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    06.05.2024 : इन्स्टिट्यूट ऑफ कॉस्ट मॅनेजमेंट अकाउंटंट्स ऑफ इंडिया (ICMAI ) द्वारा राष्ट्रीय संगोष्ठी

    Publish Date: May 6, 2024
    इन्स्टिट्यूट ऑफ कॉस्ट मॅनेजमेंट अकाउंटंट्स ऑफ इंडिया (ICMAI ) द्वारा राष्ट्रीय संगोष्ठी | 6 मई, 2024

    इन्स्टिट्यूट ऑफ कॉस्ट मॅनेजमेंट अकाउंटंट्स ऑफ इंडिया (ICMAI ) द्वारा राष्ट्रीय संगोष्ठी | 6 मई, 2024

    प्रोफेसर मनोज तिवारी, निदेशक, IIM मुंबई

    CMA अश्विन दलवाडी, अध्यक्ष, ICMAI

    CMA बी बी नायक, उपाध्यक्ष, ICMAI

    CMA नीरज जोशी, अध्यक्ष MAC, ICMAI

    CMA डॉ. आशीष थत्ते, परिषद सदस्य, ICMAI

    CMA चैतन्य मोहरीर, अध्यक्ष ICMAI – WIRC

    सभी सम्मानित सदस्य, छात्र छात्राएं

    आज 6 मई – अंतरराष्ट्रीय मैनेजमेंट एकाउंटिंग दिवस है। इस ख़ुशी के अवसर पर मै ICMAI संस्थान के सभी सदस्यों और छात्रों को हार्दिक बधाई देता हूं, आप का अभिनंदन करता हूं।

    यह मेरे लिये भी ख़ुशी की बात है की आज के कार्यक्रम ने मुझे आपके कार्य के बारे में जानने का अवसर दिया।

    हमारी औद्योगिक तथा आर्थिक विकास में आप सभी का योगदान असाधारण हैं। मुंबई को देश की अर्थव्यवस्था का ग्रोथ इंजन बनाने में भी आपकी भूमिका अहम है। और इसलिए आप सभी हमारे अभिनंदन के पात्र है।

    मुझे बहुत खुशी है कि इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICMAI) द्वारा आयोजित आज ‘रिअल टाईम इन-साईट, सस्टेनेबल ग्रोथ और साइबर सिक्योरिटी’ इन विषयों पर चर्चा आयोजित की जा रही है।

    मुझे ज्ञात हुआ कि, इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया एशिया की सबसे बड़ी और विश्व की दूसरी सबसे बडी मैनेजमेंट और अकाउन्टिंग संस्था है। इसमें लगभग 6 लाख छात्र और 1 लाख सदस्य हैं जो देश भर में और वास्तव में पूरे विश्व में फैले हुए हैं।

    जैसा कि ज्ञात है कॉस्ट अकाउंटेंट्स, प्रक्रियाओं की दक्षता बढ़ाने में – विशेष रूप से मेन्यूफेक्चरिंग में – और पूंजी उपयोग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

    भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की आकांक्षा रखता है। इस उद्देश्य को प्राप्त करने में आपकी भूमिका और भी महत्वपूर्ण होगी।

    राज्य और केंद्र सरकार ने व्यापार करने में आसानी – इज ऑफ डूइंग बिजनेस – बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं।

    कई बार मुझे विभिन्न देशों के राजदूत और वाणिज्य दूत राजभवन में आकर मिलते है।

    वे कहते हैं कि आज कई देश भारत के साथ व्यापार करने, और व्यापार बढ़ाने को उत्सुक है।

    इसलिये व्यापार करने में आसानी को और भी सुधारने में आपकी भूमिका महत्वपूर्ण है।

    ICMAI ने, न केवल भारतीय अर्थव्यवस्था में कॉस्टिंग को स्थापित किया है, बल्कि मैनेजमेंट अकाउंटिंग के विभिन्न तकनीकों को भी प्रसारित किया है।

    उद्योग के सभी क्षेत्र में CMA के सदस्य मैनेजमेंट अकाउंटिंग तकनीकों का उपयोग कर रहे हैं ताकि व्यवसायियों के निर्णय लेने की प्रक्रिया में उच्चतम स्तर के प्राप्ति के लक्ष्य को साधा जा सके।

    जैसे-जैसे हमारी अर्थव्यवस्था बढ़ती है, मुझे विश्वास है कि कॉस्ट और मेनेजमेंट अकाउंटेंट्स की मांग बहुत तेजी से बढ़ेगी।

    छात्रो को न सिर्फ कॉरपोरेट सेक्टर में बल्कि सरकारी संगठनों में भी सेवा के अवसर सृजित होंगे।

    कई राज्य सरकारें सार्वजनिक खर्चों और लागतों को तर्कसंगत बनाने का प्रयास कर रही हैं। मुझे विश्वास है कि आप सभी कॉस्ट कटौती और दक्षता बढ़ाने में उन्हें मदद कर सकते हैं।

    मैं देख रहा हूं कि आज इस सेमिनार के लिए कई छात्र मौजूद हैं, यह वाकई एक स्वागत योग्य दृश्य है। यह विश्वास दिलाता है कि कॉस्ट और मैनेजमेंट एकाउंटिंग का भविष्य उज्ज्वल है।

    मुझे विश्वास है कि ICMAI के छात्र मैनेजमेंट एकाउंटिंग के क्षेत्र में नई और उभरती हुई रुझानों के बारे में सीखेंगे और हमारे देश के सभी वर्गों के विकास और कल्याण के लिए समर्पण के साथ सेवा करेंगे।

    A I एक ऐसा परिवर्तनकारी क्षेत्र है जो शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, मैन्युफैक्चरिंग, बैंकिंग, ग्राहक सेवा, तथा अन्य व्यावसायिक क्षेत्रों के साथ – साथ, कॉस्ट और मैनेजमेंट एकाउंटिंग पर भी गहरा असर डालने जा रहा।

    विशेषज्ञों का कहना है कि, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ऑडिट और वित्तीय प्रक्रियाओं को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है, प्रबंधन लेखाकारों और अन्य लोगों को लंबे और कठिन कार्यों पर खर्च होने वाले समय और धन को कम करने में सहायता कर सकता है।

    एआई के उपयोग से महत्वपूर्ण वित्तीय प्रक्रियाओं में मानवीय त्रुटि – गल्तियों – की संभावना को कम करने में भी मदद मिल सकती है।

    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रबंधन लेखाकारों को रिपीटेटिव कार्यों को कम करने और प्रदान किए गए डेटा के आधार पर लगभग त्रुटि मुक्त जानकारी प्रदान करने में सहायता कर सकता है।

    आज प्रौद्योगिकी ने कई अवसर खोले हैं और जीवन शैली की मानकों को बढ़ावा दिया है।

    लेकिन साथ ही, व्यापारों और सरकार पर साइबर हमलों के खतरों में वृद्धि हो रही है।

    साइबर सुरक्षा हमारे लिए उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी देश के भौगोलिक सीमाओं की सुरक्षा।

    मैनेजमेंट अकाउंटेंट के लिए सुरक्षा जोखिमों को कम करने के प्रभावी और सस्ते प्रणालियों को विकसित करने की आवश्यकता है।

    इतिहास से ज्ञात होता है कि, अनेक सदियो तक भारत को विश्व की आर्थिक महाशक्ति माना जाता था। हमारा देश विविध क्षेत्रों में अपने कौशल के लिए जाना जाता था।

    हाल के वर्षों में भारत अपने खोये हुए गौरव को पुनः प्राप्त करने के लिये गंभीर प्रयास कर रहा है।

    सरकार स्किलिंग, रीस्किलिंग और अप स्किलिंग पर नए सिरे से जोर दे रही है। मैं कामना और आशा करता हूं कि ICMAI भारत में कौशल और उद्यमिता विकास को प्रोत्साहित करेगा।

    जैसे-जैसे देश डिजिटल हो रहा है, हमारे लोगों, विशेषकर हमारी युवा पीढ़ी के बीच वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। इस में भी ICMAI से सहयोग की अपेक्षा है।

    इन्हीं शब्दों के साथ, मैं एक बार फिर आपको अंतरराष्ट्रीय मैनेजमेंट एकाउंटिंग दिवस के अवसर पर बधाई देता हूं।

    मैं आपकी कॉस्ट और प्रबंधन लेखाकारों की बिरादरी को व्यापार और उद्योग और भारत के लोगों के लिए कई वर्षों तक समर्पित सेवा की शुभकामनाएं देता हूं।

    धन्यवाद।
    जय हिंद। जय महाराष्ट्र।।