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    राजभाषा सम्मेलन एवं पुरस्कार वितरण समारोह के उपलक्ष मे श्री चेन्नमनेनी विद्यासागर राव, राज्यपाल, महाराष्ट्र का संबोधन.

    प्रकाशित तारीख: January 12, 2018

    राजभाषा सम्मेलन एवं पुरस्कार वितरण समारोह के उपलक्ष मे श्री चेन्नमनेनी विद्यासागर राव, राज्यपाल, महाराष्ट्र का संबोधन. स्थान: राष्ट्रीय केमिकल्स एंड फर्टीलायजर्स लिमिटेड का गंगाधर देशमुख सभागार. समय ११ बजे, दिनांक १२ जनवरी २०१८

    श्री प्रभास कुमार झा, सचिव, राजभाषा विभाग, डॉ. बिपिन बिहारी, संयुक्त सचिव, राजभाषा विभाग, श्री रजनीश कुमार, अध्यक्ष, भारतीय स्टेट बँक, श्री उमेश धात्रक, अध्यक्ष तथा MD, राष्ट्रीय केमिकल्स अंड फर्टिलायझर्स, श्री अजय व्यास, प्रभागीय व्यवस्थापक, सेन्ट्रल बँक ऑफ इंडिया, सभागार मे उपस्थित वरिष्ठ अधिकारी गण, कर्मचारी गण, भाईयो और बहेनो,

    २. सर्व प्रथम मै आप सबको नये साल तथा मकर संक्रांती के पर्व की शुभ कामनाए देता हूं ! आज स्वामी विवेकानंद का जन्म दिन है. इस अवसर पर मै उनकी स्मृती को अभिवादन करतां हू.

    ३. हमारी आरंभिक शिक्षा तेलुगू मिडियम मे हुवी, इसिलीये हिन्दी बोलने मे थोडी दिक्कत होती है. अत: आप हमारी हैद्राबादी हिन्दी समझ लेंगे, ऐसी आशा करता हूं !! आज के इस राजभाषा सम्मेलन मे हिंदी मे बोलना उचित समझता हुं. आज आप सब के बीच उपस्थित हो कर मै हर्ष का अनुभव कर रहा हू !

    ४. इस आयोजन के लिये मै राजभाषा विभाग तथा सभी केंद्रीय कार्यालय तथा उपक्रमोंको बधाई देता हूं.

    ५. हिन्दी केवल भाषा नही है ! हिन्दी हमारी संस्कृति है ! हिन्दी हमारी सांस्कृतिक धरोहर है ! यदी प्रादेशिक भाषाए फुल है, तो हिंदी उन्हे जोडने वाला धागा है! इस सुंदर माला को बनाए रखना हम सबकी जिम्मेदारी है.

    ६. हिन्दी विश्व मे सबसे अधिक समझने वाली भाषा है. हमारे बॉलीवूड कि हिंदी फिल्मे पूर्व रशिया के देश, इंडोनेशिया, इजिप्त, तुर्कस्तान सहित अनेक देशोमे देखी जाती है. इन दिनोंमे चीन तथा जापान मे भी हिंदी फिल्मोंके बारे मे लोगोमे काफी दिलचस्पी है.

    ७. देश की एकता, समग्रता, सर्वभौमिकता तथा अक्षुण्णता बनाए रखने मे हिन्दी का योगदान सबसे अहम रहा है. इसिलीये हम हमेशा कहेते है, हिन्दी बचेगी तो राष्ट्र बचेगा !! हिंदी बचेगी तो संस्कृती बचेगी.

    ८. आचार्य विनोबा भावे ने अपने ऐतिहासिक भूदान आंदोलन की सफलता का श्रेय हिन्दी भाषा को दिया था. महात्मा गांधी ने भी देश की एकात्मता के लिये हिंदुस्तानी भाषा का आग्रह किया था.

    ९. भारत के आजादी के आंदोलन के दौरान हमारे शीर्ष नेताओंने स्वराज्य तथा स्वदेशी का आग्रह किया था. साथही साथ उन्होने हिंदी भाषा तथा खादी वस्त्र का आग्रह किया था.

    १०. हिंदी कि महानता देखिये.. पानी का जिस प्रकार कोई रंग नही होता, उस प्रकार हिन्दी बोलने का भी कोई एक ढंग नही होता. हर प्रदेश के लोग अपने – अपने ढंग से हिन्दी भाषा बोल लेते है. यह हिन्दी की सुंदरता है, यह हिंदी भाषा का बलस्थान है, ऐसा मै मानता हूं

    भाईयो और बहेनो,

    ११. आज विश्व की अनेक भाषाए संकट मे है. ऊन भाषाओंको बोलने वाले लोग कम होते जा रहे है. सौभाग्य की बात यह है की अंग्रेजी, फ्रेंच, स्पॅनिश, जर्मन तथा हिंदी भाषा बढ रही है, इसके बोलने वाले लोग बढ रहे है. लेकीन हमारी प्रादेशिक भाषाए अंग्रेजी कि प्रभाव मे पीछे पड रही है. हमे हिन्दी के साथ-साथ हमारी प्रादेशिक भाषाओं को भी बढावा देना होगा. यदी मातृभाषा अच्छे ढंग से आती है, तो अन्य भाषाए सिखना सुलभ होता है.

    १२. मुझे दु;ख होता है की, आज हमारे बच्चे, हमारे पोते हमारी अपनी भाषा बोलने मे असमर्थ हो रहे है. यह दुर्भाग्य कि बात है कि धीरे धीरे अपनी भाषा को नादान समझ रहे है. यह गलत उनकी धारणा हमे दूर करनी होगी.

    १३. आज विज्ञान – तंत्रज्ञान की शक्ती हमारे पास है. हमे तंत्रज्ञान के संसाधनों का प्रयोग करके हमारी भाषाओंको बढाना होगा.

    १४. जपान मे लोग जापनीज बोलते है, जर्मनी मे जर्मन, कोरिया मे कोरियन, रशिया मे रशियन, फ्रांस मे फ्रेंच भाषा बोलते है. तो हिंदुस्तान मे हम हिन्दी बोलने मे क्यो संकोच करते है?

    १५. हमे हिन्दी को ज्ञान भाषा बनाना होगा. भाषा का सबसे अच्‍छा विकास और उसका प्रचार-प्रसार स्वयं-प्रेरणा से होता है. मैं आप सब से अनुरोध करता हूं कि आप इस कार्य को राष्‍ट्रीय कर्तव्‍य समझ कर आगे आएं. मै फिर से दोहराना चाहूंगा – हिन्दी भाषा बची तो संस्कृति बचेगी; हिन्दी भाषा बची तो देश एक रहेगा.

    १६. सभी पुरस्‍कार विजेताओं को मै हार्दिक बधाई देता हूँ. राजभाषा विभाग को भी इस सफल आयोजन के लिए बधार्इ देता हूं. आप सब को मेरी शुभ-कामनाएं. धन्यवाद.

    जय हिंद ! जय महाराष्ट्र !!