बंद

    29.08.2023 : महाराष्ट्र राज्य खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड तथा ‘मेघाश्रेय संस्था’ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ‘ग्रामोद्योग भरारी सम्मान’ समारोह

    प्रकाशित तारीख: August 29, 2023

    महाराष्ट्र राज्य खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड तथा ‘मेघाश्रेय संस्था’ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ‘ग्रामोद्योग भरारी सम्मान’ समारोह

    श्री उदय सामंत, उद्योग मंत्री, महाराष्ट्र शासन

    श्री रवींद्र साठे, अध्यक्ष, महाराष्ट्र राज्य खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड

    डॉ हर्षदीप काम्बले, प्रधान सचिव, उद्योग विभाग

    ‘मेघाश्रेय फाऊंडेशन’ की अध्यक्ष श्रीमती सीमा सिंह,

    राज्य खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड के अधिकारी – कर्मचारी गण

    प्रदेश के विभिन्न जिलों के ग्रामीण अंचलों से आये हमारे सफल उद्यमी,

    भाइयों और बहनों,

    ‘ग्रामोद्योग भरारी सम्मान’ समारोह के लिये आये सभी का मैं राजभवन में हार्दिक स्वागत करता हूं।

    ‘ग्रामोद्योग भरारी सम्मान’ आयोजन के लिए मैं महाराष्ट्र राज्य खादी एवं ग्रामोद्योग मंडल और ‘मेघाश्रेय संस्था’ मुंबई को बधाई देता हूं।

    मुझे ज्ञात किया गया है कि, मेघाश्रेय फाऊंडेशन तथा ‘महाराष्ट्र राज्य खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड’ ने इसी वर्ष से ग्रामोद्योग भरारी पुरस्कार का प्रारंभ किया है।

    जानकर प्रसन्नता हुई कि, ‘मेघाश्रेय फाऊंडेशन’ ने समाज के गरीब वर्ग के लिये विशेष रूप से शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में अच्छा कार्य कर रहा हैं।

    महाराष्ट्र राज्य खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड अपनी स्थापना से शिक्षित बेरोजगार लोगों, उद्यमियों, कारीगरों को समाज में नया व्यवसाय शुरू करने के लिये सहायता कर रहा है।

    आज बोर्ड का खादी एवं ग्रामोद्योग विकास का काम प्रदेश के हर जिले के हर गांव तक पहुंच गया है। यह बहुत खुशी की बात है कि महात्मा गांधी का सपना कि “सभी गांव आत्मनिर्भर हो” खादी बोर्ड द्वारा साकार किया जा रहा है।

    कुछ महिने पहले मै महाराष्ट्र के ‘किताब का गांव’ का दौरा किया था। जानकर ख़ुशी हुई कि, खादी और ग्राम उद्योग बोर्ड ने उसी सातारा जिले में ‘शहद का गांव’ विकसित किया है।

    शहद में हमारे किसानों को समृद्ध और सशक्त बनाने की क्षमता है और इसका पूरा उपयोग किया जाना चाहिए। मैं बोर्ड से शहद के और भी अधिक गांव विकसित करने की अपील करूंगा।

    बोर्ड के तत्वावधान में खादी और ग्रामोद्योग से संबंधित विभिन्न योजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं। मुझे खुशी है कि प्रधानमंत्री रोजगार योजना के तहत 16,411 रोजगार के अवसर सृजित हुए। इसी तरह मुख्यमंत्री रोजगार निर्मिति कार्यक्रम के तहत 10,000 से अधिक नौकरियां सृजित हुईं।

    आज महाराष्ट्र के 11 चुने हुए उद्यामियों को सम्मानित किया गया है। इस सम्मान से ग्रामीण उद्यामियों को प्रोत्साहन मिलेगा तथा अन्य उद्यामियों को भी प्रेरणा प्राप्त होगी ऐसा मुझे विश्वास है। आज जिन उद्यामियों को सम्मानित किया है, वे सभी अभिनंदन के पात्र है। अपने उद्योग को वे और अधिक सशक्त करें तथा औरों को प्रोत्साहित करे, ऐसा आवाहन मैं करता हूँ।

    भाईयों और बहनों,

    भारत में, खादी एक राष्ट्रीयता से जुड़ी भावना पैदा करती है।

    स्वतंत्रता आंदोलन को गति देने के लिए और ब्रिटेन से आयात की जाने वाली सामग्रियों के विकल्प के रूप में, महात्मा गांधीजी ने खादी को चुना। खादी जल्द ही स्वतंत्रता आंदोलन की पोशाक बन गई।

    खादी के उपयोग ने एक शक्तिशाली संदेश भी दिया कि भारतीय आत्मनिर्भर हो सकते हैं और सबसे कठिन परिस्थितियों में भी सम्मान के साथ रह सकते हैं।

    भारत के प्रधान मंत्री द्वारा दिया गया मंत्र, ‘राष्ट्र के लिए खादी, फैशन के लिए खादी और परिवर्तन के लिए खादी’ परिवर्तन का एक प्रमुख माध्यम बन गया है।

    कुछ दिन पहले मैंने खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग की एक रिपोर्ट पढ़ी| स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार केंद्रीय खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के उत्पादों का कारोबार 1.34 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया है।

    पिछले 9 वित्तीय वर्षों में ग्रामीण क्षेत्रों में कारीगरों द्वारा बनाए गए स्वदेशी खादी उत्पादों की बिक्री में 332% की अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। ग्रामीण क्षेत्रों में लाखो नई नौकरियां पैदा हुई है। यह खादी और ग्रामोद्योग क्षेत्र की क्षमता है।

    योग के बाद, हमारा लक्ष्य खादी और ग्रामोद्योग पर होना चाहिए। भारत को आत्म-निर्भर बनाने के लिए खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों को तेजी से बढ़ावा देना होगा।

    खादी एवं ग्रामोद्योग उत्पादों के मानकीकरण पर भी ध्यान देने की जरूरत है। महाराष्ट्र राज्य खादी ग्रामोद्योग मंडल को इस ओर विशेष ध्यान देना चाहिए क्योंकि इसमें कम निवेश में बड़ी संख्या में लोगों के लिए रोजगार पैदा करने की क्षमता है।

    इनोवेशन, प्रगति की कुंजी है। हमें गांव और लघु उद्योग क्षेत्र में ऐसे और अधिक नवाचारों के लिए अनुसंधान और विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। हमें खादी एवं ग्रामोद्योग क्षेत्र में बड़ी संख्या में बड़े पैमाने पर स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने की जरूरत है।

    आज खादी को लेकर अंतरराष्ट्रीय फैशन शो हो रहे है।

    मैं चाहता हूं कि महाराष्ट्र राज्य खादी ग्रामोद्योग मंडल साल में एक बार मुंबई में खादी और ग्राम उत्पादों भव्य मेला और फैशन शो आयोजित करने को प्रोत्साहित करें।

    अब हमें खादी – ग्रामोद्योग उत्पादों का एक स्थायी मॉल बनाने पर भी विचार करना चाहिये। साथ ही खादी ग्रामोद्योग मंडल अपने उत्पादों का एक ई-प्लेटफ़ॉर्म भी बनाकर उसे लोकप्रिय बनाये।

    बोर्ड, ग्रामीण समृद्धि, किसान समृद्धि, महिलाओं का सक्षमीकरण तथा रोजगार निर्माण से महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था में बहुत बड़ा योगदान दे रहा है।

    मैं महाराष्ट्र राज्य खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड से अपील करूंगा कि वह वर्ष 2047 के लिए महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित करें और उन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक कार्य योजना तैयार करें।

    फिर एक बार, मै ग्रामोद्योग भरारी पुरस्कार विजेताओं का फिर एक बार अभिनंदन करता हूं और बोर्ड को भविष्य में कार्य के लिए अपनी शुभकामनाएं देता हूं।

    धन्यवाद।
    जय हिंद। जय महाराष्ट्र।।