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    07.06.2024 : प्लास्टिक निर्यात संवर्धन परिषद निर्यात उत्कृष्टता पुरस्कार समारोह

    Publish Date: June 8, 2024
    प्लास्टिक निर्यात संवर्धन परिषद निर्यात उत्कृष्टता पुरस्कार समारोह

    प्लास्टिक निर्यात संवर्धन परिषद निर्यात उत्कृष्टता पुरस्कार समारोह | 7 जून 2024

    श्री हेमंत मिनोचा, अध्यक्ष, प्लास्टिक एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल

    श्री विक्रम भदुरिया, उपाध्यक्ष

    श्री एम पी तपारिया, आज के जीवन गौरव पुरस्कार विजेता

    श्री श्रीबाश दास-मोहपात्रा, कार्यकारी निदेशक, प्लास्टिक एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल

    प्लास्टिक उद्योग तथा प्लास्टिक निर्यात उद्योग के सभी अग्रणी संस्थान एवं व्यवसायी

    निर्यात पुरस्कार विजेता

    आमंत्रित, देवियो और सज्जनों

    देश के शीर्ष प्लास्टिक निर्माताओं और निर्यातकों की इस सभा के बीच आकर मुझे बहुत खुशी हो रही है ।

    प्लास्टिक एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल, देश की सबसे पुरानी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिलों में से एक है। प्लास्टिक निर्यात को बढावा देने के लिए कौन्सिलने ने निरंतर उत्कृष्ट कार्य किया है। परिषद भारत सरकार को समय समय पर नीति निर्माण तथा नीति सुधार के लिए सूचनाएं करती है जो वास्तव में सराहनीय है।

    मुंबई में निर्यात पुरस्कार समारोह आयोजित करने और शीर्ष एक्सपोर्टर्स को सम्मानित करने के लिए मैं परिषद को बधाई देता हूं।

    वर्ष 2021 से 2023 के लिए सभी निर्यात उत्कृष्टता पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं को मै हार्दिक बधाई देता हूं तथा उनका अभिनंदन करता हूं ।

    इस अवसर पर मैं पूरे प्लास्टिक उद्योग और निर्यात बिरादरी को अपनी उपलब्धियों, नवाचारों तथा देश की अर्थव्यवस्था में अपने योगदान के लिए हार्दिक बधाई देता हूं।

    मित्रो,

    जीवन की बेहतर गुणवत्ता की आवश्यकता सदियों से मानव जाति को नई बेहतर सामग्री के साथ मूल्य वर्धित वस्तुओं का निर्माण करने के लिए प्रेरित कर रही है।

    पिछले कुछ वर्षों में, प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण, ऊर्जा दक्षता, नवीन डिजाइन और लागत बचत उपायों की आवश्यकता के कारण पारंपरिक सामग्री आधारित उत्पादों से रसायन आधारित उत्पादों की ओर बदलाव आया है।

    पेट्रोकेमिकल्स और प्लास्टिक जैसे इसके डाउनस्ट्रीम उत्पादों ने हमारे जीवन में कई तरह से क्रांति ला दी है।

    इसने मानव जाति को कई लाभ पहुँचाए हैं।

    इसमें कोई संदेह नहीं कि, प्लास्टिक, बीसवीं सदी में आविष्कृत सबसे बहुमुखी वस्तु सामग्रियों में से एक है।

    प्लास्टिक अपनी हल्केपन और कम लागत के साथ, एक ऐसी सामग्री साबित हुई है जो कई जगह उपयोग में आती है।

    प्लास्टिक कई पहलुओं में हमारे दैनिक जीवन में व्याप्त है। कपड़ा और परिधान, कृषि, पैकेजिंग, बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य सेवा, फर्नीचर, ऑटोमोबाइल, सूचना प्रौद्योगिकी, बिजली, इलेक्ट्रॉनिक्स और दूरसंचार और न जाने ऐसे कितने क्षेत्रों में जरूरतों को पूरा करता है ।

    मुझे ज्ञात हुआ है कि भारतीय प्लास्टिक उत्पादों के प्राथमिक खरीदार अमेरिका, यूरोप और यूएई हैं।

    यह खुशी की बात है कि परिषद आज लैटिन अमेरिका, CIS और अफ्रीका के देशों में निर्यात को बढ़ावा दे रही है।

    इकॉनॉमिक टाइम्स के हाल ही में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, मध्य पूर्व में हालिया संघर्ष में वृद्धि, वित्तीय तनाव, लगातार मुद्रास्फीति और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में मंदी के कारण वैश्विक विकास धीमा हो रहा है।

    सौभाग्य से, रिपोर्ट के अनुसार, भारत को अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों और शीर्ष रेटिंग फर्मों द्वारा दुनिया की उभरती हुई आर्थिक महाशक्ति के रूप में देखा जा रहा है।

    वर्ष 2024 में 3.1 प्रतिशत की वैश्विक विकास दर के मुकाबले, भारत के 6.6 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है।

    चुनौतियों के बीच भारत सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बने रहने की स्थिति में है। इसलिए हम दुनिया के कई देशों से फायदे में हैं।

    भारत जैसे बड़े जनसंख्या वाले देशों में तेजी से शहरीकरण और खुदरा व्यापार में वृद्धि के परिणामस्वरूप प्लास्टिक क्षेत्र के लिए उच्च विकास प्रदर्शन होगा।

    प्लास्टिक में उल्लेखनीय दोहरे अंकों की वृद्धि दर देखी गई है।

    अकेले वर्ष 2023-24 में, पॉलिमर की मांग 14 प्रतिशत बढ़कर 19.5 मिलियन टन तक पहुंच गई।

    भारत में प्लास्टिक उत्पादकों और प्र-संस्करणकर्ताओं का एक व्यापक नेटवर्क है।

    इसमें बड़ी कंपनियां और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम शामिल हैं।

    ये संस्थाएँ पैकेजिंग, ऑटोमोटिव, स्वास्थ्य सेवा और उपभोक्ता वस्तुओं जैसे विविध क्षेत्रों की ज़रूरतों को पूरा करती हैं।

    प्लास्टिक उद्योग रोजगार के एक महत्वपूर्ण इंजन के रूप में कार्य करता है, जो प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से मूल्य श्रृंखला में पचास लाख से अधिक व्यक्तियों को रोजगार प्रदान करता है।

    हमारे पास इन्स्टिट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नॉलॉजी और I I T जैसे शीर्ष श्रेणी के शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थान हैं जो इस क्षेत्र में अगली पीढ़ी की प्रतिभा और नवाचार को बढावा दे रहे हैं।

    महाराष्ट्र में 28 विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के रूप में, मैं प्लास्टिक निर्यात संवर्धन परिषद से विभिन्न विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर काम करने का आग्रह करूंगा। हमारे छात्रों को आपके क्षेत्र में उद्यम और रोजगार के अवसरों के बारे में बताएं।

    दुनिया के कई उन्नत देशों की तुलना में भारत में अनुसंधान और नवाचार पर खर्च बहुत कम है।

    मैं परिषद और सभी सदस्यों से अनुरोध करूंगा कि वे अनुसंधान और नवाचार पर अधिक जोर दें।

    ‘ब्रांड इंडिया’ को गुणवत्ता, सटीकता और उत्कृष्टता का पर्याय बनाने के लिए काम करने का मै आप सभी को अनुरोध करूंगा ।

    यह हमारे प्लास्टिक उद्योग को कई वर्षों तक अग्रणी बनाए रखेगा।

    प्लास्टिक उद्योग को पर्यावरण संरक्षण में सबसे सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।

    हमें पर्यावरण के अनुकूल प्रक्रियाओं और प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके वैश्विक रूप से कॉम्पिटिटिव्ह कीमतों पर मूल्य वर्धित, उच्च गुणवत्ता वाले पेट्रोकेमिकल उत्पादों के विकास पर जोर देने की जरूरत है।

    हमें प्लास्टिक रीसाइक्लिंग, प्लास्टिक का जिम्मेदार उपयोग और प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन पर ध्यान देना चाहिए तथा इस विषय पर लोगों में जागरूकता पैदा करनी चाहिये।

    हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि प्लास्टिक हमारे प्राकृतिक संसाधनों को प्रभावित न करे, जल प्रवाह को अवरुद्ध न करे और हमारी खाद्य श्रृंखला में न जाए।

    अंत में, आइए हम एक ऐसे भविष्य को आकार देने के लिए प्रतिबद्ध हो जहां प्लास्टिक प्रगति के लिए उत्प्रेरक के रूप में काम करे, आर्थिक विकास को बढ़ावा दे, रोजगार पैदा करें और जीवन को समृद्ध करे।

    एक बार फिर मै सभी निर्यातकों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए बधाई देता हूं, और राष्ट्र विकास में अपना योगदान निरंतर देते रहने का अनुरोध करता हूं।

    विभिन्न देशों से आये अंतरराष्ट्रीय खरीदारों से मै भारत के साथ व्यापार – आर्थिक संबंध बनाने के साथ साथ और भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को भी देखने का आह्वान करूंगा।

    अंत में प्लास्टिक एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल को बधाई देता हूं और आप सभी को अपने भविष्य के प्रयासों में निरंतर सफलता की कामना करता हूं।

    धन्यवाद
    जय हिंद! जय महाराष्ट्र!