14.09.2023 : नेशनल एसोसिएशन फॉर द ब्लाइंड (यूनिट महाराष्ट्र) द्वारा आयोजित ‘अखिल भारतीय दृष्टिहीन झंडा दिवस’ का उद्घाटन
नेशनल एसोसिएशन फॉर द ब्लाइंड (यूनिट महाराष्ट्र) द्वारा आयोजित ‘अखिल भारतीय दृष्टिहीन झंडा दिवस’ का उद्घाटन। राजभवन, मुंबई १४ सितंबर २०२३
श्री रामेश्वर कलंत्री, अध्यक्ष, नेशनल एसोसिएशन फॉर द ब्लाइंड, महाराष्ट्र,
श्री सूर्यभान सालुंके, उपाध्यक्ष,
श्री गोपी मयूर, मानद महासचिव, नेशनल एसोसिएशन फॉर द ब्लाइंड,
श्री भावेश भाटिया, दिव्यांग उद्यमी (महाबलेश्वर)
नेशनल एसोसिएशन फॉर द ब्लाइंड ‘नॅब’ के सभी पदाधिकारी और स्वयंसेवक, देवियो और सज्जनो .
नेत्रहीनों के लिए अखिल भारतीय ध्वज दिवस के अवसर उपस्थित आप सभी का राजभवन में स्वागत करता हूं ।
मैं समझता हूं कि नॅब महाराष्ट्र राज्य शाखा की स्थापना वर्ष 1984 में हुई थी। पिछले 39 वर्षों के दौरान, नॅब महाराष्ट्र ने दृष्टिबाधित व्यक्तियों की शिक्षा, प्रशिक्षण और पुनर्वास के क्षेत्र में कई तरीकों से सराहनीय कार्य किया है। मैं समाज और विशेषकर दिव्यांग व्यक्तियों के प्रति आपकी समर्पित सेवाओं के लिए आप सभी को बधाई देता हूं।
मैंने नेशनल एसोसिएशन फॉर द ब्लाइंड द्वारा भेजी गई जानकारी का अध्ययन किया और मुझे यह जानकर खुशी हुई कि महाराष्ट्र इकाई दृष्टिबाधित और दिव्यांग व्यक्तियों के कल्याण के लिए विभिन्न परियोजनाएं लागू कर रही है।
स्किल इंडिया के लक्ष्य को हासिल करने के लिए कई औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों को अपग्रेड किया जा रहा है। मैं चाहता हूं, और आशा करता हूं, कि दिव्यांग व्यक्तियों के लिए आईटीआई को भी अपग्रेड किया जाना चाहिये।
आज भारत एक वैश्विक नेता बन गया है । G – 20 शिखर परिषद के सफल आयोजन के बाद भारत का स्थान दुनिया की नजर में बहुत ऊंचा हुआ है । प्रधान मंत्री जी का मानना है कि, विकसित भारत में सबका साथ हो और सबका विकास हो |
दृष्टिबाधित और अन्य विकलांग भारत में सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय है । उनका सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक समावेशन होने से भारत विकसित भारत के लक्ष्य को जल्दी हासिल करेगा ।
आर्टिफिशिअल इंटेलिजन्स और मशीन लर्निंग से शिक्षा क्षेत्र, स्वास्थ्य क्षेत्र, तथा अन्य क्षेत्र में अभूतपूर्व बदलाव आ रहे ।
हमें हमारे दिव्यांग बच्चे और युवाओं को नए A I जैसे कौशल से लेस करना होगा । आज कई दृष्टिहीन लोग सूचना प्रौद्योगिकी, बैंकिंग, आतिथ्य और अन्य विभिन्न क्षेत्रों में अच्छा काम कर रहे हैं। दृष्टिबाधित और दिव्यांग व्यक्तियों के लिए अधिक अवसर खुल रहे हैं।
मुझे यह जानकर खुशी हुई कि चाक बनाने, झाड़ू बनाने, मोमबत्ती बनाने जैसी नियमित और पारंपरिक गतिविधियों की पेशकश के अलावा, नेशनल एसोसिएशन फॉर द ब्लाइंड अब दृष्टिबाधित व्यक्तियों को कंप्यूटर पाठ्यक्रमों और मालिश, नलसाजी और जैसे पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण की पेशकश कर रहा है।
‘नॅब’, महाराष्ट्र को दृष्टिबाधित और भिन्न रूप से सक्षम व्यक्तियों के प्रशिक्षण की गति और पैमाने को बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए।
मैं इस सभा को बताना चाहूंगा कि जर्मनी, इटली, जापान और यहां तक कि अमेरिका जैसे देश आज उम्रदराज हो रहे है ।
इन देशों को युवा कुशल व्यक्तियों की आवश्यकता महसूस हो रही है ।
उन्हें प्लंबिंग, इलेक्ट्रीशियन, वार्ड बॉय, कसाई आदि जैसे सामान्य कौशल प्रशिक्षित उम्मीदवारों की भी आवश्यकता है। ‘नॅब’, दिव्यांग व्यक्तियों को विभिन्न कौशल में कुशल बनाने के लिए कार्य करना होगा। सभी दिव्यांगों को एक नई भाषा सिखने के लिये भी प्रेरित करना होगा ।
‘नॅब’ को दृष्टिबाधित व्यक्तियों के लिए प्रशिक्षुता पद सृजित करने के अनुरोध के साथ प्रमुख कंपनियों से संपर्क करना चाहिए। दूसरे, ‘नॅब’ को दृष्टिबाधित व्यक्तियों को भी उद्यमी बनने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। यह और भी बेहतर होगा यदि हम अपने दिव्यांग युवाओं में से भावेश भाटिया जैसे कई और गतिशील उद्यमी तैयार हो सकें।
मैंने नॅब महाराष्ट्र के अध्यक्ष श्री रामेश्वर कलंत्री जी द्वारा उठाए गए कुछ मुद्दों को संज्ञान में लिया है और मेरा कार्यालय नॅब को उसके अच्छे काम में मदद करने का सकारात्मक प्रयास करेगा।
भारत विश्व में सबसे अधिक संख्या में दृष्टिहीन व्यक्तियों का घर है। मधुमेह के मामले बढ़ने के साथ, अंधेपन और कम दृष्टि वाले लोगों की संख्या भी बढ़ सकती है।
भारत के 80 प्रतिशत से अधिक दृष्टिहीन लोग छोटे शहरों और दूरदराज के गांवों में रहते हैं जहां उन्नत नेत्र उपचार तक पहुंच का अभाव है।
रोकथाम योग्य अंधत्व को रोकने और कम दृष्टि को ठीक करने के लिए हमें सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है। यहीं पर ‘नॅब’ को एक महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है।
मैं नेत्रहीनों के लिए अखिल भारतीय ध्वज दिवस के अवसर पर नेशनल एसोसिएशन फॉर द ब्लाइंड, महाराष्ट्र को बधाई देता हूं, और आपके भविष्य के प्रयासों में मेरे पूर्ण व्यक्तिगत समर्थन की कामना करता हूं।
धन्यवाद !
जय हिन्द ! जय महाराष्ट्र!