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    24.02.2024 : संत गाडगे बाबा अमरावती विश्वविद्यालय, अमरावती का 40 वा दीक्षांत समारोह

    प्रकाशित तारीख: February 24, 2024

    संत गाडगे बाबा अमरावती विश्वविद्यालय, अमरावती का 40 वा दीक्षांत समारोह। 24 फरवरी 2024। 11 बजे

    प्रो. दीपक कुमार श्रीवास्तव, उपाध्यक्ष, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग

    प्रा. डॉ. मिलिंद बारहाते, कुलपति, संत गाडगे बाबा अमरावती विश्वविद्यालय

    डॉ. प्रसाद वाडेगावकर, प्रति – कुलपति

    डॉ. तुषार देशमुख, कुलसचिव

    संचालक, परीक्षा व मूल्यमापन मंडल

    विद्वत सभा, सिनेट, प्रबंधन समिति सदस्य गण, अधिष्ठाता

    आज डिग्री प्राप्त कर रहे स्नातक, आचार्य तथा सुवर्ण पदक विजेता

    अध्यापक तथा अभिभावक

    भाईयों और बहनों

    कल ही जिनकी जयंती हमने मनाई, ऐसे महान समाज सुधारक, संत गाडगे बाबा की स्मृति को मै वंदन करता हूं।

    संत गाडगे बाबा अमरावती विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह के इस यादगार अवसर पर, अपनी डिग्री प्राप्त करने वाले सभी स्नातक छात्र छात्राओं का मै हार्दिक अभिनंदन करता हूं।

    यह अत्याधिक प्रसन्नता की बात है कि डिग्री प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में छात्राओं की संख्या निरंतर बढ रही है।

    पदक विजेता छात्र तथा पीएच डी उपाधि प्राप्तकर्ता हमारे विशेष बधाई के हकदार है क्योंकि इनसे प्रेरणा लेकर अन्य छात्र छात्राएं भी आगे बढ़ेंगे।

    दीक्षांत समारोह के अवसर पर मै आप के माता-पिता तथा अध्यापकों का भी अभिनंदन करता हुं।

    इस विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मिलिंद बारहाते ने हाल ही में पदभार संभाला है। उन्हे भी मै आज के इस अवसर पर बधाई देता हू।

    चालीस वर्ष पहले, शुरू किये गये इस विश्वविद्यालय ने शिक्षा क्षेत्र में बहुत सराहनीय कार्य किया है।

    यह बड़े गर्व और संतुष्टि की बात है कि विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र राज्य, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण पदों पर विराजमान हैं।

    लेकिन इस यूनिवर्सिटी की सबसे खास बात यह है कि इसने ऐसे ग्रेजुएट तैयार किए हैं जो अपने पूरे परिवार में पहले ग्रेजुएट हैं।

    मां अंबाबाई की पावन भूमि अमरावती ने देश को संत गुलाबराव महाराज, राष्ट्र संत तुकड़ोजी महाराज और संत गाडगे बाबा जैसे महान संत दिए है।

    संत गाडगे बाबा स्वच्छता के महा नायक थे। गांव – गांव में जाकर अपना उपदेश देने से पहले वे स्वयं हाथ में झाडू लेकर गाँव की सफाई करते थे।

    संत गाडगे बाबा ने सभी के मार्गदर्शन के लिए एक दशसूत्री बनाई थीं। यह दश सूत्री आज भी हम सभी के लिए मार्गदर्शक है।

    वर्ष 2005 में इस विश्वविद्यालय का नाम संत गाडगे बाबा के नाम पर रखा गया।

    अमरावती ने देश को सुरेश भट जैसे महान कवि दिये है। इस भूमि ने देश को पहले कृषि मंत्री – डॉ. पंजाबराव देशमुख – दिये है। इसी जिले ने देश को भारत की प्रथम महिला राष्ट्रपति – प्रतिभा ताई पाटील – दी।

    अमरावती का विभिन्न धर्मों और संप्रदायों से जुड़ा अद्भुत इतिहास है और हम सभी को इसे संरक्षित करना चाहिए। उत्कृष्टता की इस परंपरा को स्नातकों को निरंतर आगे बढ़ाना होगा।

    देवियों और सज्जनों,

    ज्ञान वह कुंजी है जो समझ और प्रगति के द्वार खोलती है।

    यह वह नींव है जिस पर सभ्यताओं का निर्माण होता है।

    ज्ञान आलोचनात्मक सोच को भी बढ़ावा देता है।

    आलोचनात्मक सोच एक स्वस्थ, संपन्न समाज की रीढ़ है।

    मै हमेशा युवाओं से कहता हुं कि, दीक्षा का अंत हो सकता है; लेकिन शिक्षा का कोई अंत नही।

    शिक्षा निरंतर जारी रहनी चाहिये।

    विद्यार्थी मित्रों,

    आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा युवा देश बन कर उभरा है। भारत में पूरी दुनिया को जनशक्ति आपूर्ति करने की क्षमता है।

    हाल ही में प्रधानमंत्री जी ने युवाओं की क्षमताओं का ध्यान रखते हुए वॉइस ऑफ यूथ @2047 इस कार्यक्रम का आयोजन किया था।

    वर्ष 2047 तक ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को साकार करने के लिए अगले 24 वर्षों के दौरान हर पल का सर्वोत्तम उपयोग करने की अपील की है।

    आने वाले शैक्षणिक वर्ष से हम राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का क्रियान्वयन करने जा रहे हैं।

    मैं संत गाडगे बाबा अमरावती विश्वविद्यालय से राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए मानक स्थापित करने का आह्वान करूंगा। यह अन्य विश्वविद्यालयों के लिए अनुकरणीय उदाहरण बनेगा।

    अमरावती की एक अलग पहचान है।

    अमरावती में कृषि आधारित उद्योगों, वन आधारित उत्पादों, बांस उत्पादों आदि के विकास की जबरदस्त संभावनाएं हैं। हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे समृद्धि महामार्ग ने अमरावती और मुंबई के बीच सर्वोत्तम कनेक्टिविटी प्रदान की है।

    जिले में धार्मिक, वन और विरासत पर्यटन की भी काफी संभावनाएं हैं। हमें उद्यमशील युवाओं की एक पीढ़ी की आवश्यकता है जो क्षेत्र की विरासत की क्षमता को पहचानेंगे और इसका उपयोग व्यवसाय और नौकरियां पैदा करने के लिए करेंगे।

    संत गाडगे बाबा अमरावती विश्वविद्यालय को ऐसे पाठ्यक्रम डिज़ाइन करने चाहिए जो युवाओं को रोजगार एवं स्व – रोजगार के लिये तैयार करे।

    हमे ऐसे स्किल्स प्रदान करने चाहिये जो यहा के कारागीरों का गुणवत्ता वर्धन करे। उत्पादन का वैल्यू एडिशन करे। मैं विश्वविद्यालय से महाराष्ट्र राज्य कौशल विश्वविद्यालय के साथ मिलकर काम करने की अपील करूंगा।

    आज हम सभी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के युग में रह रहे हैं। A I शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में व्यापक परिवर्तन लाने जा रहा है। हमें अपने स्नातकों को A I के लाभों और नुकसानों से परिचित कराना और शिक्षित करना चाहिए।

    देवियों और सज्जनों,

    भारत विश्वगुरु था और मुझे विश्वास है, हमारा देश फिर से विश्वगुरु होगा। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी ने देश को विश्व की तिसरी सबसे बडी आर्थिक महासत्ता बनाने का विश्वास जताया है।

    मुझे विश्वास है कि, नई शिक्षा प्रणाली के आधार पर हम भारत को विश्व महाशक्ति बना सकते है।

    इस में संत गाडगे बाबा अमरावती विश्वविद्यालय की अहम भूमिका रहेगी।

    मैं विश्वविद्यालय से अपील करूंगा कि :

    1.’विकसित भारत’ उद्देश्य के मद्देनजर, विश्वविद्यालय को भारत के शीर्ष विश्वविद्यालयों में पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित करें।

    2. अपने छात्रों को उद्यमी और नवप्रवर्तक बनने के लिए प्रोत्साहित करें।

    3. विश्वविद्यालय प्रशासन में सुधार लाकर छात्रों की शिकायतों को दूर करने के लिए एक व्यवस्था बनाएं।

    4. ग्राम गोद लेने की परियोजनाओं के माध्यम से छात्रों को सामाजिक उपक्रमों में शामिल करें।

    5. सभी पूर्व छात्रों को विश्वविद्यालय के विकास और विस्तार में शामिल करें।

    मैं एक बार फिर सभी स्नातक छात्रों का हार्दिक अभिनंदन करता हूं और उनसे अपील करता हूं कि वे अपनी उपलब्धियों से विश्वविद्यालय और देश को गौरवान्वित करें।

    जय हिंद। जय महाराष्ट्र।