बंद

    01.11.2023 : हरियाणा, कर्नाटक, केरल, पंजाब और तमिलनाडु का राज्य स्थापना दिवस समारोह और अंदमान और निकोबार, चंडीगढ़, दिल्ली, लक्षद्वीप और पुडुचेरी केंद्र शासित प्रदेशों का स्थापना दिवस समारोह

    प्रकाशित तारीख: November 1, 2023

    हरियाणा, कर्नाटक, केरल, पंजाब और तमिलनाडु का राज्य स्थापना दिवस समारोह और अंदमान और निकोबार, चंडीगढ़, दिल्ली, लक्षद्वीप और पुडुचेरी केंद्र शासित प्रदेशों का स्थापना दिवस समारोह। महाराष्ट्र राजभवन। बुधवार। 1 नवंबर, 2023। 1200 बजे

    मंच पर उपस्थित विशिष्ट अधिकारी गण,

    आमंत्रित भाईयों और बहनों,

    सबसे पहले, मैं आप सभी का महाराष्ट्र राजभवन में हार्दिक स्वागत करता हूँ।

    आज अपना स्थापना दिवस मना रहे हैं, ऐसे सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की संस्कृति और परंपराओं की नृत्य और गीतोंके माध्यम से प्रस्तुति देने के लिए मै डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर मराठवाड़ा विश्वविद्यालय, छत्रपति संभाजीनगर और SNDT महिला विश्वविद्यालय के सभी छात्र – कलाकारों का हार्दिक अभिनंदन करता हूं। उन्हे बधाई देता हूं।

    इस रंगारंग प्रस्तूति के निदेशक, कोरिओग्राफर और निर्माताओं का भी मै हार्दिक अभिनंदन करता हूं। सभी युवा और प्रतिभाशाली कलाकार एक उत्कृष्ट मंचन के लिए हमारी प्रशंसा के पात्र है।

    महाराष्ट्र के विश्वविद्यालयों का कुलाधिपति होने के नाते, ये मेरे लिये गौरव और सौभाग्य की बात है कि मेरे विश्वविद्यालयों में एक से बढ़कर एक प्रतिभाशाली कलाकार है।

    यह पहली बार है कि, हम महाराष्ट्र राजभवन में हरियाणा, कर्नाटक, केरल, पंजाब और तमिलनाडु का राज्य स्थापना दिवस और अंदमान और निकोबार, चंडीगढ़, दिल्ली, लक्षद्वीप और पुडुचेरी का केंद्र शासित प्रदेश स्थापना दिवस मना रहे हैं।

    आज शाम को, हम मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ का स्थापना दिवस भी मना रहे है।

    अनेक राज्यों द्वारा आज ही के दिन अपना स्थापना दिवस मनाए जाने के ऐतिहासिक संदर्भ का मै उल्लेख करना चाहूंगा।

    वर्ष 1953 में, भारत सरकार ने राज्य की सीमाओं के पुनर्गठन की सिफारिश करने के लिए राज्य पुनर्गठन आयोग की नियुक्ति की थी।

    यह आवश्यक इसलिए था, क्योंकि स्वतंत्रता से पहले हमारे बहुत बड़े राज्य थे और कुछ पूर्व रियासतें और केंद्र शासित प्रदेश थे। इन राज्यों की सीमाएँ ब्रिटिश शासन द्वारा तय की गयी थीं और ये राज्य आसान प्रशासन के लिए उपयुक्त नहीं थे।

    जस्टिस फ़ज़ल अली कमिशन के नाम से जाने जाने वाले आयोग ने समान भाषा की तर्ज पर राज्यों के गठन की सिफारिश की।

    सिफ़ारिशों को आंशिक रूप से स्वीकार कर लिया गया और 1 नवंबर 1956 को राज्यों के गठन की तारीख के रूप में चुना गया।

    उस दिन, 14 राज्यों और 6 केंद्र शासित प्रदेशों का जन्म हुआ।

    यही कारण है कि इतने सारे राज्य और केंद्रशासित प्रदेश आज अपना स्थापना दिवस मना रहे हैं।

    मै हमेशा कहता हूं कि भारत के राज्य खूबसूरत फूलों की तरह हैं। सभी राज्य मिलकर भारत-वर्ष को फूलों का सुंदर गुलदस्ता बनाते हैं।

    आज जब हम स्थापना का उत्सव मना रहे हैं तो हमें लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल का स्मरण अवश्य करना चाहिये।

    सरदार पटेल ने देश को एकजुट करने में सबसे अहम भूमिका निभाई थी।

    माननीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी ने ठीक ही कहा है, और मैं उद्धृत करता हूँ:

    “सरदार पटेल ने हमें ‘एक भारत’ दिया। अब यह 125 करोड़ भारतीयों का सामुहिक कर्तव्य है कि हम मिलकर उसे ‘श्रेष्ठ भारत’ बनाएं।”

    इसी दृष्टि से भारत सरकार ने एक भारत, श्रेष्ठ भारत का मिशन प्रारम्भ किया।

    मिशन के दो मुख्य लक्ष्य हैं:

    एक, हमारे राष्ट्र की विविधता में एकता का उत्सव मनाना और हमारे लोगों के बीच भावनात्मक संबंधों को और भी मजबूत करना।

    दुसरा, लोगों को भारत की विविधता को सराहने का अवसर प्रदान करने के लिए राज्यों की समृद्ध विरासत और संस्कृति, रीति-रिवाजों और परंपराओं को प्रदर्शित करना।

    सातवी सदी में आदि शंकराचार्य ने देश के चार कोनों में बदरिकाश्रम, श्रृंगेरी, द्वारिका और पुरी गोवर्धन मठों की स्थापना की थी।

    इन चार पीठों की स्थापना हमारे भारत वर्ष को साझी संस्कृति के सूत्र में बांधने की दिशा में एक बहुत बड़ा कदम था।

    हमारे संतों और समाज सुधारकों ने इसी सूत्र को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

    महाराष्ट्र के संत नामदेव भक्ति मार्ग का संदेश लेकर पंजाब गये। दुसरी ओर, सिक्खों के 10 वें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह ने अपने अंतिम कुछ वर्ष महाराष्ट्र के नांदेड़ में बिताए।

    उन्नीस वी सदी में स्वामी विवेकानन्द के सांस्कृतिक योगदान को कोई नहीं भूल सकता।

    अपने भाषणों और लेखों के माध्यम से, विवेकानन्द ने लोगों के मन में भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के प्रति विश्वास पैदा किया।

    हमारा देश और राज्य इस विरासत के हकदार है।

    वीर योद्धाओं की भूमि हरियाणा ने देश की रक्षा सेनाओं में बहुत बड़ा योगदान दिया है।

    कर्नाटक, अपनी संस्कृती तथा तकनीकी क्षमता के साथ, प्रगति और नवाचार के प्रतीक के रूप में खड़ा है।

    केरल, जिसे “भगवान का अपना देश” कहा जाता है, अपनी हरियाली, बैकवाटर और सर्व धर्म समावेशिता की विरासत से मुग्ध कर देता है।

    पांच नदियों की भूमि, पंजाब, वीरता, कृषि और एक जीवंत संस्कृति की भावना से गूंजती है।

    भाषा, साहित्य, इतिहास और शास्त्रीय कलाओं से समृद्ध तमिलनाडु सांस्कृतिक विरासत का गढ़ है।

    इनमें से प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश का हमारी साझी विरासत में बहुत बड़ा योगदान है।

    यह जरूरी है कि हम उस समृद्ध सांस्कृतिक विविधता को संजोएं और संरक्षित करें जो ये राज्य और केंद्र शासित प्रदेश हमारे देश में लाते हैं।

    मैं आप सभी से भारत देखने और विभिन्न राज्यों के लोगों के बीच रहने की अपील करूंगा। इससे एकता और राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने में काफी मदद मिलेगी।

    आज दिये गये उत्कृष्ट प्रस्तुतियों के लिए मै कलाकारों और अधिकारियों की सराहना करता हूं तथा भारत को फिर से महान राष्ट्र बनाने में अपनी छोटी भूमिका निभाने का आह्वान करता हूं।

    सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के स्थापना दिवस के अवसर पर हमारे निमंत्रण का सम्मान करने के लिए मैं आपको धन्यवाद देता हूं।

    धन्यवाद। जय हिन्द। जय महाराष्ट्र।।