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    13.01.2024 : दूसरी “मुंबई सस्टेनेबिलिटी समिट” और ‘मुंबई सस्टेनेबिलिटी पुरस्कार’ समारोह

    Publish Date: January 13, 2024

    दूसरी “मुंबई सस्टेनेबिलिटी समिट” और ‘मुंबई सस्टेनेबिलिटी पुरस्कार’ समारोह। आयोजक : विवेकानन्द यूथ कनेक्ट फाउंडेशन। वाई बी चव्हाण ऑडिटोरियम मुंबई। 15 जनवरी 2024

    श्री दीपक केसरकर, स्कूल शिक्षा और मराठी भाषा मंत्री

    श्री अशोक हिंदुजा, चेअरमन, हिंदुजा ग्रुप

    डॉ. राजेश सर्वज्ञ, संस्थापक, विवेकानन्द यूथ कनेक्ट फाउंडेशन

    श्री सिद्धार्थ शर्मा, सीईओ, टाटा ट्रस्ट

    श्री प्रवीण दराडे, प्रधान सचिव, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन

    श्रीमती अनुराधा पौडवाल, प्रसिद्ध पार्श्व गायिका

    ‘मुंबई सस्टेनेबिलिटी अवार्ड्स’ के सभी प्रतिष्ठित प्राप्तकर्ता

    विश्वविद्यालय और कॉलेज के छात्र

    आमंत्रितगण, देवियो और सज्जनो

    विवेकानन्द यूथ कनेक्ट फाउंडेशन द्वारा आयोजित दूसरे ‘मुंबई सस्टेनेबिलिटी समिट’ में सम्मिलित होकर खुशी हूई।

    स्वामी विवेकानंद ने अपना जीवन, राष्ट्रीय पुनरुत्थान के लिये समर्पित किया था। उनके विचार जन-जन तक पहुंचाने के हेतु से वर्ष 2013 में स्थापित, विवेकानन्द यूथ कनेक्ट फाउंडेशन ने, पर्यावरण संबंधी मुद्दों के बारे में युवाओं में जनजागृती पैदा करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए हैं।

    तीन दिन पहले हमने स्वामी विवेकानन्द जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया।

    स्वामी विवेकानन्द पर्यावरण की स्थिरता के प्रबल पक्षधर थे।

    मुझे ख़ुशी है कि डॉ. राजेश सर्वज्ञ अपने फाउंडेशन के माध्यम से स्वामी विवेकानन्द के पर्यावरण विचारो को आगे बढ़ा रहे हैं।

    मैं इस शिखर सम्मेलन के आयोजन के लिए विवेकानंद यूथ कनेक्ट फाउंडेशन और विशेष रूप से इसके संस्थापक डॉ. राजेश सर्वज्ञ को बधाई देता हूं।

    ‘मुंबई सस्टेनेबिलिटी अवार्ड्स’ के सभी प्राप्तकर्ताओं – व्यक्तियों और संस्थानों – को भी मै बधाई देता हूं। श्री राधेश्याम मोपलवार ने राज्य के प्रशासन में तथा इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण में बहुत बडा योगदान दिया है। सुश्री अनुराधा पाल ने तबला वादन के क्षेत्र में समुचे विश्व में देश का नाम रौशन किया है। आपका तथा आज के सभी ‘मुंबई सस्टेनेबिलिटी एवार्ड्स’ विजेताओं का मै अभिनंदन करता हूं।

    मुंबई शहर के इतिहास से पता चलता है कि वर्ष 1850 में, इस शहर की जनसंख्या लगभग 5 – 6 लाख थी। वर्ष 1911 में मुंबई की अनुमानित जनसंख्या लगभग 10 लाख थी।

    पिछले 115 वर्षों के दौरान, बृहन मुंबई की आबादी लगभग 2 करोड तक पहुंच गई है। स्वाभाविक रूप से हमारा महानगर जनसंख्या का भारी दबाव झेल रहे हैं।

    कई बार विभिन्न देशों के राजदूत और संसदीय समितियों के अध्यक्ष राजभवन में मुझसे मिलते हैं। उनके साथ चर्चा से पता चलता है कि उनके देशों की जनसंख्या मुंबई से भी कम है।

    मुंबई की विशाल जनसंख्या हमारे जल, वायु, पेड़, जैव विविधता और समुद्री विविधता जैसे सभी प्राकृतिक संसाधनों पर बोझ डाल रही है।

    हमारी सरकारें और योजनाकार सतत विकास के मुद्दे से निपटने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं।

    लेकीन, हमें नागरिकों के रूप में भी पर्यावरण और प्रकृति को संरक्षित करने के लिए स्थायी प्रथाओं को अपनाना चाहिए।

    पतली प्लास्टिक थैलियों पर सरकारी प्रतिबंध के बावजूद, हमारे बाजार प्लास्टिक थैलियों से भरे पड़े हैं। ये प्लास्टिक बैग लैंडफिल, समुद्र और अंततः हमारी खाद्य श्रृंखला तक पहुंच जाते हैं।

    फिर कभी भारी बारिश के दौरान, जब मुंबई में बाढ़ आती है, तो हम सरकार को दोषी करार कर देते हैं।

    हमारे शहरों का स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए स्वयं – अनुशासन महत्वपूर्ण है।

    मुंबई में गणेश चतुर्थी का त्योहार बहुत धूमधाम से मनाया जाता है।

    क्या हम गणेशोत्सव को इको फ्रेंडली नहीं बना सकते ?

    क्या हम ‘प्लास्टर ऑफ पेरिस’ से बनी गणेश मूर्तियों का उपयोग बंद नहीं कर सकते ?

    सामाजिक आर्थिक सीढ़ी के सबसे निचले पायदान पर मौजूद लोगों के कल्याण के बिना सतत विकास का लक्ष्य हासिल नहीं किया जा सकता है।

    अन्य देशों में समर्पित साइकिल लेन हैं। मुझे लगता है कि मुंबई को पद पथों की जरूरत है। अक्सर फुटपाथ दिखाई देते नहीं लोगों को सड़कों पर चलना पड़ता है।

    हर साल लोग हजारों कारें खरीदते हैं। लेकिन पार्किंग की जगह कहां है ?

    हमें इन समस्याओं के समाधान के लिए नवोन्वेषी समाधानों की आवश्यकता है।

    ‘इंडिया टुडे’ के हालिया अंक से पता चला है कि मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक AQI हमेशा 100 से ऊपर रहता है, जबकि 50 या उससे ऊपर AQI को खतरनाक माना जाता है।

    अनावश्यक हॉर्न बजाना लोगों की सबसे बुरी आदत है। लोग न केवल अधीर हो रहे हैं, बल्कि वे बच्चों और बुजुर्गों को हॉर्न बजाने से होने वाली तकलीफ के प्रति असंवेदनशील भी हो रहे हैं। दूसरे देश में आप जाते है, तो गाड़ियों के हॉर्न सुनाई ही नहीं देते। छोटी – छोटी आदते बडा परिवर्तन ला सकती है।

    मै ‘विवेकानंद यूथ कनेक्ट फाउंडेशन’ और सभी पर्यावरण प्रेमी संगठनों से मुंबई में ‘नो हॉन्किंग वीक’ आयोजित करने की अपील करता हू।

    विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के रूप में, मैंने प्रदेश के कुलपतियों से अपने विश्वविद्यालयों को कार्बन न्युट्रल, स्वच्छ और हरित बनाने के लिए कहा है।

    मैने दुनिया के अनेक देशोकी यात्रा की है। दुनिया के कई शहर परिवहन और साहसिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए समुद्र का सर्वोत्तम उपयोग कर रहे हैं।

    समुद्र तटों के सौंदर्यीकरण से उन्हें समुद्र किनारे आधारित खेलों को बढ़ावा देने में मदद मिलती है। महासागर की क्षमता का दोहन करने से पर्यटन बढेगा और हमें रोजगार के अवसर पैदा करने में मदद मिलेगी।

    मैं पर्यावरण स्थिरता के विभिन्न मुद्दो को ध्यान में लाने के लिए विवेकानंद यूथ कनेक्ट फाउंडेशन को बधाई देता हूं और मुंबई सस्टेनिबिलिटी पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं फिर एक बार अभिनंदन करता हूं। मैं आपके सार्थक विचार-विमर्श की कामना करता हूं।

    धन्यवाद
    जय हिन्द ! जय महाराष्ट्र !