बंद

    कृषी विज्ञान केंद्र, शारदा नगर, सगरोळी, नांदेड या संस्थेच्या इमारतीच्या उद्घाटनावेळी राज्यपालांचे भाषण

    प्रकाशित तारीख: February 12, 2018

    कृषी विज्ञान केंद्र, शारदा नगर, सगरोळी, जिल्हा नांदेड या संस्थेच्या प्रशासकीय इमारतीच्या उद्घाटन प्रसंगी महाराष्ट्राचे राज्यपाल चे. विद्यासागर राव यांचे भाषण. वेळ दुपारी २.३० वाजता, दिनांक सोमवार १२ फेब्रुवारी २०१८

    माननीय श्री हरिभाऊ बागडे, अध्यक्ष, विधान सभा, डॉ. वेन्कटेश्वरुलू, कुलगुरू, वसंतराव नाईक मराठवाडा कृषी विद्यापीठ, परभणी, वरिष्ठ शासकीय अधिकारी, शेतकरी बंधू, भगिनी आणि विद्यार्थी मित्रांनो,

    आज सगरोळी येथे येऊन तसेच आपणा सर्वांना भेटून खूप आनंद वाटला.

    कृषी विज्ञान केंद्राच्या प्रशासकीय इमारतीचे आज उद्घाटन होत आहे, ही अतिशय आनंदाची गोष्ट आहे.

    आजपासून ‘कृषी तंत्रज्ञान महोत्सव’ देखील सुरु होत आहे, ही विशेष आनंदाची गोष्ट आहे.

    संस्कृती संवर्धन मंडळाने ग्रामीण भागातील जनतेच्या सामाजिक तसेच आर्थिक प्रगतीसाठी सातत्याने प्रयत्न केले आहेत.

    कृषी विज्ञान केंद्र स्थापन झाल्यापासून संस्थेने नांदेड जिल्ह्यातील शेतकऱ्यांना योग्य मार्गदर्शन केले आहे.

    मी संस्कृती संवर्धन मंडळाचे तसेच कृषी विज्ञान केंद्राचे मनःपूर्वक अभिनंदन करतो.

    भाईयो और बहेनो,

    भारत सदियोंसे कृषी प्रधान देश रहा है. हमारे देशने प्राचीन काल से कृषी विकास तथा पशु पालन क्षेत्र मे पुरे विश्व मे सबसे अधिक मौलिक कार्य किया है. देश कि अन्न जैव-विविधता सबसे संपन्न रही है.

    कृषी क्षेत्र मे सबसे अधिक अनुसंधान हमारे किसान भाई – बहेनो ने किया है.

    हमारे वेदोमे तथा अन्य प्राचीन ग्रंथोमे कृषी विकास का उल्लेख आता है. एक समय ऐसा था, जब हमारे देशकी लगभग पचानबे प्रतिशत जनता खेती तथा उससे जुडे उद्योग पर निर्भर थी. हमारा देश हमेशा सुजलाम – सुफलाम रहा करता था.

    आपको जानकर आश्चर्य होगा, सतरावी सदि तक हमारे देश की अर्थव्यवस्था विश्व कि अर्थ व्यवस्था का एक चौथाई हिस्सा थी.

    हमारा जल व्यवस्थापन बेहतरीन था.

    हमारे लोगोंको अकाल पता नही था.

    इस देशका कोई भी व्यक्ती भुखा नही रहता था.

    अंग्रेजोंकी ईस्ट इंडिया कंपनी कि सरकार आने के बाद उन्होंने सर्व प्रथम हमारे कृषी क्षेत्र को नुकसान पहुचाया.

    कृषी उपज पर इतना टैक्स लगाया की पहिली बार हमारा किसान गरीब हो गया. हमारे उद्योगोपर रोक लगाई गयी. हमारा वस्त्रोद्योग खतम कर दिया गया.

    आजादी के बाद हमने कृषी विकास को प्राथमिकता दी.

    विगत ७१ साल मे देश ने कृषी क्षेत्र मे अच्छी तरक्की हासील कि है. हमारे किसानोने हरित क्रांती की है.

    प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदीजी ने हर किसान कि आय, सन दो हजार बाईस तक, दुगुनी करने का लक्ष्य रखा है.

    इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये हमारा कृषी विभाग, पशु संवर्धन विभाग, कृषी विश्व विद्यालय तथा हमारे किसान भाई – बहेनोंको साथ मे काम करना होगा.

    हमारे कृषी विग्यान केंद्रोन्को इसमे सबसे अहेम भूमिका निभानी होगी.

    हमारे कृषी विश्व विद्यालायोमे हो रही नई – नई खोज को हमारे किसान भाई – बहेनोके समक्ष लाना होगा तथा उन्हे समझाना होगा.

    कृषी विग्यान केंद्र को किसानोंकी जरुरतोंको समझना होगा तथा उनकी समस्याओन्का समाधान खोजना होगा.

    केंद्र तथा राज्य सरकार कि किसानोंके लिये अनेक परियोजनाए है.

    मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना, ‘उन्नत शेती, समृद्ध शेतकरी’ इन जैसी योजनाओं का हमारे किसान भाईयोंको लाभ लेना होगा.

    सिर्फ खेती करके आमदानी नही बढेगी. किसानोंको चाहिये कि खेती के साथ साथ दुध व्यवसाय करे, बकरी पालन करे, मुर्गी पालन – पोल्ट्री करे, रेशम किडोंका पालन करे, मधुमक्खी पालन जैसे पूरक उद्योग करे.

    आज शहरोमे नौकरी मिलना कठीन हो रहा है. इसीलिये ग्रामीण युवाओंको मै आवाहन करता हुं कि वे कृषी उद्योग कि तरफ मोडे. नये – नये कौशल सीखे तथा स्वयं उद्योजक बने.

    फूड प्रोसेसिंग – अन्न प्रक्रिया उद्योग को हमे बढावा देना होगा. इससे हमारे किसान भाईयोंका बडा लाभ हो सकता है.

    प्रती वर्ष मै ‘महालक्ष्मी सरस’ प्रदर्शनी कि सैर करता हू.

    हमारे राज्य के स्वयम सहायता समूह कि महिलाए कृषी उत्पाद, फूड प्रोडक्टस, तथा हस्त-शिल्प कि प्रदर्शनी तथा बिक्री करती है. उससे वे आर्थिक आत्मनिर्भर हो गयी है.

    कृषी विज्ञान केंद्र के माध्यम से हमारे किसान भाईयोंको पॅकेजिंग, ब्रँडींग तथा मार्केटिंग कि भी जानकारी मिलनी चाहिये.

    जागतिक जलवायू परिवर्तन कि वजह से आने वाले समय मे अति-वृष्टी भी हो सकती है, अनावृष्टी भी आ सकती है. इस आवाहन का मुकाबला करने के लिये हमे सोचना होगा, तैय्यार रहेना होगा.

    महाराष्ट्र ने जलयुक्त शिवार योजना मे सराह्नीय कार्य किया है. हमे अकाल मुक्त, संपन्न- समृद्ध महाराष्ट्र निर्माण करने के लिये इस योजना को अपनाना होगा. Per Drop More Crop कामयाब होने के लिये जलव्यवस्थापन को हमे सबसे अधिक प्राथमिकता देनी होगी.

    केवल सेवा क्षेत्र या उत्पादन क्षेत्र कि कामयाबी से भारत संपन्न देश नही हो सकता. भारत को संपन्न करने के लिये कृषी क्षेत्र को अहेम भूमिका निभानी होगी. यह कार्य आप सबको करना है. हम सबको करना है.

    पुनश्च, मै संस्कृती संवर्धन मंडल तथा कृषी विज्ञान केंद्र को बधाई देता हू तथा कृषी तंत्रज्ञान महोत्सव के सफल आयोजन के लिये शुभ कामनाए देता हुं.

    धन्यवाद. जय हिंद. जय महाराष्ट्र.