21.03.2024 : राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय के ‘नॅशनल सिक्योरिटी अँड स्ट्रॅटेजिक स्टडीज’ कोर्स के लिये चयनित सदस्यों की बैठक
राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय के ‘नॅशनल सिक्योरिटी अँड स्ट्रॅटेजिक स्टडीज’ कोर्स के लिये चयनित सदस्यों की बैठक। 21 मार्च 2024
रिअर एडमिरल संजय सचदेवा, वरिष्ठ निदेशक, राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय
राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज में ‘नॅशनल सिक्योरिटी अँड स्ट्रॅटेजिक स्टडीज’ कोर्स के लिये चयनित भारतीय सशस्त्र बलों के ब्रिगेडियर और समकक्ष अधिकारी
सिविल सर्विसेज से आये जॉइंट सेक्रेटरी / निदेशक तथा विश्व के विविध देशों से आये मिलिट्री ऑफिसर
महाराष्ट्र राजभवन में आप सभी का हार्दिक स्वागत करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है।
मैं राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज में हो राहे ‘नॅशनल सिक्योरिटी एन्ड डिफेन्स स्टडीज’ कोर्स में अपना प्रशिक्षण ले रहे सभी प्रतिभागियों को बधाई देता हूं।
नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज (एनडीसी), राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीति के अध्ययन और अभ्यास के लिए भारत का सर्वोच्च शिक्षण संस्थान है।
1960 में स्थापित, रक्षा मंत्रालय द्वारा संचालित इस संस्थान ने उत्कृष्टता के लिए प्रतिष्ठा अर्जित की है और विश्व ख्याति प्राप्त की है।
संस्थान ने आज तक देश – विदेश के हजारो अधिकारियों का प्रशिक्षण किया है। इन सभी अधिकारियों अपने – अपने देश में विभिन्न क्षेत्रों में नेतृत्व प्रदान किया है।
मुझे यह जानकर खुशी हुई कि पाठ्यक्रम में भाग लेने वाले विदेशी छात्रों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
हमारे लिए बड़े गर्व की बात है की अभी तक, 70 देशों ने एनडीसी पाठ्यक्रमों में प्रतिनिधित्व किया है।
हालाँकि मैं प्रशिक्षण में अधिक महिला अधिकारियों को देखना चाहता हूँ।
हम सभी के साथ शांति से रहना चाहते हैं। लेकिन, कोई भी देश आदर्शवादी तरीके से नहीं रह सकता है। खासकर जब पडोसी राष्ट्र अशांति या अलगाववाद को बढावा देते है, तो हम शांत नही बैठ सकते। हमें किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए।
नेशनल डिफेन्स कॉलेज का मोटो संस्कृत में ‘बुद्धि यस्य, बलम तस्य’ है। जिसका अर्थ है ‘बुद्धि ही शक्ति है’।
महाराष्ट्र भारत की वित्तीय राजधानी है। यह देश का आर्थिक विकास इंजन है। भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में राज्य प्रमुख भूमिका निभाने जा रहा है।
आज हम विघटनकारी परिवर्तनों के युग में जी रहे हैं। राष्ट्र की संप्रभुता की रक्षा करना महत्वपूर्ण होगा। साथ ही हमें आर्थिक और डिजिटल संप्रभुता को भी बनाए रखना होगा।
सुरक्षा अब केवल क्षेत्रीय अखंडता के संरक्षण तक ही सीमित नहीं है क्योंकि इसमें आर्थिक, ऊर्जा, खाद्यान्न, स्वास्थ्य, पर्यावरण और राष्ट्रीय भलाई के कई अन्य आयाम शामिल हैं। कृत्रिम बुद्धिमत्ता डेटा सुरक्षा को चिंता का मुद्दा बनने जा रही है।
हमारी जैसी लोकतांत्रिक व्यवस्था में राज्य के विभिन्न अंगों को एक-दूसरे की शक्तियों और सीमाओं को समझना चाहिए।
राजनीतिक नेतृत्व और वरिष्ठ सिविल सेवा अधिकारियों को रक्षा बलों की क्षमताओं और सीमाओं से परिचित होना चाहिए।
इसी तरह, सशस्त्र बल के अधिकारियों को उन सीमाओं और संवैधानिक ढाँचे को समझने की ज़रूरत है जिनके तहत राजनीतिक व्यवस्था और सिविल सेवाएँ कार्य करती हैं।
महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए दोनों को राष्ट्रीय सुरक्षा के व्यापक परिप्रेक्ष्य के बारे में पता होना चाहिए।
मुझे आशा है कि यह पाठ्यक्रम आपको अधिक जागरूक और सुविज्ञ व्यक्ति बनाएगा, जो देश की सुरक्षा के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए तर्कसंगत निर्णय ले सकेंगे।
अंत में, मैं एक बार फिर आप सभी को आपके भविष्य के प्रयासों में सफलता की शुभकामनाएं देता हूं और आशा करता हूं कि आप सभी राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज और अपने संबंधित देशों के लिए और अधिक गौरव हासिल करेंगे।
धन्यवाद।