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    11.06.2024 : वसंतराव नाईक एग्रीकल्चरल रिसर्च एंड रूरल डेवलपमेंट फाउंडेशन द्वारा आयोजित महाराष्ट्र के पद्म पुरस्कार विजेताओं और राष्ट्रीय वीरता पुरस्कारों के विजेताओं का सम्मान समारोह

    प्रकाशित तारीख: June 11, 2024
    वसंतराव नाईक एग्रीकल्चरल रिसर्च एंड रूरल डेवलपमेंट फाउंडेशन द्वारा आयोजित महाराष्ट्र के पद्म पुरस्कार विजेताओं और राष्ट्रीय वीरता पुरस्कारों के विजेताओं का सम्मान समारोह

    वसंतराव नाईक एग्रीकल्चरल रिसर्च एंड रूरल डेवलपमेंट फाउंडेशन द्वारा आयोजित महाराष्ट्र के पद्म पुरस्कार विजेताओं और राष्ट्रीय वीरता पुरस्कारों के विजेताओं का सम्मान समारोह। ११ जून २०२४

    श्री राजेंद्र बारवाले, अध्यक्ष, वसंतराव नाईक फाउंडेशन

    श्री अविनाश नाईक, कार्यकारी अध्यक्ष

    श्री दीपक पाटील, सचिव

    श्री निलय नाईक, सदस्य, विधान परिषद

    श्री इंद्रनील नाईक, सदस्य, राज्य विधान सभा

    श्री मुश्ताक अंतुले,

    न्यास के सभी सम्मानित सदस्य

    राज्य के सभी पद्म पुरस्कार विजेता,

    राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेता,

    देवियों और सज्जनों,

    राज्य के सभी पद्म पुरस्कार विजेताओं तथा राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजता को राजभवन में सम्मानित करके मुझे अत्यंत हर्ष हो रहा है।

    राष्ट्रपति भवन में आपको सम्मानित राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के हाथों से प्रतिष्ठित पद्म पुरस्कार तथा राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार प्राप्त करते हुए देखकर हमें प्रसन्नता हुई।

    दरबार हॉल में आयोजित यह अभिनंदन, आपकी उत्कृष्ट उपलब्धि के लिए राज्य की ओर से एक शाबाशी है। सचमुच हमें आप पर गर्व है !!

    पुरस्कार विजेताओं पर एक नज़र डालने से आपको विश्वास हो जाएगा कि भारत सरकार ने विभिन्न क्षेत्रो में बेहतरीन काम करने वाले हज़ारों लोगों में से असली रत्नों का चयन किया है।

    उत्तर प्रदेश के भूतपूर्व राज्यपाल श्री राम नाईक हमारे लिए मार्गदर्शक है। आप ईमानदारी, निष्ठा और जनता के प्रति जवाबदेही का जीवंत उदाहरण हैं।

    प्रसिद्ध फ़िल्म निर्माता श्री राजदत्त जी, श्री उदय देशपांडे जी, अंजुमन-ए-इस्लाम के डॉ जहिर काजी जैसे लोग अपने आप में एक महान संस्था हैं।

    हर पुरस्कार विजेता महाराष्ट्र और भारत का गौरव है। आप सभी ने मिलकर सामाजिक कार्य, सार्वजनिक जीवन, शिक्षा, साहित्य, चिकित्सा, कला, व्यापार और अन्य क्षेत्रों में उत्कृष्टता के मानक को बढ़ाया है। अपने भाइयों की जान बचाते समय वीरगति को प्राप्त हुए ऐसे ‘राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेता’ कुमार आदित्य विजय ब्राह्मणे के परिवार जन भी हमारे अभिनंदन के पात्र है।

    पिछले ३७ वर्षों से, वसंतराव नाईक कृषि अनुसंधान और ग्रामीण विकास फाउंडेशन पद्म पुरस्कारों और अन्य राष्ट्रीय पुरस्कारों के प्राप्तकर्ताओं को सम्मानित कर रहा है।

    फाउंडेशन के नाम से पता चलता है, फाउंडेशन कृषि, बागवानी, पशुपालन और मत्स्य पालन के क्षेत्र में वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को सम्मानित करके ग्रामीण विकास और कृषि अनुसंधान में भी मदद कर रहा है। महाराष्ट्र के राष्ट्रीय पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित करने की परंपरा को निष्ठा से जारी रखने के लिए फाउंडेशन को बधाई देता हूं।

    देवियों और सज्जनों, श्री वसंतराव नाईक महाराष्ट्र के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे। लेकिन इससे भी बढ़कर वे किसानों और खेतिहर मजदूरों के कल्याण के लिए गहराई से प्रतिबद्ध थे।

    उनके कार्यकाल के दौरान महाराष्ट्र में लंबे समय तक सूखा पड़ा।

    उन्होंने रोजगार गारंटी योजना शुरू की, जिसने कृषि श्रमिकों और मजदूरों को पूरे साल रोजगार और आय का स्त्रोत उपलब्ध करा दिया।

    श्री नाईक ने परभणी में मराठवाड़ा कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना की जिसका नाम बाद में उनके नाम पर रखा गया। वास्तव में, श्री वसंतराव नाईक ने एक प्रगतिशील और समृद्ध महाराष्ट्र की नींव रखी।

    दुनिया एक मुश्किल दौर से गुज़र रही है। मध्य पूर्व और रूस-यूक्रेन में युद्ध दुनिया के कई देशों की अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रहा है।

    लेकिन, भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास की दर प्रभावशाली रहने का अनुमान है।

    राजभवन में अक्सर विभिन्न देशों के राजदूत और राजनयिक मुझसे मिलते हैं। वे इस बात पर एकमत हैं कि भारत वैश्विक मंच पर आ गया है। वे भारत और खासकर महाराष्ट्र के साथ अपने द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने के लिए उत्सुक हैं।

    विकसित भारत और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में महाराष्ट्र को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी।

    मुंबई को अक्सर भारत की वित्तीय राजधानी कहा जाता है। लेकिन महाराष्ट्र भारत की सांस्कृतिक राजधानी भी है। राज्य ने संगीत, नृत्य, ललित कलाओं, लोक कलाओं, जनजातीय कलाओं और अन्य प्रदर्शन कलाओं और साहित्य में अपना नेतृत्व कायम रखा है। सभी पुरस्कार विजेता समाज के शिखर पुरुष हैं और मुझे आशा है कि आप भविष्य में भी राज्य के लोगों को प्रेरित करते रहेंगे।

    मेरे मन में कोई संदेह नहीं है कि हम सब मिलकर अपने व्यक्तिगत और सामूहिक प्रयासों से महाराष्ट्र को ‘सुजलाम और सुफलाम’ बना सकते हैं।

    इन्हीं शब्दों के साथ, मैं आप सभी को एक बार फिर से बधाई देता हूं और वसंतराव नाइक फाउंडेशन के अच्छे काम में सफलता की कामना करता हूं।

    धन्यवाद।
    जय हिन्द। जय महाराष्ट्र।।