02.06.2023 : ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के तहत ‘तेलंगाना राज्य स्थापना दिवस’ का आयोजन
‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के तहत ‘तेलंगाना राज्य स्थापना दिवस’ का आयोजन
माननीय गणमान्य व्यक्तियों, तेलंगाना के मेरे प्यारे भाइयों और बहनों,
नमस्ते और बागुन्नारा !!
राजभवन महाराष्ट्र में आपका हार्दिक स्वागत करते हुए मैं अत्यंत हर्ष का अनुभव कर रहा हूं। आज हम पहली बार महाराष्ट्र राजभवन में ‘तेलंगाना राज्य स्थापना दिवस’ मना रहे हैं।
‘तेलंगाना राज्य स्थापना दिवस’ भारत सरकार की ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ पहल के तहत महाराष्ट्र राजभवन में मनाया जा रहा है।
मुझे ख़ुशी है कि 1 मई को तेलंगाना राजभवन में भी ‘महाराष्ट्र राज्य स्थापना दिवस’ मनाया गया।
प्रत्येक राज्य का स्थापना दिवस मनाने का उद्देश्य लोगों के बीच मेलजोल को बढ़ावा देना और हमारे महान राष्ट्र के लोगों के बीच बेहतर समझ को बढ़ावा देना है।
जैसा कि आप सभी जानते हैं, ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ दुनिया के विभिन्न देशों को एक दूसरे के करीब लाया।
इसी तरह विभिन्न राज्यों का स्थापना दिवस समारोह, संबंधित राज्यों के लोगों को एक दूसरे के करीब लाएगा। यह राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देगा।
तेलंगाना के लोग दशकों, और यहां तक कि सदियों से, महाराष्ट्र में रह रहे हैं।
महाराष्ट्र में रहने वाले तेलंगाना के लोग स्वतंत्रता आंदोलन में सबसे आगे थे, निजाम के खिलाफ लडने में भी वे आगे थे।
महाराष्ट्र राज्य के गठन के आंदोलन के दौरान वे महाराष्ट्र के लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े थे।
महाराष्ट्र के शहीदों में तेलंगाना के कई लोगों के नाम आपने देखे होंगे।
तेलंगाना के श्री C.H. विद्यासागर राव, श्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मेरे कैबिनेट सहयोगी थे।
उन्हें 2014 – 2019 के दौरान महाराष्ट्र के राज्यपाल बनने का गौरव प्राप्त हुआ था।
मुझे यकीन है कि उनके कार्यकाल के दौरान आपने अक्सर राजभवन का दौरा किया होगा।
मुझे खुशी है कि महाराष्ट्र में तेलंगाना के लोगों के अनेक सांस्कृतिक संगठन हैं। आज, जैसा कि हम तेलंगाना राज्य स्थापना दिवस मनाते हैं, हम उनके अमूल्य योगदान को याद करते हैं और उनका सम्मान करते हैं।
महाराष्ट्र की समृद्धि अनगिनत लोगों के पसीने और कड़ी मेहनत के कारण है, जिनमें तेलंगाना के लोग भी शामिल हैं।
व्यापार से लेकर फिल्म उद्योग और शिक्षा जगत तक, तेलंगाना के लोगों ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान दिया है, जिसने मुंबई के सांस्कृतिक और आर्थिक परिदृश्य पर एक अमिट छाप छोड़ी है।
आज महाराष्ट्र में रहने वाले तेलंगाना के लगभग सभी लोग तेलुगु के साथ मराठी भाषा बोलते हैं।
वे उगादि, संक्रांति, बथुकम्मा, बोनालू और अन्य त्योहारों को मनाते हुए महाराष्ट्र के त्योहारों को भी मनाते हैं।
आइए, इस महत्वपूर्ण अवसर पर, हम सब मिलकर, ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के लक्ष्य को प्राप्त करें।
जय हिंद। जय महाराष्ट्र ! जय तेलंगाना !