IIT, दिल्ली और IIT मुंबई को स्थान दिया गया है।

    हमारे विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों को शिक्षण की गुणवत्ता पर नए सिरे से जोर देना होगा। छात्रों को उच्चतर शिक्षा से जोडने के लिए सीखने की नवीन तकनीकों को अपनाना होगा। सामग्री और पाठ्यक्रम को संशोधित करना होगा। अनुसंधान को उच्च शिक्षा प्रणाली का अभिन्न अंग बनाना होगा और नवाचार को प्रोत्साहित करना होगा।

    मैं जय महाकाली संस्था से अपने कुछ कॉलेजों को ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ में बदलने का आग्रह करुंगा।

    मित्रों,

    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के उद्भव की पृष्ठभूमि में, संपूर्ण शिक्षा प्रणाली में आमूल-चूल परिवर्तन आना तय है। आज केवल साक्षर होना ही पर्याप्त नहीं है। आपको AI साक्षर होना जरुरी है।

    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के युग में सीखना आजीवन और निरंतर रखना होगा। हमें आगे बने रहने के लिए अपने लोगों को स्कील, रिस्कील और अपस्कील के लिये तैयार रहना होगा।

    एक से अधिक कौशल सीखने से भारतीयों को AI और मशीन लर्निंग से उत्पन्न जॉब लॉसेस के खतरों से बचने में मदद मिलेगी।

    मेरा संस्था से आग्रह होगा, हम अपनी शिक्षा को AI और मशीन लर्निंग के अनुरूप कैसे ढाल सकते है, इसपर चिंतन और पहल करे। AI व्यवस्था से लाभ उठाने के लिए हमे स्कीलिंग, रिस्कीलिंग की रणनीति बनाने की आवश्यकता है।

    प्रिय आमंत्रितगण एवं मित्रो,

    कोई भी तकनीक इंसान से बड़ी नहीं है। मनुष्य ईश्वर की अद्वितीय रचना है। करुणा और दया केवल मनुष्य में होती है। दूसरों की सेवा करने की क्षमता, अनुकंपा और सहानुभूति केवल मनुष्य में होती है।

    मैं ‘जय महाकाली शिक्षण संस्था’ से अपने छात्रों और शिक्षकों को व्यापक सामाजिक और राष्ट्रीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में शामिल करने का आह्वान करूंगा।

    प्लास्टिक का उपयोग कम करना, जल संरक्षण और पेड़ लगाना जैसे सरल कार्य में छात्रो को शामिल करना चाहिये।

    छात्रों के बीच भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने का भी मै आह्वान करूंगा। दरअसल नई शिक्षा नीति छात्रों को उनकी मातृभाषा में शिक्षा देने पर जोर देती है।

    अंत में युवा छात्रों से आह्वान करुंगा कि पूरी दुनिया को आप कार्यस्थल बनाये। अपने आप को केवल वर्धा, नागपूर, पुणे या मुंबई तक ही सीमित न रखें। भारत के किसी भी राज्य, और दुनिया के किसी भी छोर तक, जाने के लिये तैयार हो जाइए।

    भारत वर्ष 2047 में स्वतंत्रता की शताब्दी मनाएगा। आप सभी 2047 में विकसित भारत देखने के लिए वहां मौजूद होंगे। इसे वास्तविकता में लाने के लिए समाज और राष्ट्र की सेवा करके अपनी भूमिका निभाने का आह्वान करता हूं और आप सभी को आनेवाले शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभ कामना देता हूं।

    धन्यवाद।
    जय हिंद। जय महाराष्ट्र।।