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    09.12.2023 : राजमाता अहिल्यादेवी फाउंडेशन द्वार अयोजित ‘अहिल्यादेवी स्त्री शक्ति पुरस्कार समारोह

    प्रकाशित तारीख: December 9, 2023

    राजमाता अहिल्यादेवी फाउंडेशन द्वार अयोजित ‘अहिल्यादेवी स्त्री शक्ति पुरस्कार समारोह। संत ज्ञानेश्वर सांस्कृतिक भवन। मोर्शी रोड, अमरावती। 9 दिसंबर 2023

    श्री अजित दादा पवार, उप मुख्यमंत्री, महाराष्ट्र

    सुश्री अदिति तटकरे, महिला एवं बाल विकास मंत्री

    पद्मश्री डॉ. विकास महात्मे, पूर्व सांसद एवं प्रसिद्ध नेत्र सर्जन

    श्री संतोष महात्मे, अध्यक्ष, राजमाता अहिल्यादेवी फाउंडेशन

    श्री प्रवीण पोटे, विधायक

    श्रीमती आभा पांडे, सदस्य महिला आयोग

    श्रीमती इंदूताई शिंदे,

    श्रीमती सुरेखताई ठाकरे

    विशिष्ट आमंत्रितगण बहनों और भाइयों,

    सबसे पहले मैं अमरावती की श्री अम्बा माता को नमन करता हूँ।

    मैं महाराष्ट्र की सुपुत्री राजमाता अहिल्यादेवी को भी प्रणाम करता हूं।

    महाराणी पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी होलकर का नाम पुरे देश में आदर सम्मान के साथ लिया जाता है।

    अहिल्यादेवी ने भारत के प्रसिद्ध तीर्थों और स्थानों में मन्दिर बनवाए, घाट बँधवाए, कुओं और बावड़ियों का निर्माण किया, मार्ग बनवाए – काशी विश्वनाथ में शिवलिंग को स्थापित किया, भूखों के लिए अन्न सत्र (अन्यक्षेत्र) चलाये, प्यासों के लिए प्याऊ बिठलाईं। चार धाम में पवित्र बद्रिधाम का भी उन्होने जीर्णोद्धार किया था। दो सौ पचास वर्ष पहले उन्होने महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए कानून बनाएं, विधवा महिलाओ को पति की संपत्ती में हिस्सा दिलाने का प्रावधान किया।

    मुझे बेहद खुशी है कि हम उन महिलाओं को अहिल्यादेवी स्त्री शक्ति पुरस्कार प्रदान कर रहे हैं जिन्होंने सभी बाधाओं के बावजूद अपने लिए एक जगह बनाई है और महान कार्य खडा किया।

    आज सम्मानित श्रीमती विनीता सिंघल, प्रधान सचिव, कामगार कल्याण विभाग, जानी मानी गायिका श्रीमती वैशाली भैसने-माडे, उद्यमी श्रीमती स्नेहल लोंढे, ‘शिव छत्रपती राज्य क्रीडा पुरस्कार’ से सम्मानित रेश्मा पुणेकर तथा; पती, श्वशुर और देवर ने आत्महत्या करने के बाद भी, खुद को संभालकर, खेती के क्षेत्र में सफलता की कहानी रचनेवाली, हमारी बेटी, ज्योती देशमुख को मै हार्दिक बधाई देता हूं।

    मुझे विश्वास है, कि उनका काम अनेक महिलाओं को उत्कृष्टता तक पहुंचने के अपने प्रयासों को नवीनीकृत करने के लिए प्रेरित करेगा।

    जिस समय राजमाता अहिल्यादेवी होल्कर रहीं और शासन किया, उस समय से लेकर अब तक भारत में महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में व्यापक परिवर्तन देखने को मिला है। महाराष्ट्र राज्य वास्तव में भाग्यशाली था कि उसने सावित्रीबाई फुले, महात्मा ज्योतिबा फुले, शाहू महाराज, महर्षि कर्वे, वीर सावरकर, डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर जैसे दूरदर्शी लोगों को जन्म दिया, जिन्होंने महिला सशक्तिकरण की मजबूत नींव रखी।

    पिछले कुछ वर्षों के दौरान, महिलाएँ मानवीय प्रयासों के सभी क्षेत्रों में बंधनों को तोड़ रही हैं।

    जबकि भारत में स्थानीय स्वायत्त निकायों में पहले से ही 50 प्रतिशत महिला सदस्य थीं, भारत की संसद ने हाल ही में महिला आरक्षण विधेयक लागू किया है जो कानून और निर्णय लेने की प्रक्रिया में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने का वादा करता है।

    पिछले सप्ताह हमने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही युवा महिला कैडेटों के एक समूह को भी देखा। भारत के माननीय राष्ट्रपति महिला कैडेटों को देखकर बहुत प्रभावित हुए।

    इस साल भारतीय सिविल सेवा परीक्षा में 10 टॉपर्स में से छह महिलाएं थीं। आज आपको वरिष्ठ पुलिस पदों और राज्य प्रशासन में पहले की तुलना में कहीं अधिक महिलाएं मिलेंगी। अगले 10 वर्षों के दौरान, महाराष्ट्र के कई पुलिस स्टेशनों का संचालन महिलाएं करेंगी।

    विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के रूप में, मैं पहले से ही हर साल अधिक महिलाओं को स्नातक होते देख रहा हूँ। दीक्षांत समारोहों में मैं जो 10 स्वर्ण पदक देता हूं, उनमें से कम से कम 8 स्वर्ण महिलाओं को मिलते हैं।

    कॉर्पोरेट बोर्डों में अधिक महिलाएं, अधिक महिला कंपनी सचिव, अधिक महिला चार्टर्ड अकाउंटेंट और अधिक महिला उद्योग कप्तान 2047 तक भारत को एक विकसित भारत बनाने जा रहे हैं। महिला सशक्तिकरण से, हम जल्द ही महिला नेतृत्व वाले सशक्तिकरण के चरण में प्रवेश करेंगे। और आज सम्मानित की गईं ये महिलाएं आने वाले वर्षों में बदलाव का प्रतीक मानी जाएंगी।

    हमें अपनी सभी बेटियों और बेटों के लिए खुशहाल और सुरक्षित बचपन सुनिश्चित करने के लिए एक लंबा रास्ता तय करना है। हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि असंगठित क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं के लिए बेहतर कामकाजी परिस्थितियाँ हों।

    यह बेहद चिंता का विषय है कि कन्या भ्रूण हत्या, बाल विवाह, दहेज और महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसी सामाजिक बुराइयां मौजूद हैं। एक सुरक्षित राष्ट्र की पहचान तब होती है जब उसकी महिलाएं सुरक्षित हों। महिलाओं के खिलाफ किसी भी अपराध को बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए। साथ ही सामाजिक कुरीतियों को भी दूर करना होगा।

    महिलाओं का राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण उनकी सर्वांगीण वृद्धि और विकास सुनिश्चित करेगा। मैं इस वर्ष के ‘अहिल्यादेवी स्त्री शक्ति पुरस्कार’ के लिए सर्वश्रेष्ठ महिला प्रतीकों का चयन करने के लिए राजमाता अहिल्यादेवी फाउंडेशन और विशेष रूप से इसके संरक्षक डॉ. विकास महात्मे और फाउंडेशन के अध्यक्ष श्री संतोष महात्मे को बधाई देता हूं।

    मैं सभी पुरस्कार विजेताओं को बधाई देता हूं और फाउंडेशन को उसके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं देता हूं।

    धन्यवाद।
    जय हिन्द ! जय महाराष्ट्र !!