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    31.10.2023 : केंद्र शासित प्रदेश ‘जम्मू और कश्मीर’ तथा ‘लद्दाख’ केंद्र शासित प्रदेश स्थापना दिवस समारोह

    Publish Date: October 31, 2023

    केंद्र शासित प्रदेश ‘जम्मू और कश्मीर’ तथा ‘लद्दाख’ केंद्र शासित प्रदेश स्थापना दिवस समारोह। राजभवन मुंबई। ३१ ऑक्टोबर २०२३

    माननीय मुख्य अतिथि,

    विशिष्ट अतिथि,

    देवियो और सज्जनो,

    नमस्कार और राजभवन महाराष्ट्र में आप सभी का हार्दिक स्वागत करता हूं।

    केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश के स्थापना दिवस के अवसर पर उपस्थित सभी अतिथि और कलाकारों का मै महाराष्ट्र राजभवन में हार्दिक स्वागत करता हूं।

    समूचे देश को जिन्होने एक बनाया ऐसे लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की आज जयंती है। यह दिन राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है। मै सरदार पटेल जी को अभिवादन करता हूं।

    प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में भारत सरकार की ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ पहल हमारे विविध राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बीच एकता के बंधन को मजबूत बनाने के लिये शुरू की गयी है।

    इस कार्यक्रम के तहत आज पहली बार महाराष्ट्र राजभवन में ‘जम्मू कश्मीर’ और ‘लदाख’ केंद्रशासीत प्रदेश स्थापना दिवस मनाया जा रहा है हूं।

    जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का नाम सुनते ही मन में स्वर्ग की छवि आ जाती है। अगर धरती पर कहीं स्वर्ग है तो वह जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में है।

    जम्मू, कश्मीर और लद्दाख भारत की एक छोटी सी प्रतिकृति का प्रतिनिधित्व करते हैं।

    जम्मू एवं कश्मीर की संस्कृति में संगीत, नृत्य, त्योहारों, साहित्य, पकवान शैलियों और कई अन्य विशेषताओं वाली विशिष्ट विरासत शामिल है।

    जम्मू एवं कश्मीर हिंदू धर्म, सूफी मत और बौद्ध धर्म से प्रभावित रंग-बिरंगी सांस्कृतिक धरोहर वाला निराला राज्य है।

    एक ओर यहां बौद्ध मंत्रों से लद्दाख की पहाड़ियां गुंजायमान होती हैं, तो दूसरी ओर कश्मीर की घाटी में सूफियाना कलाम गुंजते हैं।

    यहां एक ओर लद्दाख अपनी अनूठी भारतीय-तिब्बती संस्कृति के लिए जाना जाता है, वहीं दूसरी ओर जम्मू की डोगरा संस्कृति और परंपरा पंजाब और हिमाचल प्रदेश के काफी करीब है।

    कश्मीर की संस्कृति में मुस्लिम, हिंदू, सिख और बौद्ध दर्शन के समागम से पनपी दक्षिण एशियाई और मध्य एशियाई संस्कृतियों का संगम देखने को मिलता है।

    कितने विभिन्न त्योहार मनाते है ये प्रदेश !

    यहां ईद, शिवरात्रि और बौद्ध त्योहार सभी धर्म के लोग समान उत्साह और उल्लास के साथ मनाते हैं और उत्सवों में सक्रिय तौर पर भाग लेते हैं।

    लद्दाख में बड़े पैमाने पर मनाये जाने वाला नृत्य महोत्सव, जम्मू का ‘चैत्र चौदस’ त्योहार, कश्मीर का ‘भाण्ड पाथेर’ आदि सभी विभिन्न क्षेत्रों की अद्वितीय पहचान बनाते हैं।

    राज्य में कला और शिल्प के साथ-साथ व्यंजनों का स्थान बहुत ऊंचा है। यहां के बुने कालीन, रेशमी कालीन, चटाइयां, ऊनी शॉल, बर्तन आदि विश्व प्रसिद्ध हैं। ‘कहवा’ और ‘नून चाय’ कश्मीरियों के बीच बहुत लोकप्रिय है।

    लद्दाख के व्यंजन जहां तिब्बती व्यंजनों जैसे हैं, वहीं कश्मीरी व्यंजनों में ईरानी स्वाद मिलता है।

    जम्मू एवं कश्मीर की भाषा का आधुनिक भारतीय आर्य भाषाओं में बहुत ही अनूठा स्थान है।

    आज महाराष्ट्र से सबसे अधिक संख्या में पर्यटक लोग जम्मू – कश्मीर और लद्दाख को जाते है।

    महाराष्ट्र में भी जम्मू, कश्मीर और लद्दाख से अनेक छात्र शिक्षा संस्थानों में पढ़ने आते है।

    मुझे ख़ुशी है कि आज मुंबई विश्वविद्यालय के छात्र तथा पर्यटन एवं संस्कृति विभाग लद्दाख से आये कलाकारों द्वारा जम्मू, कश्मीर और लद्दाख क्षेत्रो की सांस्कृतिक विरासत पर आधारित एक रंगारंग कार्यक्रम का महाराष्ट्र राजभवन में मंचन किया गया।

    अभी तक महाराष्ट्र राज भवन में हमने सिक्कीम, गोवा, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल राज्य स्थापना दिवस मनाये है, और मुझे ख़ुशी है की महाराष्ट्र में निवास कर रहे सिक्कीम, गोवा, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल के लोगो ने इस पहल का जोरदार स्वागत किया, समर्थन किया।

    यह इस तथ्य का प्रमाण है कि हमारे भाषाई, सांस्कृतिक या क्षेत्रीय मतभेदों से कोई फर्क नहीं पड़ता, हम एक सामंजस्यपूर्ण और समावेशी भारत के आदर्शों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता में एकजुट हैं।

    प्रत्येक राज्य का स्थापना दिवस एक औपचारिक उत्सव नहीं है। यह राष्ट्रीय एकता के प्रति हमारे समर्पण का एक सशक्त कथन है।

    एक साथ आकर, हम अपने संविधान की भावना को उजागर करते हैं और एक मजबूत, एकीकृत भारत की दिशा में काम करने का संकल्प दोहराते हैं।

    पिछले दो वर्षों में कश्मीर शांति और समृद्धि की दिशा में निरंतर प्रगति कर रहा है। देश से और खासकर महाराष्ट्र से बडी संख्या में सैलानी जम्मू कश्मीर लद्दाख जा रहे है। विकास, व्यापार और वृद्धि के नए रास्ते भी तेजी से खुल रहे हैं।

    जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के युवा अब अवसरों और संभावनाओं से भरपूर एक उज्जवल भविष्य के लिये तैयार हैं।

    आइए केंद्रशासित प्रदेश स्थापना दिवस के अवसर पर हम विविधता में एकता को बढ़ावा देने और एक ऐसे राष्ट्र की दिशा में काम करने का संकल्प लें जहां हर व्यक्ति अपनी पूरी क्षमता का विकास कर सके।

    एक बार फिर, मैं इस अवसर को अपनी उपस्थिति से गौरवान्वित करने के लिए आप सभी का हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं। सभी कलाकारो सुंदर प्रस्तुति के लिये बधाई देता हूं। लद्दाख से आये सभी अधिकारी गण और कलाकारों का स्वागत करता हूं और आपके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं।

    धन्यवाद।
    जय हिंद ! जय महाराष्ट्र !!