29.05.2024 : जवाहरलाल नेहरू पत्तन प्राधिकरण का 35 वां स्थापना दिवस तथा माय कॉर्पोरेट स्टैम्प और विशेष आवरण का विमोचन
जवाहरलाल नेहरू पत्तन प्राधिकरण का 35 वां स्थापना दिवस तथा माय कॉर्पोरेट स्टैम्प और विशेष आवरण का विमोचन। 29 मई 2024
श्री राजीव जलोटा, अध्यक्ष, मुम्बई पत्तन प्राधिकरण
श्री संजय सेठी, अपर मुख्य सचिव (यातायात एवं पत्तन), महाराष्ट्र सरकार
श्री उन्मेश शरद वाघ, अध्यक्ष, जवाहरलाल नेहरू पत्तन प्राधिकरण
श्री राजेश पांडेय, मुख्य आयुक्त, सीमा शुल्क
श्री किशन कुमार शर्मा, चीफ पोस्ट मास्टर जनरल, महाराष्ट्र
श्रीमती मनीषा जाधव, महाप्रबंधक तथा सचिव JNPA
पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के प्रतिनिधि
JNPA के सभी मंडलीय सदस्य,
विभागाध्यक्ष
टर्मिनल प्रचालकों एवं अन्य हितधारकों के मुख्य कार्यपालक
अधिकारीगण तथा अन्य सभी सम्मानित पद धारकों को मेरा नमस्कार…
हम सभी के लिए हर्ष एवं गर्व का विषय है कि हमारे देश के अग्रणी पत्तनों में से एक, जवाहरलाल नेहरू पत्तन प्राधिकरण, नवी मुंबई ने अपने गौरवशाली 35 वर्ष पूरे कर रहा हैं।
JNPA के वर्षगांठ के अवसर पर मैं संपूर्ण JNPA टीम को उनके समर्पण के लिए हार्दिक बधाई देता हूँ।
JNPA के प्रत्येक कार्मिक एवं अधिकारी के अथक प्रयासों के कारण ही, आज इस पत्तन की कीर्ति पताका पूरे विश्व में फैली हुई है।
मुझे खुशी है कि स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में एक माय कॉर्पोरेट स्टैम्प और विशेष आवरण जारी किया जा रहा है।
आज के इस अवसर पर सम्मानित हुए PPP ऑपरेटरों और JNPA के कर्मचारियों का मै हार्दिक अभिनंदन करता हूं।
भारत हजारों वर्षों से एक महान समुद्री राष्ट्र रहा है। भारत का विश्व के कई सुदूर देशों के साथ व्यापार होता था। इसने भारत को दुनिया के सबसे समृद्ध देशों में से एक बना दिया।
आज भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के संकल्प को पूरा करने के लिए काम कर रहा है।
‘विकसित भारत’ का रास्ता विकसित बंदरगाहों से होकर गुजरता है।
इसलिए, विकसित भारत के निर्माण में आपकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है और रहेगी।
जब JNPA ने 1989 में अपनी यात्रा शुरू की, तो यह एक उभरते राष्ट्र की आशाओं और आकांक्षाओं को लेकर था।
आज यह, भारत के अग्रणी कंटेनर बंदरगाहों में से एक के रूप में, उभर कर सामने आया है।
JNPA की निरंतर नवाचार और आधुनिकीकरण के प्रति प्रतिबद्धता, इस सफलता में सहायक रही है।
बंदरगाह के अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे, उन्नत तकनीकी क्षमताओं और रणनीतिक पहल ने इसे वैश्विक व्यापार में एक प्रमुख पत्तन के रूप में स्थापित किया है।
अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों को लागू करने से लेकर प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने तक, JNPA ने कुशल कार्गो आवाजाही सुनिश्चित की है, जिससे महाराष्ट्र के औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिला है।
साथ ही साथ इस पत्तन ने देश की अर्थव्यवस्था में भी उल्लेखनीय योगदान किया है।
हमारे देश में सीमा शुल्क से प्राप्त होने वाले कुल राजस्व का लगभग 25% सिर्फ जवाहरलाल नेहरू पत्तन प्राधिकरण से ही पूरा हो जाता है।
पूरे देश में होने वाली कंटेनरों की हैण्डलिंग में से 50% से अधिक इसी पत्तन पर होती है। ये आंकड़े सिद्ध करते हैं कि इस पत्तन ने देश के औद्योगिक विकास में सराहनीय योगदान दिया है।
यह सिर्फ कार्गो के लिए प्रवेश द्वार नहीं है, बल्कि अनगिनत व्यवसायों और व्यक्तियों के लिए समृद्धि का द्वार भी है।
JNPA ने पत्तन के चारों ओर रोजगार के अवसर पैदा किये हैं जिससे हजारों लोग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित होते हैं।
राज्य के 28 विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के रूप में, मैं JNPA को हमारे विश्वविद्यालयों के साथ घनिष्ठ सहयोग विकसित करने का अनुरोध करता हूँ।
हमारे युवाओं को इस क्षेत्र में उद्यमिता की व्यापक संभावनाओं से अवगत कराया जाना चाहिए।
उन्हें इस क्षेत्र में रोजगार के अवसरों के बारे में भी बताया जाना चाहिए।
मैं हमारे विश्वविद्यालयों में समुद्री व्यापार और बंदरगाह संबंधी पाठ्यक्रमों और कार्यक्रमों को डिजाइन करने में भी मै JNPA से सहायता की अपेक्षा रखता हूँ।
JNPA ने हरित ऊर्जा के बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए प्रशंसनीय पहल की है।
पत्तन में सौर ऊर्जा संयंत्रों का व्यापक प्रयोग हो रहा है।
इलेक्ट्रिक RTG क्रेनों और इलेक्ट्रिक कारों का भी प्रयोग हो रहा है।
इसके अलावा वायु और जल गुणवत्ता की निरंतर निगरानी भी की जाती है।
JNPA ने प्रदर्शित किया है कि आर्थिक विकास और पारिस्थितिक जिम्मेदारी साथ-साथ चल सकती हैं।
कार्बन फुटप्रिंट को कम करने और हरित प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने में आपके प्रयास दुनिया भर के बंदरगाहों के लिए उत्कृष्ट उदाहरण स्थापित करते हैं।
मुझे यह जानकर ख़ुशी हुई कि, ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस’ के अंतर्गत प्रत्येक प्रक्रिया का डिजिटलीकरण भी किया गया है।
बुनियादी ढांचे के सतत विकास के लिए भी सभी सार्थक प्रयास किये जा रहे हैं।
आधारभूत ढांचे को सुधारने के लिए अतिरिक्त लिक्विड टर्मिनल और कोस्टल बर्थ (तटीय घाट) का विकास किया गया है।
इसके अतिरिक्त देश के आंतरिक भू भागों से बेहतर संयोग स्थापित करने के लिए जालना, वर्धा और नासिक में ड्राई पोर्ट का विकास भी किया गया है।
पत्तन क्षेत्र में उज्जवल भविष्य एवं योजनाबद्ध विकास की संकल्पना के तहत, वाढवण महापत्तन के विकास की प्रक्रिया भी सही दिशा में आगे बढ़ रही है।
मुझे ख़ुशी हुई कि, JNPA और महाराष्ट्र मैरिटाइम बोर्ड संयुक्त रूप से, मुंबई के उत्तर में 150 कि. मी. दूरी पर स्थित वाधवन में मेगा पोर्ट विकसित कर रहे हैं, जो एक्जिम कार्गो को बढ़ावा देगा।
मुझे बताया गया है कि, पूरी तरह से चालू होने के बाद, इसे दुनिया के 10 शीर्षस्थ कंटेनर बंदरगाहों में माना जाएगा।
आज हमारी उपस्थिती में JNPA और PSA (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड और CMA-CGM टर्मिनल्स के बीच वाधवन बंदरगाह के विकास के लिए MoU पर हस्ताक्षर किये गये हैं।
मुझे विश्वास है कि JNPA भविष्य में भी उत्कृष्टता का एक अनुसरणीय उदाहरण बना रहेगा।
साथ ही साथ महाराष्ट्र और भारत की आर्थिक समृद्धि का प्रमुख चालक भी बना रहेगा।
आपकी उपलब्धियाँ हम सभी के लिए अत्यंत गर्व का स्रोत हैं।
मैं एक बार फिर पूरी JNPA टीम और अध्यक्ष श्री उन्मेश शरद वाघ को हार्दिक बधाई देता हूँ।
मेरी ईश्वर से यही प्रार्थना है कि JNPA सभी क्षेत्रों में सफलता के नये नये कीर्तिमान स्थापित करता रहे तथा हमारे देश की अर्थव्यवस्था निर्बाध रूप से अग्रसर रहे। फिर एक बार आप सभी का स्थापना दिन के अवसर पर अभिनंदन करता हूँ और सभी को शुभकामनाएं प्रेषित करता हूँ।
धन्यवाद।
जय हिन्द। जय महाराष्ट्र।।