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    12.09.2023 : S.C.H.O.O.L द्वारा आयोजित ‘वृद्ध मित्र’ कार्यक्रम के शहरव्यापी विस्तार का उद्घाटन, बालगंधर्व मंदिर, पुणे

    प्रकाशित तारीख: September 12, 2023

    S.C.H.O.O.L द्वारा आयोजित ‘वृद्ध मित्र’ कार्यक्रम के शहरव्यापी विस्तार का उद्घाटन, बालगंधर्व मंदिर, पुणे 12 सितंबर 2023

    डॉ. बेनजीर पाटील, सीईओ, सोसाइटी ऑफ कम्युनिटी हेल्थ ओरिएंटेड ऑपरेशनल लिंक्स – ‘स्कूल’

    श्री विक्रम कुमार, आयुक्त, पुणे नगर निगम

    विभिन्न सहयोगी संगठनों के प्रतिनिधि

    मेरे वरिष्ठ नागरिक बहनें और भाई

    सबसे पहले आज का यह कार्यक्रम आयोजन करके, मुझे वरिष्ठ नागरिक भाई बहनों से मिलने का, अवसर प्रदान करने के लिए, मैं डॉ. बेनजीर पाटील को धन्यवाद देता हूं।

    इससे मुझे प्रत्येक बुजुर्ग व्यक्ति के प्रति समाज की सामूहिक कृतज्ञता व्यक्त करने का अवसर मिला है।

    एक समय था जब कर्नाटक के मैसूर की तरह पुणे को भी सेवानिवृत्त लोगों का शहर माना जाता था। मैं खुश हूँ कि ‘स्कुल’ पुणे में बुजुर्गों के लिए अपने कार्य का विस्तार कर रहा है।

    सभी वरिष्ठ नागरिक उम्र के साथ आने वाले अनुभव और ज्ञान के भंडार हैं। समाज का आपके प्रति बहुत ऋण है। आप निश्चित रूप से हमारे इज्जत और सम्मान के पात्र हैं।

    SCHOOL सामाजिक संस्था द्वारा चलाया जाने वाला ‘वृद्ध मित्र’ कार्यक्रम, अत्यंत सामायिक और प्रासंगिक उपक्रम है। डॉ. बेनजीर पाटील द्वारा शुरु की गयी ‘वृद्ध मित्र’ संस्था बुजुर्गों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल करना, उन्हें सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में पंजीकृत करना, बुजुर्गों को होने वाली परेशानियों का परिवार के सदस्यों या किसी सरकारी विभाग या गैर सरकारी संस्था के साथ निवारण करने में मदद करना, जैसे कार्यो में लगी हुई है।

    मुझे बताया गया है कि, संस्था ने अपना कार्य 2018 में शुरू किया। डॉ. बेनजीर पाटील ने एकदम सही सोचा कि, ‘ओल्ड एज होम’ के जरिए हम सिर्फ 50 या 100 लोगों का ही ख्याल रख सकती है।

    वहीं अगर आप बुजुर्ग लोगों के पास स्वयं जाते है, तो फिर आपकी कोई सीमा नहीं है। जानकर अत्यधिक प्रसन्नता हुई कि, आज अकेले पुणे शहर के 123 झुग्गी झोपडियों में संस्था का कार्य पहुंचा है। डॉ. बेनजीर जैसी एक महिला किसी संगठन का नेतृत्व करती है, तब असंभव बाते संभव हो जाती हैं।

    मुझे यह जानकर खुशी हुई कि संगठन बुजुर्गों को व्हील चेयर, वॉकिंग स्टिक, वॉकर, डायपर, दवाएं, राशन, घुटने की टोपी, सर्वाइकल बेल्ट, फिजियोथेरेपी और अन्य सुविधाएं प्रदान कर रहा है।

    यह अस्पतालों को बुजुर्गों के लिए ‘जेरियाट्रिक यूनिट’ शुरू करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है और बुजुर्गों को अस्पतालों तक लाने, ले जाने के लिए अपनी एम्बुलेंस सेवा भी चला रहा है।

    मुझे खुशी है कि अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन, मुकुल माधव फाउंडेशन, यार्डी, यूनिसेफ, डब्ल्यूएचओ, ‘गिव’ और अन्य संगठन ‘स्कूल’ की इस पहल का सहयोग कर रहे हैं।

    भाइयों और बहनों,

    भारत चीन को पीछे छोड़कर दुनिया का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश बन गया है। हम अपने लोगों की औसत आयु के मामले में भी दुनिया के सबसे युवा देश के रूप में उभरे हैं।

    जापान, जर्मनी, इटली और अमेरिका जैसे दुनिया के कई विकसित देश उम्रदराज हो रहे हैं। आज, भले ही भारत दुनिया का सबसे युवा देश है, लेकिन हमारे पास भी बुजुर्गों की एक बड़ी आबादी है।

    स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा आयोजित लॉन्गिट्यूडिनल एजिंग स्टडी इन इंडिया (LASI) 2020 से पता चलता है कि, हमारे वरिष्ठ नागरिकों की जनसंख्या 2011 में 10.38 करोड़ से दोगुनी होकर 2036 में 23 करोड़ होगी, और 2050 तक 31.9 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है।

    सरल शब्दों में कहें तो भारत में केवल बुजुर्गों की संख्या, अमेरिका की पूरी आबादी से भी ज्यादा होगी।

    बढ़ती बुजुर्ग जनसंख्या स्वास्थ्य सेवाओं और देश के आर्थिक और सामाजिक संसाधनों पर प्रभाव डालती हैं।

    बुजुर्ग लोग आम तौर पर कार्यबल में भाग नहीं लेते हैं, इसलिए उन्हें गंभीर आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

    इससे भी दुखद बात यह है कि कई बार, उन्हें अपने ही परिवारों द्वारा, बोझ के रूप में देखा जाता है। अक्सर उन्हे उपेक्षा और दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ता है।

    परम्परागत परिवार में बदलाव आने के कारण सामाजिक सुरक्षा की कमी, अकेलापन और तन्हाई जैसी समस्या और भी बढ़ जाती है।

    पेन्शन मिलने वाले लोगों की संख्या एकदम कम है। उसके कारण उनमे पौष्टिक आहार, स्वास्थ्य सेवाएँ, दवाइयाँ आदि का उपयोग करने की असमर्थता होती है।

    इसलिए पूरे वैश्विक समाज को आने वाली चुनौतियों से लड़ने के लिए दूरदर्शी और व्यापक विमर्श के साथ अभिनव प्रयोगों की आवश्यकता है, ताकि बुजुर्गों के जीवन में सुगमता आ सके और देश पर पड़ने वाले सामाजिक और आर्थिक दबाव को सहजता के साथ पार किया जा सके।

    मुझे विश्वास है कि वैश्विक स्तर पर इस तरह के प्रयास और अभिनव सृजन निश्चित ही हो रहे होंगे। प्रयासों की आवश्यकता हर स्तर पर है।

    जापान में, बुजुर्गों के साथ आमतौर पर अत्यंत सम्मान के साथ व्यवहार किया जाता है। कई जापानी परिवारों की कई पीढ़ियाँ एक ही छत के नीचे रहती हैं।

    हमारे देश की सरकारों ने समय-समय पर इस दिशा में प्रयास किए हैं।

    हमारे बुजूर्गोंको उम्र के इस पड़ाव में भावनात्मक, सामाजिक एवं मानसिक रूप से सहयोग की विशेष आवश्यकता होती है।

    जैसा कि मेरी पूर्व वक्ता, डॉक्टर बेनजीर ने विस्तार से बताया कि कैसे यह संस्था समाज के बीच जाकर बुजुर्गों के लिए स्वास्थ्य, पोषण, सामाजिक सुरक्षा, भावनात्मक एवं मानसिक रूप से सशक्त करने जैसे हर पहलू पर ध्यान देती है।

    “वृद्ध मित्र” स्कूल संस्था की अभिनव पहल है। बुजुर्ग को घर जाकर आवश्यक सेवाएं उपलब्ध कराना और इनके बीच काम करना यह सर्वोच्च सेवा है।

    आज, यह अत्यंत आवश्यक है कि, छोटे-बड़े हर अस्पताल में एक ‘जेरियाट्रिक यूनिट या वार्ड’ होना चाहिए।

    सामान्य एम्बुलेंस की तरह, कॉल पर समर्पित ‘ओल्ड एज’ एम्बुलेंस भी उपलब्ध होनी चाहिए।

    हौसिंग सोसायटी में बुजुर्गों की देखभाल के लिए सोसायटी के सदस्यों को शामिल किया जाना चाहिए।

    ‘स्कूल’ जैसे संगठनों को सरकार द्वारा बुजुर्ग व्यक्तियों के लिए एक नीति घोषित करने के लिए आग्रह करना चाहिए।

    मुझे खुशी है कि ‘स्कूल’ कार्यक्रम पुणे, मुंबई, भोपाल और ग्वालियर में काम कर रहा है। हमें इसे, देश के सभी जिलों में पहुंचाने का लक्ष्य रखना चाहिए।

    ‘वृद्ध मित्र’ कार्यक्रम अपने आप में तो अभिनव है ही, लेकिन इसमें पुणे नगर निगम का भी अद्वितीय सहयोग है।

    इस सहयोग के साथ यह कार्यक्रम आज पुणे महानगर के एक क्षेत्र से प्रारंभ होकर पूरे महानगर में संचालित होने जा रहा है।

    इस अभिनव पहल के लिए मैं संस्था की पूरी टीम और नेतृत्व को शुभकामनाएं देता हूँ और ऐसी कामना करता हूं कि इस तरह के कार्यक्रम देश के अन्य राज्यों और अन्य शहरों में भी संचालित हो, ताकि ज्यादा से ज्यादा बुजुर्गों को इससे लाभान्वित किया जा सके।

    मैं ‘वृद्ध मित्र’ और पुणे महानगरपालिका की उनकी अभिनव पहल के लिए प्रशंसा करता हूँ और मुझे आशा है की वृद्ध मित्र और पुणे महानगरपालिका हमारे बुजुर्गों को लाभान्वित करने के लिए ऐसी योजनाओं का निष्ठा से कार्यान्वयन करता रहेगा।

    आइए हम सब मिलकर ‘वृद्ध मित्र’ को देश और दुनिया के लिए एक रोल मॉडल बनाने का प्रयास करें।

    धन्यवाद
    जय हिंद। जय महाराष्ट्र।।