06.10.2023 : कार्डिएक इमेजिंग और क्लिनिकल कार्डियोलॉजी (WCC ICC 2023) इस विषयपर आयोजित तीसरे वर्ल्ड कांग्रेस का उद्घाटन
कार्डिएक इमेजिंग और क्लिनिकल कार्डियोलॉजी (WCC ICC 2023) इस विषयपर आयोजित तीसरे वर्ल्ड कांग्रेस का उद्घाटन, मुंबई, शुक्रवार 6 अक्टूबर 2023 शाम 1930 बजे
प्रोफेसर सी एन मंजूनाथ, अध्यक्ष, वर्ल्ड कांग्रेस इन कार्डिएक इमेजिंग एंड क्लिनिकल कार्डियोलॉजी
डॉ जी एन महापात्रा, कार्यकारी अध्यक्ष, वर्ल्ड कांग्रेस और अध्यक्ष, वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ कार्डिएक इमेजिंग एंड क्लिनिकल कार्डियोलॉजी
इंजीनियर दिनेश कुमार शुक्ला, अध्यक्ष, परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड (एईआरबी) और परमाणु वैज्ञानिक
डॉ. विनोद भंडारी, संस्थापक और अध्यक्ष, श्री अरबिंदो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, इंदौर
भारत और विभिन्न देशों से आये प्रतिष्ठित प्रतिनिधि गण
स्वास्थ्य सेवा उद्योग के वरिष्ठ अधिकारी,
देवियों और सज्जनो,
कार्डिएक इमेजिंग और क्लिनिकल कार्डियोलॉजी विषयपर आयोजित तीसरे वर्ल्ड कांग्रेस के उद्घाटन के साथ जुड़कर मुझे खुशी हो रही है।
सबसे पहले मैं विभिन्न देशों और भारत के विभिन्न हिस्सों से मुंबई आने वाले सभी प्रतिनिधियों का सौहार्दपूर्ण स्वागत करता हूं।
इस कांग्रेस का विषय ‘इमेजिंग में प्रगति के द्वारा कार्डियोलॉजी में नैदानिक क्षमताओं को बढ़ाना’ है।
मुझे अभी तक पता नहीं चला कि, डॉ. महापात्रा ने मुझे, कार्डियक इमेजिंग में ‘वर्ल्ड कांग्रेस’ का उद्घाटन करने के लिए क्यों कहा ?
मैं ना तो रेडियोलॉजिस्ट हूं, ना ही कार्डियोलॉजिस्ट।
मुझे लगता है कि डॉ. महापात्रा ने सिर्फ इतना देखा कि इस राज्यपाल के पास एक अच्छा काम करने वाला दिल है। तो उन्होने मुझे आमंत्रित करने का फैसला किया !!
मुझे ज्ञात किया गया है कि, अगले 3 दिनों में अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ व्याख्यान, सायन्टिफिक पेपर्स प्रेजेन्टेशन, केस स्टडीज आदि जैसे बौद्धिक कार्यक्रम आयोजित किये गये है।
इस अद्भुत शैक्षणिक ‘वर्ल्ड कॉंग्रेस’ के आयोजन के लिए मैं, डॉ. महापात्रा, डॉ. मंजूनाथ और आयोजन समिति के अन्य सभी सदस्यों को हार्दिक बधाई देता हूं, और उनका अभिनंदन करता हू।
129 साल पहले जब रॉण्टेन ने गलती से एक्स-रे की खोज की थी, तब से लेकर आज तक इमेजिंग के क्षेत्र ने बहुत लंबा सफर तय किया है।
ईसीजी, सीटी स्कैन, एमआरआई से आगे अब हमारे पास न्यूक्लियर पीईटी स्कैन, कार्डियक इमेजिंग की सुविधाएं उपलब्ध है।
डॉ. महापात्रा स्वयं, उन पायोनिअर्स में से हैं, जिन्होंने न्यूक्लियर मेडिसिन में सफलतापूर्वक कदम रखा और जिन्होने हृदय रोगों के निदान और उपचार की गतिशीलता को बदल दिया है।
आने वाले वर्षों में स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आने की उम्मीद है।
मुझे लगता है, आप सभी स्पेशालिस्ट, मिलकर मृत्यु की देवता, यमराज जी, को चुनौती दे रहे हैं।
ऐसा कहा जाता है कि सत युग में, लोग सैकड़ों वर्षों तक जीते थे।
मुझे लगता है, एक दिन आएगा जब आप इसे, फिर से वास्तविकता बना देंगे !
कई वर्षों तक, बिमारी का निदान करने के लिए इमेजिंग एक माध्यमिक परिधीय विभाग था।
आज, इमेजिंग पुरे हेल्थकेयर इको सिस्टम का केंद्र बन गया है, जो विभिन्न बीमारियों और विकारों की रोकथाम, निदान और उपचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
इस क्षेत्र में आधुनिक आविष्कारों ने दुनिया भर में लाखों लोगों की जान बचाई है और कई मिलियन अन्य लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार किया है।
इस प्रकार आपने लोगों की औसत जीवन प्रत्याशा बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
डिजिटल कार्डियोवस्कुलर इमेजिंग की दुनिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की शुरूआत दिल के रोगो के पूर्ण और सटीक निदान के संबंध में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
एक पिता और दादा होने के नाते, मुझे दुख होता है जब मैं 20 और 30 साल के युवाओं को कार्डियक अरेस्ट से मृत्यू के शिकार होते देखता हूं।
कुछ साल पहले, यह बाते अनसुनी थी, लेकिन आज कल, २०-३० साल के युवा जिम में एक्सरसाईज करते समय, या कार्यस्थल पर कार्डियक अरेस्ट होकर गिर पड़ते हैं। लगता है, आज कल मृत्यू पहले कोई वार्निंग सिग्नल भी देता नही है।
संभवता, भोजन के पैटर्न में भारी बदलाव, नींद की कमी, बढ़ते तनाव के स्तर, के कारण युवा पुरुष और महिलाएं, हृदय संबंधी समस्याओं से पीड़ित हो रहे हैं।
हृदय रोग की रोकथाम के बारे में समाज को सलाह देने के लिए हमें आपकी ओर से पहल की अपेक्षा है।
आज भारत की जनसंख्या 1.4 अरब तक पहुंची है। इतनी बडी जनसंख्या कि अपेक्षा आपके क्षेत्र के हार्ट स्पेशालीस्ट की भारी कमी है।
लगभग 50 प्रतिशत से अधिक भारतीय जनसंख्या गाँवों में रहती है, जहाँ स्वास्थ्य सेवा का बुनियादी सुविधाए असमान है। हमे टेली मेडिसिन, टेली रेडियोलॉजी इत्यादि की शक्ति का उपयोग करने की आवश्यकता है।
हाल ही मे जारी ‘यूनाइटेड नेशन पॉपुलेशन फंड’ की रिपोर्ट के अनुसार, 2050 में भारत में 34.7 करोड बुजुर्ग लोग होंगे।
कार्डियोलॉजिकल परीक्षाओं के बढ़ते बोझ की चुनौती से निपटने के लिए हमें आपकी सलाह और सिफारिशों की आवश्यकता है।
हर जगह स्पेशालिस्ट मिलना असंभव है। इसिलिये, सेवारत विशेषज्ञों और डॉक्टरों के लिए नियमित रूप से मेडीकल एजुकेशन कॉन्फरन्सेस, और कौशल उन्नयन कार्यक्रम, आयोजित करने की आवश्यकता है।
ऐसा देखा गया है कि तकनीकी प्रगति के परिणामस्वरूप अक्सर लागत कम हो जाती है।
हालाँकि, कार्डिएक इमेजिंग में, डायग्नोस्टिक इमेजिंग की लागत अभी भी अधिक है।
डायग्नोस्टिक इमेजिंग उपकरण और मेडिकल इमेजिंग सूचना विज्ञान समाधान ज्यादातर वैश्विक बड़ी कंपनियों द्वारा निर्मित किए जाते हैं।
इन उपकरणों की लागत बहुत अधिक है।
मुझे यकीन है, अगर भारत में उन्नत चिकित्सा उपकरण बनाए जाएं, तो इमेजिंग की लागत में भारी कमी आएगी। परिणाम स्वरूप लोगों को इमेजिंग सुविधा का लाभ कम पैसे में मिलेगा।
मैंने पढ़ा है कि आयुष्मान भारत योजना हृदय स्थितियों से संबंधित चिकित्सा प्रक्रियाओं, जैसे एंजियोप्लास्टी, पेसमेकर इम्प्लांटेशन और बाईपास सर्जरी को कवर करती है। अगर दिल की बीमारियां और इन्वेस्टीगेशन खर्च आयुष्मान भारत के तहत कवर किया जाता है, तो यह लाखों कमजोर परिवारों के लिए एक बड़ी राहत होगी।
निष्कर्षतः, कार्डियक इमेजिंग और क्लिनिकल कार्डियोलॉजी का संगम भारत में, विशेषकर महाराष्ट्र में स्वास्थ्य सेवा वितरण में बदलाव की अपार संभावनाएं रखता है।
इमेजिंग प्रौद्योगिकी में प्रगति, A I के एकीकरण और आयुष्मान भारत जैसी समावेशी नीतियों के साथ, हम एक स्वास्थ्य सेवा क्रांति के शिखर पर हैं जो लाखों लोगों के जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने का वादा करती है।
आइए हम सब मिलकर इस दृष्टिकोण को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध हों, यह सुनिश्चित करते हुए कि स्वस्थ, हृदय-सुरक्षित राष्ट्र की खोज में कोई भी पीछे न छूटे।
मैं वर्ल्ड कांग्रेस के आयोजकों को बधाई देता हूं और प्रतिभागियों के सार्थक विचार-विमर्श की कामना करता हूं।
धन्यवाद !
जय हिन्द ! जय महाराष्ट्र !!