07.06.2023 : श्री सत्य साईं संजीवनी सेंटर फॉर चाइल्ड हार्ट केयर एंड ट्रेनिंग इन पीडियाट्रिक कार्डियक स्किल्स का ५ वां वर्षगांठ समारोह
श्री सत्य साईं संजीवनी सेंटर फॉर चाइल्ड हार्ट केयर एंड ट्रेनिंग इन पीडियाट्रिक कार्डियक स्किल्स का ५ वां वर्षगांठ समारोह
डॉ. सी. श्रीनिवास, अध्यक्ष, श्री सत्य साईं संजीवनी सेंटर फॉर चाइल्ड हार्ट केयर एंड ट्रेनिंग इन पीडियाट्रिक कार्डिएक स्किल्स
पूज्य सद्गुरु मधुसूदन साईं
डॉ. अनीता सक्सेना, वाइस चांसलर, पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट रोहतक
डॉ. प्रवीण शिनगारे, प्रो चांसलर, कृष्णा यूनिवर्सिटी, कराड
राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रशिक्षण और अनुसंधान संस्थान, एकीकृत बाल विकास सेवाएं तथा राज्य सरकार के स्वास्थ्य अधिकारी
श्री सत्य साईं संजीवनी अस्पताल के डॉक्टर और कर्मचारी
गणमान्य प्रतिनिधि
बहनों और भाइयों
मैं श्री सी. श्रीनिवास के नेतृत्व में रायपुर में श्री सत्य साईं संजीवनी अस्पताल के अतुलनीय कार्य को जानता हूं।
जमशेदपुर स्थित श्री सत्य साईं संजीवनी, माँ एवं बाल अस्पताल का उद्घाटन करने का भी सौभाग्य मुझे मिला था।
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा रायपुर का भव्य “श्री सत्य साईं सौभाग्यम” के लोकार्पण समारोह में शामिल होने का भी सौभाग्य मुझे मिला था।
आज श्री सत्य साईं संजीवनी अस्पताल, खारघर में आकर अत्यंत हर्ष का अनुभव हो रहा है।
सबसे पहले, मैं श्री सत्य साईं संजीवनी रिसर्च फाउंडेशन खारघर को उसकी ५ वीं वर्षगांठ पर हार्दिक बधाई देता हूं।
कुछ दिन पहले अध्यक्ष डॉ. सी. श्रीनिवास, इस अस्पताल के ट्रस्टी श्री सुनील गावस्कर के साथ मुझसे मिले, तो मुझे यह जानकर अत्यधिक प्रसन्नता हुई कि इस अस्पताल में बच्चों के हृदय रोग का इलाज बिलकुल मुफ्त किया जाता है।
अस्पताल में आज तक हजारों बच्चोंका मुफ्त इलाज हो चुका है, और उन्हे नया जीवन प्रदान किया गया है।
मुझे खुशी है कि फाउंडेशन आज सरकारी अधिकारियों और कर्मियो के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा योजना का भी लोकार्पण कर रहा है।
साथ ही उप जिला अस्पताल पनवेल में आज से मातृ स्वास्थ्य सेवाएं चालू हो रही हैं।
इस महत्वपूर्ण अवसर पर मैं आप सभी को बधाई देता हूं और अभिनंदन करता हूँ।
बहनों और भाइयों
हमें बीमार दिल के इलाज के लिए अच्छे दिल की जरूरत है।
हमें दर्द को दूर करने के लिए मदद करने वाले हाथों की जरूरत है।
और मरीजों को खुशी देने के लिए हमें स्वस्थ दिमाग की जरूरत है।
जन्मजात हृदय रोग एक गंभीर समस्या है।
भारत में, जन्मजात हृदय रोग के साथ पैदा होने वाले बच्चों की अनुमानित संख्या प्रति वर्ष दो लाख से अधिक है।
पीड़ित बच्चों के दर्द से अधिक दर्द उनके माता-पिता को सहना होता हैं।
देश में ऐसे केंद्र एकदम कम संख्या में हैं जो इस स्थिति वाले बच्चों की देखभाल करते हैं।
बच्चों के हृदय की देखभाल के लिए हर जिले मे श्री सत्य साईं संजीवनी केंद्र जैसे संगठन होंने जरुरी है।
बीमारियों का जल्द पता लगने से मृत्यु दर को रोकने में मदद मिल सकती है।
इसलिए इस बीमारी के बारे में जागरूकता पैदा करना सबसे जरूरी है।
रोग निदान और उपचार पर ध्यान केंद्रित करने के साथ रोकथाम हमारा प्राथमिक लक्ष्य होना चाहिए।
गर्भवती माताओं को गर्भावस्था के दौरान एक स्वस्थ जीवन शैली के महत्व को समझने की आवश्यकता है, जिसमें उचित पोषण, नियमित प्रसव पूर्व देखभाल और तंबाकू जैसे हानिकारक पदार्थों से परहेज करना शामिल है।
हमें जिला स्तर के अस्पतालों में बिमारी की शीघ्र पहचान और उपचार की सुविधाओं को भी बढ़ाना चाहिए।
इन अस्पतालों में आवश्यक बुनियादी ढांचा, चिकित्सा विशेषज्ञता और उन्नत उपकरण उपलब्ध कराने चाहिये।
ऐसा करने से, हम बड़े अस्पतालों का बोझ काफी कम कर देंगे और समय पर हस्तक्षेप करने में सक्षम होंगे, जिससे बहुमूल्य जीवन बचाएंगे।
चिकित्सा क्षेत्र में अनुसंधान बहुत महत्वपूर्ण है और सरकार इस पहल का हमेशा समर्थन करती है। मुझे यह जानकर खुशी हुई कि श्री सत्य साईं संजीवनी रिसर्च फाउंडेशन जन्मजात हृदय रोग में शोध कर रहा है।
मैं संस्था से जुड़े वैज्ञानिकों और चिकित्सकों को अनुसंधान कार्य के लिए अभिनंदन करता हूँ और अपनी हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं।
छोटे बच्चे देश का भविष्य हैं। इन बच्चों को नए जीवन का उपहार देने का पुण्य कार्य निरंतर होता रहे, इस अपेक्षा के साथ मै फिर एक बार संस्था का अभिनंदन करता हूं और फिर एक बार ट्रस्टीज को बधाई देता हूं।
धन्यवाद
जय हिंद। जय महाराष्ट्र।।