02.12.2025 महाराष्ट्र ‘राजभवन; झाले आता ‘लोकभवन’
महाराष्ट्र ‘राजभवन; झाले आता ‘लोकभवन’
केंद्र शासनाच्या मार्गदर्शक सूचनेनुसार महाराष्ट्र राजभवनचे नाव आता अधिकृतपणे ‘महाराष्ट्र लोकभवन’ असे करण्यात आले आहे. महाराष्ट्र व गुजरातचे राज्यपाल आचार्य देवव्रत यांनी या संदर्भात राजभवन सचिवालयाला निर्देश दिले आहेत.
राजभवन अधिक लोकाभिमुख, पारदर्शक आणि लोक कल्याणासाठी समर्पित करण्याच्या उद्देशाने हा निर्णय दिशादर्शक आहे असे राज्यपालांनी सांगितले.
‘लोकभवन’ म्हणून ओळखले जाणारे राज भवन आता केवळ राज्यपालांचे निवासस्थान व कार्यालय न राहता, राज्यातील नागरिक, समाजातील विविध घटक, विद्यार्थी, संशोधक, शेतकरी आणि नागरी संघटनांशी संवाद व सहभाग यांचे एक केंद्र व्हावे अशी अपेक्षा राज्यपालांनी व्यक्त केली.
‘लोकभवन’ हे सरकार आणि राज्यातील जनतेमध्ये सेवा, सहकार्य व संवादाचा सेतू व्हावे, हीच या नामांतरामागची भूमिका आहे, असे त्यांनी सांगितले.
‘लोकभवन’ केवळ संवैधानिक कर्तव्यांपुरते मर्यादित न राहता, समाजाच्या आशा, आकांक्षा आणि समस्यांप्रीति संवेदनशील राहून त्यांच्याशी थेट नाते जपणारे खऱ्या अर्थाने लोक भवन असेल असे राज्यपालांनी स्पष्ट केले.
महाराष्ट्र राजभवन का नाम अब ‘महाराष्ट्र लोक भवन’
केंद्र सरकार के मार्गदर्शक निर्देशों के अनुसार महाराष्ट्र राजभवन का नाम अब आधिकारिक रूप से ‘महाराष्ट्र लोक भवन’ कर दिया गया है।
महाराष्ट्र और गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने इस संबंध में राजभवन सचिवालय को आवश्यक निर्देश जारी किए हैं।
राज्यपाल महोदय ने कहा कि यह निर्णय लोकभवन को अधिक जन-केंद्रित, पारदर्शी और लोककल्याण हेतु पूर्णतः समर्पित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण और मार्गदर्शक कदम है।
उन्होंने यह अपेक्षा भी व्यक्त की कि ‘लोक भवन’ के रूप में जाना जाने वाला यह भवन अब केवल राज्यपाल का निवास और कार्यालय तक सीमित न रहकर, राज्य के नागरिकों, समाज के विभिन्न वर्गों, छात्रों, शोधकर्ताओं, किसानों और नागरिक संगठनों के साथ संवाद, सहयोग और सहभागिता का एक जीवंत केंद्र बने।
राज्यपाल महोदय ने यह भी कहा कि ‘लोक भवन’ का नामकरण इस उद्देश्य को प्रतिबिंबित करता है कि यह भवन सरकार और राज्य की जनता के बीच सेवा, सहयोग और संवाद का एक मजबूत सेतु बने।
उन्होंने स्पष्ट किया कि लोक भवन संविधानिक दायित्वों तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह समाज की आशाओं, आकांक्षाओं और समस्याओं के प्रति संवेदनशील रहकर, जनता से सीधा और सार्थक संबंध बनाए रखेगा—तभी यह अपने वास्तविक अर्थ में ‘लोक भवन’ कहलाएगा।