18.08.2023 : ‘एन्युअल डे’ तथा वार्षिक पुरस्कार समारोह, व्हिला टेरेसा हायस्कूल, स्कूल ऑडिटोरियम, मुंबई
‘एन्युअल डे’ तथा वार्षिक पुरस्कार समारोह, व्हिला टेरेसा हायस्कूल, स्कूल ऑडिटोरियम, मुंबई
व्हिला टेरेसा हायस्कूल के सम्मानित ट्रस्टी
सिस्टर बबिता एब्राहम, प्रिंसिपल
श्रीमती सुसी शाह, बाल अधिकार संरक्षण आयुक्त
सिस्टर संजीता कुजूर, अध्यापिका
सिस्टर लिमा रोज, प्रशासन अधीक्षक
शिक्षक, अभिभावक गण, और हाईस्कूल की होनहार छात्राएं,
व्हिला टेरेसा हाईस्कूल के ‘एन्युअल डे’ तथा वार्षिक पुरस्कार दिवस के, इस खुशी के अवसर पर, आप के मध्य में उपस्थित रहकर, मैं हर्ष का अनुभव कर रहा हूं।
मुझे अपने स्कूल के ‘ऍन्युअल डे’ की याद आ रही है।
मुझे जानकर ख़ुशी हुई कि, व्हिला टेरेसा हाईस्कूल, अपनी स्थापना के इकानवे वर्ष पूर्ण करके, बयानबे वर्ष में प्रवेश कर रहा है।
और भी प्रसन्नता की बात है कि, विद्यालय से जुड़ा हुआ कॉन्व्हेंट तथा होस्टल, इस वर्ष स्थापना का शताब्दी वर्ष मना रहा है।
इस बेहद यादगार अवसर पर, मै संस्था के प्रबंधक, प्राचार्य, अध्यापक गण, अभिभावक, स्टाफ, पूर्व छात्राएं तथा आप सभी का हार्दिक अभिनंदन करता हूं और शुभकामनाएं देता हूं।
आज का यह दिन, इस महान संस्थान के संस्थापक बहनों को, कृतज्ञतापूर्वक याद करने का अवसर है।
व्हिला टेरेसा हाईस्कूल की विरासत दशकों पुरानी है, जो प्रज्ञावान लड़कियों में ज्ञान, करुणा और अखंडता के मूल्यों को स्थापित करती है।
यह अत्यंत गर्व की बात है कि हाई स्कूल के पूर्व छात्राओं ने व्यवसाय, वाणिज्य, कला, विज्ञान, शिक्षण और कई अन्य क्षेत्रों सहित जीवन के सभी क्षेत्रों में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है।
एक मजबूत, स्वतंत्र और शिक्षित महिला से बड़ा सामाजिक स्थिरता का और कोई स्तंभ नहीं है।
जब एक महिला शिक्षित होती हैं, तो अनेक परिवार शिक्षित होते है। समाज का स्तर ऊंचा होता है, देश और भी मजबूत और समृद्ध होता है।
व्हिला टेरेसा हाईस्कूल ने, महिला सशक्तिकरण के माध्यम से, राज्य और राष्ट्र के विकास में अनुपम योगदान दिया है।
अपनी शुरुआत से लेकर आज तक, इस स्कूल ने अनगिनत व्यक्तियों के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
शिक्षकों के समर्पण, माता-पिता के आशीर्वाद और छात्रों के परिश्रम ने इस संस्थान की सफलता और विकास में योगदान दिया है।
हमारी तेजी से बदलती दुनिया में, शिक्षा, प्रगति की आधारशिला है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति २०२० ने, हमारी शिक्षा प्रणाली के लिए एक परिवर्तनकारी दृष्टिकोण सामने रखा है, जिसमें समग्र शिक्षा, आलोचनात्मक सोच और प्रौद्योगिकी के एकीकरण पर जोर दिया गया है।
प्रौद्योगिकी की बात करें तो, हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के आगमन के साथ, एक नए युग की शुरुआत देख रहे हैं।
यह हमारी अनुकूलनशीलता और नवीनता का प्रमाण है कि अब हम अपने छात्रों को ऐसे करियर के लिए तैयार कर रहे हैं, जो एक दशक पहले अस्तित्व में भी नहीं था।
नर्सिंग के क्षेत्र की तरह, जो पूरी तरह से महिलाओं द्वारा चलाया जाता है, अध्यापन कार्य भी पूरी तरह से महिलाओं द्वारा संचालित किया जाएगा।
मैं चाहता हूं कि भारत की महिलाएं केवल भारत में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में शिक्षक बनने की ख्वाहिश रखें। आप यह अवश्य कर सकते हैं।
भारत बेहतरीन डॉक्टर, बेहतरीन नर्सेस , बेहतरीन आईटी इंजीनियर पैदा कर रहा है।
हम निश्चित रूप से दुनिया के लिए सर्वश्रेष्ठ शिक्षक भी तैयार कर सकते हैं।
आज महिलाएं सिविल सर्व्हिसेस परीक्षाओं में टॉप कर रही हैं, कॉर्पोरेट्स में कंपनी सेक्रेटरी, सीए, सीईओ बनकर काम कर रही है।
मैं चाहता हूं कि हमारी बेटियां पूरी दुनिया की स्कूलो में कक्षाओं का प्रबंधन और संचलन करें।
इस तरह, आप भारत को ‘विश्व गुरु’ बनने में मदद कर सकते हैं।
आप जिस नये समाज में, कदम रख रहे हैं, वह एक उद्यमशील समाज है। आप सभी भारत की आजादी की शताब्दी के साक्षी बनने जा रहे हैं।
मुझे विश्वास है कि भारत 2047 तक एक विकसित राष्ट्र होगा। आप विकशीत भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में योगदान देंगे।
लेकिन, ऐसा होने के लिए हमें महिला उद्यमियों और स्टार्टअप युवाओं की एक पीढ़ी की आवश्यकता है।
मैं आपसे उद्यमी और बिजनेस लीडर बनने का भी आह्वान करूंगा। प्रौद्योगिकी और निर्यात से भारत को वैश्विक नेता बनने में मदद मिलेगी।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के, उद्भव की पृष्ठभूमि में, संपूर्ण शिक्षा प्रणाली में, आमूल-चूल परिवर्तन आ रहे है। आज केवल साक्षर होना ही पर्याप्त नहीं है। आपको AI साक्षर होना जरूरी है।
मैं शिक्षकों से अपील करता हूं कि वे छात्रों को एआई और मशीन लर्निंग के फायदे और नुकसान से परिचित कराएं। इससे हमारे छात्रों को आगे रहने में मदद मिलेगी।
जैसे-जैसे हम भविष्य की ओर देखते हैं, हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती हमारे पर्यावरण का संरक्षण है।
प्रकृति का नाजुक संतुलन एक चौराहे पर है, और यह जरूरी है कि हमारी युवा पीढ़ी, हमारे ग्रह को संरक्षित करने का बीड़ा उठाए। इस प्रयास में आपको एक आवश्यक भूमिका निभानी है।
प्लास्टिक का उपयोग कम करना, जल संरक्षण और पेड़ लगाना जैसे सरल कार्य, आप सभी कर सकते हैं। सामूहिक रूप से यह कार्य एक महत्वपूर्ण प्रभाव पैदा करते हैं।
हमारे प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा के प्रति आपका उत्साह और प्रतिबद्धता एक स्थायी भविष्य का मार्ग प्रशस्त करेगी।
मेरा आप सभी से आग्रह होगा आप लडकियों को कोई न कोई हॉबी या शौक जरूर करने दिजीये।
हॉबी केवल अवकाश गतिविधियाँ नहीं हैं; वह तनाव मुक्त होने का, और एक सर्वांगीण व्यक्तित्व विकसित करने का, साधन हैं।
चाहे वह पेंटिंग हो, संगीत हो, खेल हो, या कोई अन्य जुनून हो, ये गतिविधियाँ तनाव मुक्त के लिए एक आवश्यक आउटलेट और छिपी हुई प्रतिभाओं को खोजने का एक तरीका प्रदान करती हैं।
मैं आपसे, छात्रों के बीच भारतीय भाषाओं को, बढ़ावा देने का भी आह्वान करूंगा। दरअसल नई शिक्षा नीति छात्रों को उनकी मातृभाषा में शिक्षा देने पर जोर देती है।
विद्यार्थियों को अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन आदी विभिन्न भाषाएं अवश्य सीखनी चाहिए। लेकिन उन्हें अपनी मातृभाषा और हमारी राष्ट्रीय भाषा में बोलने के लिए भी सक्रिय रूप से प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
दुनिया बदल रही है और आप, छात्र, इस बदलाव के अग्रदूत हैं।
याद रखें, आप सिर्फ कल के नेता नहीं हैं; आप आज के भी नेता हैं, और आपकी क्षमता की कोई सीमा नहीं है।
आज के सभी पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं को एक बार फिर बधाई देता हूं और सभी छात्राओं को उज्ज्वल और समृद्ध भविष्य के लिए हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं।
इस सुंदर संस्था में बुलाने के लिये मै विला टेरेसा की प्राचार्य महोदया को भी हार्दिक धन्यवाद देता हूं।
जय हिंद। जय महाराष्ट्र।।