20.06.2023 : पश्चिम बंगाल स्थापना दिवस समारोह, महाराष्ट्र राजभवन
पश्चिम बंगाल स्थापना दिवस समारोह, महाराष्ट्र राजभवन
स्वामी सत्यदेवानंद महाराज, अध्यक्ष, रामकृष्ण मठ और मिशन
श्रीमती कमलिका गुहा ठाकूरता, संस्थापक, श्रीजोन फाउंडेशन
माननीय गणमान्य व्यक्तियों, सम्मानित अतिथियों, और साथी नागरिकों,
पश्चिमबंग राज्य गठन दिबॉश उपलक्खे आपनाके शुभेच्छा ओ अभिनंदन
सबसे पहले मैं पश्चिम बंगाल राज्य स्थापना दिवस २० जून के आनंदमय अवसर पर आप सभी का महाराष्ट्र राज भवन में हार्दिक स्वागत करता हूं।
आज के सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजन में, महाराष्ट्र राजभवन का सहयोग करने के लिए, श्रीजन फाउंडेशन और विशेष रूप से श्रीमती कमलिका गुहा ठाकूरता को विशेष रूप से धन्यवाद देता हूं।
भारत सरकार की ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ पहल के तत्वावधान में, महाराष्ट्र राजभवन को पहली बार पश्चिम बंगाल स्थापना दिवस आयोजित करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।
इस दिन का अत्यधिक महत्व है क्योंकि यह दिन हमे पश्चिम बंगाल का समृद्ध इतिहास, सांस्कृतिक विरासत और राज्य व्दारा हमारे महान राष्ट्र के लिए किए गए उल्लेखनीय योगदान को याद करने का अवसर प्रदान करता है।
मुंबई का बंगाली समाज, पश्चिम बंगाल के हीरे हैं, और आप सभी महाराष्ट्र के गौरव हैं।
मुंबई बंगाली समाज के लोगों ने चिकित्सा, कला, फिल्म, रंगमंच, इतिहास, विरासत, पत्रकारिता, न्यायपालिका और अनेक क्षेत्रों में खुद को प्रतिष्ठित किया है।
महाराष्ट्र और विशेष कर मुंबई में बड़ी संख्या में बंगाली लोग रहते है।
आज मुंबई तथा महाराष्ट्र के हर नगर उपनगर में दुर्गा पूजा महोत्सव बहुत धूमधाम से मनाया जाता है।
सार्वजनिक दुर्गा पूजा मंडलों में से कुछ मंडल तो लगभग 100 साल पुराने हैं।
प्राचीन काल से, बंगाल ने साम्राज्यों के उत्थान और पतन, विभिन्न राजवंशों के प्रभाव और विविध संस्कृतियों के समावेश को देखा है।
यह एक ऐसी भूमि है जहाँ गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियाँ मिलती हैं, जो एक जीती जागती सभ्यता की अनुपम मिसाल है जो युगों से फलती-फूलती रही है।
जब हम इतिहास के पन्नों में झांकते हैं, तो हम पाते हैं कि पश्चिम बंगाल ने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल कई क्षेत्रों में एक दूसरे के पूरक रहे हैं।
सन १८९३ में इसी मुंबई महानगर से स्वामी विवेकानंद शिकागो के लिये रवाना हुए थे।
वहां उन्होने विश्व धर्म संसद में भाषण के जरीए पूरी दुनिया का भारत के प्रति नजरिया बदल दिया था।
स्वामी विवेकानंद द्वारा स्थापित मुंबई का रामकृष्ण मिशन इस वर्ष अपने स्थापना की शताब्दी मना रहा है।
महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल क्रांतिकारी विचारों के केंद्र बन गए और अंग्रेज शासन के खिलाफ लगातार लड़ने वाले साहसी स्वतंत्रता सेनानियों की खान बन गए।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रवींद्रनाथ टैगोर, और सुरेंद्रनाथ बनर्जी जैसे महान दूरदर्शी के नाम, गर्व और प्रशंसा के साथ प्रतिध्वनित होते हैं, क्योंकि उन्होंने स्वतंत्रता के लिए निडरता से संघर्ष किया और लाखों लोगों को संघर्ष में शामिल होने के लिए प्रेरित किया।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का पहला अधिवेशन राजभवन से मात्र 2 किलोमीटर की दूरी पर गोकुलदास तेजपाल सभागार में वर्ष 1885 में आयोजित किया गया था। इसकी अध्यक्षता बंगाल के व्योमेशचंद्र बनर्जी ने की थी।
रविन्द्रनाथ टैगोर रचित हमारा राष्ट्रगान, “जन-गण-मन”, बंगाल की ही देन है।
स्वतंत्रता आंदोलन में अपने योगदान के अलावा, पश्चिम बंगाल, व्यापार और वाणिज्य के एक संपन्न केंद्र के रूप में उभरा है। कोलकाता की चहल-पहल वाली सड़कों से लेकर हावड़ा और दुर्गापुर के औद्योगिक शहरों तक, राज्य उद्यमिता और आर्थिक विकास का केंद्र रहा है।
पश्चिम बंगाल ने न केवल व्यापार और वाणिज्य में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है बल्कि हमारे देश के संसदीय लोकतंत्र को आकार देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
बंगाल ने देश को अनेक जाने माने राजनीतिक नेता दिए, जिन्होंने देश को लोकतांत्रिक आदर्श दिए।
पंडित श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान को हम कैसे भूल सकते हैं।
बंगाल की कला और संस्कृति विभिन्न रूपों में फली-फूली है, चाहे वह चित्रकला, मूर्तिकला, संगीत, नृत्य या रंगमंच के माध्यम से हो।
पश्चिम बंगाल के फिल्म निर्माताओं, संगीतकारों, गायकों, प्लेबैक सिंगर्स, नर्तक कोरियोग्राफरों आदि का मुंबई के हिंदी फिल्म उद्योग में महत्वपूर्ण योगदान है।
आज संदेश मिठाई, रशोगुल्ला और मिस्टी दोई महाराष्ट्र में घरेलू नाम बन गए हैं।
राज्य स्थापना दिवस के आयोजन का उद्देश्य एक दूसरे को समझना और हमारी साझा संस्कृति और विरासत की सराहना करना है। मुझे कोई संदेह नहीं है कि यह एकता और राष्ट्रीयता की भावना को मजबूत करेगा।
आइए हम सब मिलकर अपने विविध राष्ट्र के समृद्ध विरासत का महोत्सव मनाएँ और एक समृद्ध और सामंजस्यपूर्ण भारत के निर्माण की दिशा में काम करें।
आज आपका राज्य स्थापना दिन मनाने से मुझे पश्चिम बंगाल की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को देखने और आप से मिलने का अवसर मिला।
इसके लिये मै प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को तथा ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ अभियान को धन्यवाद देता हुं।
मैं आज उपस्थित सभी कलाकारों की उनकी सुंदर प्रस्तुति के लिए सराहना करता हूं और श्रीजोन फाउंडेशन को धन्यवाद देता हूं।
आइए हम एकजुट रह कर ‘समर्थ भारत सक्षम भारत’ निर्माण करने का संकल्प करें।
धन्यवाद।
जय हिंद। जय महाराष्ट्र। जय पश्चिम बंगाल।।