22.06.2024 : केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय के तत्वावधान में स्थापित ‘फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गनाइजेशन्स’ पश्चिमी क्षेत्र द्वारा आयोजित “निर्यात उत्कृष्टता पुरस्कार” समारोह
केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय के तत्वावधान में स्थापित ‘फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गनाइजेशन्स’ पश्चिमी क्षेत्र द्वारा आयोजित “निर्यात उत्कृष्टता पुरस्कार” समारोह। 22 जून 2024
श्री दीपेंद्र सिंह कुशवाह, विकास आयुक्त, उद्योग तथा अध्यक्ष, मैत्री
श्री अश्विनी कुमार, अध्यक्ष, फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गनाइजेशन्स FIEO
डॉ. अजय सहाय, महानिदेशक एवं सीईओ, FIEO
श्री परेश मेहता, क्षेत्रीय अध्यक्ष, FIEO, पश्चिमी क्षेत्र
वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, विदेशी राजनयिक और निर्यातक समुदाय
प्रिय सम्मानित आमंत्रित गण
मुझे FIEO, पश्चिमी क्षेत्र के “निर्यात उत्कृष्टता पुरस्कार” वितरण समारोह में उपस्थित होकर बहुत खुशी हो रही है।
पुरस्कार समारोह के भव्य आयोजन के लिए मै फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गनाइजेशन्स (FIEO) को हार्दिक बधाई देता हूं।
इस समारोह में उपस्थित सभी प्रतिभागियों का मैं हार्दिक स्वागत करता हूं।
पिछले कुछ महीनों के दौरान मैंने ‘प्लास्टिक एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल’, तथा ‘जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल’ के निर्यात पुरस्कार समारोह में भाग लिया। इसी फेडरेशन द्वारा आयोजित ‘लॉजिक्स इंडिया’ के कॉन्फरन्स एवं प्रदर्शनी का उद्घाटन भी हमने किया था।
ये सभी परिषदें भारत के निर्यात को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। निर्यातक अर्थव्यवस्था के ‘मूवर्स एंड शेकर्स’ हैं। आप देश के लिए विदेशी मुद्रा अर्जित करते हैं और हमें आप पर गर्व है। हमारे देश दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य रखा है। भारत 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की भी आकांक्षा रखता है। इसे हासील करने में निर्यात क्षेत्र की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। हमारा देश 2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के एक्सपोर्ट के लक्ष्य तक पहुंचने के लिए तेज गति से आगे बढ़ रहा है।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में माल और सेवाओं का कुल निर्यात 6.88% की वृद्धि के साथ शुरू हुआ, जो अप्रैल 2024 में 64.56 बिलियन अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान है।
अप्रैल 2024 के दौरान व्यापारिक निर्यात वृद्धि के मुख्य चालकों में इलेक्ट्रॉनिक सामान, कार्बनिक और अकार्बनिक रसायन, पेट्रोलियम उत्पाद और ड्रग्स और फार्मास्यूटिकल्स शामिल हैं।
राजभवन में मुझे अक्सर विभिन्न देशों के राजदूतों और राजनयिकों से मिलने का अवसर मिलता है। आज दूनिया के कई देश भारत को ‘दुनिया की फार्मेसी’ मानते हैं। कई देश जेनेरिक दवाओं के निर्माण में भारत के साथ साझेदारी बनाने के इच्छुक हैं। हमें इस अनुकूल स्थिती का लाभ लेना चाहिये।
महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के आर्थिक विकास और वृद्धि को बढ़ाने के लिए निर्यात को प्राथमिकता दी है।
महाराष्ट्र राज्य, भारत के निर्यात में सबसे अधिक योगदान देने वालों में से एक है, और निर्यात प्रोत्साहन और व्यापार सुविधा पहल के माध्यम से विश्व व्यापार में अपनी हिस्सेदारी लगातार बढ़ा रहा है।
वित्त वर्ष 2023-24 में महाराष्ट्र भारत का दूसरा सबसे अधिक निर्यात करने वाला राज्य है। राज्य के शीर्ष 10 आयातक देश संयुक्त राज्य अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, हांगकांग, बेल्जियम, ब्रिटेन, चीन, सिंगापुर, नीदरलैंड, जर्मनी और बांग्लादेश हैं।
राज्य के निर्यात में योगदान देने वाले शीर्ष 10 निर्यातक क्षेत्र हैं : रत्न और आभूषण (28%), इंजीनियरिंग (23%), कृषि और संबद्ध (14%), रसायन, लोहा और इस्पात, फार्मास्यूटिकल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिकल सामान, कपड़ा और पोशाक, प्लास्टिक उत्पाद और पेट्रोलियम उत्पाद, खान और खनिज। इसमे से दो तीन विभागो का मै स्वयं मंत्री रहा हूँ।
नीति आयोग द्वारा प्रकाशित निर्यात तैयारी सूचकांक (ईपीआई) रैंकिंग 2020 और 2021 में महाराष्ट्र सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में दूसरे स्थान पर है।
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आकर्षित करने के मामले में भी महाराष्ट्र देश का अग्रणी राज्य है।
महाराष्ट्र की राज्य निर्यात प्रोत्साहन नीति जल्द ही लागू होने वाली है, जिससे महाराष्ट्र के निर्यातकों को अच्छा लाभ हो सकता है। महाराष्ट्र सरकार लॉजिस्टिक्स नीति भी तैयार कर रही है, जिससे राज्य में लॉजिस्टिक्स संबंधी बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी।
महाराष्ट्र भारत का सबसे अधिक औद्योगीकृत राज्य है और इसने देश में औद्योगिक क्षेत्र में अपना अग्रणी स्थान बनाए रखा है। राज्य लघु उद्योगों में अग्रणी है और सबसे बड़ी संख्या में विशेष निर्यात प्रोत्साहन क्षेत्रों का दावा करता है। महाराष्ट्र में कुशल और औद्योगिक श्रमिकों का एक बड़ा आधार है, जो इसे ज्ञान आधारित और विनिर्माण क्षेत्रों के लिए एक आदर्श गंतव्य बनाता है।
महाराष्ट्र के 28 विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के रूप में मैं फेडरेशन को प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के साथ सक्रिय भागीदारी करने का अनुरोध करता हूँ।
भारत के पास आज दुनिया का सबसे बड़ा जनसांख्यिकीय लाभांश है, बशर्ते हम हमारे उच्च, तकनिकी तथा प्रौद्योगिकी संस्थानो के माध्यम से उद्योग के लिए आवश्यक जनशक्ति निर्माण करें। फेडरेशन को यह सोचना चाहिए कि हम अपने युवाओं की शक्ति का उपयोग निर्यात बढ़ाने के लिए कैसे कर सकते हैं।
फेडरेशन को युवाओं के साथ नियमित संवाद करना चाहिए। इसे युवाओं को उद्यमी और स्टार्टअप लीडर बनने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
मुझे यह देखकर खुशी हुई कि आज के निर्यात पुरस्कारों में सभी क्षेत्रों के निर्यातक शामिल हैं, चाहे वे बड़ी इकाई हों या सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम।
मुझे विश्वास है कि आज के पुरस्कार विजेता भारत के निर्यात को सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य से आगे ले जाएंगे और वे पूरे भारत के निर्यातकों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेंगे।
मैं एक बार फिर फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गनाइजेशन्स को इस उल्लेखनीय कार्यक्रम के आयोजन के लिए बधाई देता हूं।
धन्यवाद।
जय हिन्द। जय महाराष्ट्र।।