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    16.12.2023 : एन एल डालमिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज एंड रिसर्च द्वारा पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन मैनेजमेंट बैच का दीक्षांत समारोह

    प्रकाशित तारीख: December 16, 2023

    एन एल डालमिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज एंड रिसर्च द्वारा पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन मैनेजमेंट बैच का दीक्षांत समारोह। मीरा रोड, जिला ठाणे। १६ दिसंबर २०२३

    श्री निरंजन लाल डालमिया, संस्थापक, एन एल डालमिया एजुकेशनल सोसायटी

    श्री शैलेश डालमिया, सोसायटी के मानद सचिव

    श्री मुदित डालमिया, उपाध्यक्ष

    श्रीमती सीमा सैनी, सोसायटी की सीईओ

    डॉ एम ए खान, निदेशक, एन एल डालमिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज

    डीन और विभाग प्रमुख

    संकाय सदस्य एवं कर्मचारीगण

    स्नातक छात्र और सभी टॉपर्स

    ऑनलाइन और ऑफलाइन उपस्थित अभिभावक,

    आपके जीवन के इस विशेष दिन के मौके पर, आपके बीच उपस्थित रहकर बहुत ख़ुशी हो रही है।

    आज मेनेजमेंट उपाधि प्राप्त कर रहे सभी स्नातक छात्र – छात्राओं को बधाई देता हूं।

    मैं आपके माता-पिता, शिक्षकों और सभी प्रियजनों को भी विशेष रूप से बधाई देता हूं जिनके लिए भी यह उपलब्धि का दिन है।

    मुझे इस महान संस्था के संस्थापक श्री निरंजन लाल डालमिया की उपस्थिति देखकर प्रसन्नता हुई है।

    वर्ष 1991 में उन्होंने सोसायटी का पौधा लगाया था और आज वह पौधा एक विशाल बरगद पेड़ के रूप में विकसित हुआ है।

    मुझे खुशी है कि श्री शिव कुमार डालमिया, श्री शैलेश डालमिया और श्री मुदित डालमिया बड़े समर्पण और प्रतिबद्धता के साथ संस्थान का पोषण कर रहे हैं। आप सभी हमारे अभिनंदन के पात्र है।

    संस्था की सीईओ डॉ. सीमा सैनी को भी मै बधाई देता हूं। साथ ही प्रबंधन संस्थान के निदेशक डॉ. एम. ए. खान को भी संस्थान को कुशलतापूर्वक चलाने के लिए बधाई देता हूं।

    पिछले सप्ताह भारत के माननीय प्रधान मंत्री ने विकसित भारत @2047 युवाओं की आवाज की थीम पर राष्ट्र को संबोधित किया।

    मैं आपसे 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए अपने विचार साझा करने की अपील करूंगा।

    प्रिय मित्रों,

    इस वर्ष स्नातक होने वाले सभी छात्र वर्ष 2047 में अपने प्रोफेशनल करियर के शिखर पर होंगे।

    नियति ने आपको भारत को एक विकासशील राष्ट्र से विकसित राष्ट्र में परिवर्तित होते देखने का, तथा इसमें योगदान देने का एक अनूठा मौका दिया है।

    दुनिया के कई देशों ने अलग-अलग समय पर एक विकसित राष्ट्र बनने के लिए लंबी छलांग लगाई है।

    हिरोशिमा – नागासाकी बॉम्बिंग के बाद, जापान राख से उठकर विनिर्माण क्षेत्र में अग्रणी देश बन गया।

    दक्षिण कोरिया, चीन, सिंगापुर, मलेशिया और अन्य देशों ने भी ऐसी परिवर्तनकारी छलांग लगाई हैं, जिससे उनके विकास के इतिहास की दिशा बदल गई है।

    आज समय आ गया है कि हम में से प्रत्येक को परिवर्तनकारी यात्रा में अपनी भूमिका निभाने का निर्णय लेना चाहिए।

    हमारे कई आईआईटीयन और प्रबंधन स्नातक दूसरे देशों में आकर्षक पैकेज पर नौकरियां चुन रहे हैं।

    यह बड़े पैमाने पर प्रतिभा पलायन का कारण बन रहा है।

    लेकिन मैं आशावादी हूं कि एक चरण आएगा जब भारत में रिवर्स माइग्रेशन होगा।

    मैं एक ऐसे दिन का सपना देखता हूं जब हमारे मेनेजमेंट स्नातक, अपने विश्वस्तरीय प्रबंधन फर्म्स का निर्माण करेंगे, कंसल्टेंसी फर्म का निर्माण करेंगे। हमारे देश के अपने लीगल फर्म्स होंगे, हमारे अपने ‘बिग फोर’ कराधान और ऑडिट फर्म होंगे।

    चंद्रयान मिशन, सौर मिशन की सफलता और एशियाई खेलों तथा अन्य खेल आयोजनों में भारत की सफलता ने भारतीयों का आत्मविश्वास बढ़ाया है और उनमें ‘हम कर सकते हैं’ की भावना पैदा की है।

    मैं चाहता हूं कि आप ‘हम कर सकते हैं’ की लौ अपने दिलों में रखें और धन के निर्माता और स्टार्टअप के प्रवर्तक बनें।

    मैं आपसे उद्यमी, नवप्रवर्तक और जोखिम लेने वाला बनने का आह्वान करूंगा।

    अमेज़ॅन, फ्लिपकार्ट और स्विगी ये मूलतः आयडिया ही थे जिन्हें सफलतापूर्वक वास्तविकता में बदल दिया गया।

    समय आ गया है कि भारत अपने खुद के जेफ बेजोस, जैक मा, मार्क जुकरबर्ग पैदा करे।

    क्या पता, कोई तुम्हारे भीतर भी कोई मार्क जुकरबर्ग छिपा हो, जो उभरने का इंतज़ार कर रहा हो।

    भारत आज महानता के शिखर पर खड़ा है।

    भारत द्वारा जी-20 शिखर सम्मेलन की सफल मेजबानी ने भारत के प्रति दुनिया की धारणा बदल दी है।

    वैश्विक स्तर पर भारत के विचारों और राय का सम्मान किया जाता है।

    दुनिया के कई देश व्यापार, व्यापार और निवेश के लिए चीन का एक बड़ा विकल्प तलाश रहे हैं।

    हम अभूतपूर्व जनसांख्यिकीय लाभांश के दौर से गुजर रहे हैं जिससे भारत को काफी लाभ होने की संभावना है।

    दुनिया के कई देश अपनी कुशल जनशक्ति की आवश्यकता को पूरा करने के लिए भारत की ओर देख रहे हैं।

    हम इस मांग का कितना लाभ उठा सकते हैं यह इस बात पर निर्भर करता है कि हम अपने लोगों को किस प्रकार कौशल प्रदान करते हैं, पुनः कौशल प्रदान करते हैं और उन्हें उन्नत बनाते हैं।

    भारत की राजनीतिक और आर्थिक स्थिरता के लिए, यह महत्वपूर्ण है कि हमारे पास वास्तव में ‘समावेशी’ विकास हो – ऐसा विकास जो देश के प्रत्येक नागरिक को लाभान्वित करे, विशेषकर उन लोगों को जो समाज के आखरी स्तर पर हैं और सामाजिक-आर्थिक पिरामिड के सबसे निचले स्तर पर हैं।

    सकल घरेलू उत्पाद के संदर्भ में भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि का योगदान विनिर्माण और सेवा क्षेत्र की तुलना में बहुत कम है। लेकिन कृषि 50 प्रतिशत से अधिक भारतीय आबादी को रोजगार प्रदान करती रही है।

    कृषि, पशु चिकित्सा, डेयरी, मत्स्य पालन और बागवानी क्षेत्र में रोजगार के जबरदस्त अवसर हैं, जिनका दोहन होने का इंतजार है।

    आज भारत को ज़मीनी स्तर के नेताओं की ज़रूरत है जो लोगों और उनकी समस्याओं को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक विमर्श के केंद्र में रखें।

    इस संबंध में एन एल दालमिया इन्स्टिटयूट ऑफ मेनेजमेंट स्टडीज को बधाई देता हूं। जानकर प्रसन्नता हुई कि आपने पालघर जिले के एक गांव को गोद लिया है और इसके सामाजिक-आर्थिक विकास के लिये आप प्रयास कर रहे है।

    मुझे खुशी है कि आज हमने गांव के कुछ प्रतिभाशाली युवाओं को सम्मानित किया है।

    हम कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व की बात करते है। आपने संस्थागत सामाजिक उत्तरदायित्व का एक अच्छा उदाहरण स्थापित किया है और इसके लिये आपका संस्थान बधाई का पात्र है। यह ऐसी पहल है जिसे अन्य कॉलेजों और संस्थानों द्वारा भी दोहराए जाने की आवश्यकता है।

    प्रिय स्नातक छात्रों,

    दुनिया भर के अग्रणी विश्वविद्यालयों के विकास में पूर्व छात्रों द्वारा निभाई गई भूमिका को अच्छी तरह से स्वीकार किया गया है।

    पूर्व छात्र हार्वर्ड सहित अमेरिका के शीर्ष विश्वविद्यालयों के मामलों में सक्रिय भागीदार हैं।

    मुझे आशा है कि आप सभी, जो आज इस संस्थान से उत्तीर्ण हो रहे हैं, अपने मातृ संस्थान के साथ जुड़ेंगे और इसके विकास में सार्थक और महत्वपूर्ण तरीके से योगदान देंगे।

    जैसे ही आप प्रोफेशनल दुनिया में कदम रखते हैं, आपको यह याद रखना चाहिए कि सीखने की क्षमता कभी समाप्त नहीं होती है।

    शिक्षा जीवन भर चलने वाली प्रक्रिया है।

    इसी दिन भारत ने 1971 में पाकिस्तान को युद्ध में हराया था। इस दिन को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है।

    मैं आपको विजय दिवस पर स्नातकोत्तर डिप्लोमा और डिग्री प्राप्त करने के लिए बधाई देता हूं और आपके भविष्य के सभी प्रयासों में सफलता की कामना करता हूं।

    डालमिया संस्थान के प्रबंधन और संकाय को आने वाले वर्षों में सफलता के लिए शुभकामनाएं देता हूं।

    धन्यवाद।
    जय हिंद। जय महाराष्ट्र।।