20.02.2024 : महाराष्ट्र राजभवन में आयोजित ‘अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम राज्य स्थापना दिवस
महाराष्ट्र राजभवन में आयोजित ‘अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम राज्य स्थापना दिवस। 20 फरवरी 2024
डॉ. राजनीश कामत, कुलपति, डॉ होमी भाभा राज्य विश्वविद्यालय
विश्वविद्यालय से संलग्न कॉलेज के प्राचार्य
डॉ. होमी भाभा राज्य विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के डीन, अध्यापक तथा छात्र
राजभवन के अधिकारी तथा राजभवन परिवार के सदस्य
बहनों और भाइयों,
सबसे पहले, मैं अरुणाचल प्रदेश तथा मिजोरम राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर आप सभी का, राजभवन में हार्दिक स्वागत करता हूं।
दोनो राज्यों के राज्य गठन दिवस पर आप सभी को तथा दोनो राज्यों के नागरीको को मै महाराष्ट्र राज्य की ओर से हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं।
मैं डॉ. होमी भाभा स्टेट यूनिवर्सिटी और विशेष रूप से, सिडेनहैम कॉलेज के छात्र – छात्राओं को उनकी उत्कृष्ट सांस्कृतिक प्रस्तुति के लिए बधाई देता हूं।
भारत सरकार की ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ पहल की तहत आज हम पहली बार महाराष्ट्र राजभवन में अरुणाचल प्रदेश तथा मिझोरम राज्य स्थापना दिवस मना रहे हैं।
मुझे बताने में हर्ष हो रहा है कि, पिछले वर्ष से, अभी तक, हमने 18 राज्यों और 7 केंद्र शासित प्रदेशों के स्थापना दिवस मनाए हैं।
इन समारोहों ने हमें उन सभी राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों की भाषा, संस्कृति, लोक गीतों और नृत्य और परंपराओं को जानने का अवसर प्रदान किया।
‘एक भारत’ पहल राष्ट्रीय एकता मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
मित्रों,
हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने सही शब्दों में कहा है कि, जब हिन्दुस्तान को उगते सूरज की ओर देखना होता है, सूर्योदय को देखना होता है; तो पूरे हिन्दुस्तान को सबसे पहले अरुणाचल की तरफ अपना मुंह करना पड़ता है।
अरुणाचल एक ऐसा प्रदेश है कि यदि आप वहां एक दिन भ्रमण करते है, तो आपको दिन में कई बार ‘जय हिंद’ सुनने को मिलेगा। वहां पर लोग एक-दूसरे को जब मिलते है, तब ग्रीट करने के लिए ‘जय हिंद’ कहते है।
समूचे नॉर्थ-ईस्ट में सबसे ज्यादा हिन्दी बोलना-समझने वाला अगर कोई प्रदेश है, तो वो है अरुणाचल प्रदेश।
मैं संभवत: इस हॉल में अकेला व्यक्ति रहुंगा जिसने अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम दोनों राज्यों का दौरा किया है। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री होने के नाते और अनेक संसदीय समितियों का सदस्य होने के नाते, मैने देश के लगभग सभी राज्यों का भ्रमण किया है।
उत्तर पूर्वी राज्यों में विकास को लेकर अटल जी के कार्यकाल में बहुत गंभीर प्रयास हुए थे। अटल जी कहते थे आर्थिक सुधार का एक बड़ा मकसद है क्षेत्रीय भेदभाव को पूरी तरह खत्म करना। इस दिशा में उन्होंने काफी कदम भी उठाए थे।
पिछले 10 वर्षों के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में, दोनों राज्यों में विकास का नया पर्व शुरू हुआ हैं।
मिजोरम के शांत-सुंदर वातावरण से भी मै भली-भांति मैं परिचित हूं। यहां के लोग मिलनसार है। मिजोरम, शांति और सद्भावना की भूमि है।
मिजोरम में उच्च साक्षरता दर, प्राकृतिक सुंदरता और बड़ी संख्या में अंग्रेजी बोलने वाली आबादी राज्य को एक मॉडल पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए एक आदर्श मिश्रण है।
राज्य साहसिक पर्यटन, सांस्कृतिक पर्यटन, पर्यावरण-पर्यटन, वन्य जीवन पर्यटन और समुदाय-आधारित ग्रामीण पर्यटन के लिए महत्वपूर्ण संभावनाएं प्रदान करता है। यदि अच्छी तरह से विकसित किया जाए तो पर्यटन राज्य में सबसे बड़े नियोक्ता के रूप में उभर सकता है।
उत्तर-पूर्व के आठों राज्य इतने हरे भरे और प्रदूषण रहित है, कि वे सभी कार्बन नेगेटिव हो सकते हैं। कार्बन नेगेटिव राज्यों की पहचान देश के इस क्षेत्र को पूरे विश्व मानचित्र पर एक बड़े ब्रांड के तौर पर स्थापित कर सकती है।
एक भारत श्रेष्ठ भारत का उद्देश्य है कि हम अपने देश को जाने। उसकी सांस्कृतिक तथा भाषिक विविधता को समझे।
अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम देशवासियों के लिए पसंद के राज्य बन सकते है।
मैं महाराष्ट्र के लोगों से अपील करूंगा कि वे अरुणाचल प्रदेश तथा मिजोरम का भ्रमण करें तथा प्रदेश को जाने।
मैं दोनो राज्य के लोगों से भी अपील करूंगा कि वे महाराष्ट्र में पधारे और हमारे राज्य की सांस्कृतिक विरासत को देखें।
इस तरह की आदान प्रदान से एकता बढ़ेगी और राष्ट्रीय एकता का उद्देश्य मजबूत होगा।
आज छात्रो द्वारा सुंदर नृत्य के मंचन के माध्यम से अरुणाचल प्रदेश तथा मिजोरम की सांस्कृतिक विरासत के कुछ अंश देखने का अवसर मिला।
सभी कलाकारों का मै हार्दिक अभिनंदन करता हूं।
दोनो प्रदेश के सभी लोगों को मै राज्य स्थापना दिवस की शुभकामनाएं देता हूं और लोगों की प्रगति, समृद्धि और विकास के लिए प्रार्थना करता हूं।
धन्यवाद।
जय हिंद। जय महाराष्ट्र।।
जय अरुणाचल प्रदेश। जय मिजोरम।।