09.06.2023 : ‘स्किल सेंटर आपके द्वार’ के तत्वावधान में ‘इंडस्ट्री मिट का उद्घाटन तथा रोजगार सृजन के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर, यशदा पुणे
‘स्किल सेंटर आपके द्वार’ के तत्वावधान में ‘इंडस्ट्री मिट का उद्घाटन तथा रोजगार सृजन के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर, यशदा पुणे
श्री मंगल प्रभात लोढ़ा, माननीय कौशल, पर्यटन और महिला एवं बाल कल्याण मंत्री
श्रीमती मनीषा वर्मा, प्रधान सचिव, कौशल, रोजगार, उद्यमिता और नवाचार विभाग
डॉ. रामास्वामी एन., आयुक्त, रोजगार, उद्यमिता और नवाचार विभाग
डॉ अपूर्वा पालकर, वाइस चांसलर, महाराष्ट्र राज्य कौशल विश्वविद्यालय
उद्योगपति और उद्यमी
देवियो और सज्जनो,
‘स्कील सेंटर आपके द्वार’ (Skill Centre at Your Doorstep) योजना के तहत आयोजित ‘इंडस्ट्री मीट’ में उपस्थित रहकर अत्यंत हर्ष का अनुभव कर रहा हूं।
श्री मंगल प्रभात लोढ़ा महाराष्ट्र के गतिशील – कार्य कुशल – मंत्री हैं।
लोढ़ा जी के पास रोजगार सृजन, उद्यमिता और नवाचार के लिए एक स्पष्ट दृष्टि है।
उनके मार्गदर्शन में, राज्य में पहली बार हमारा कौशल विश्व विद्यालय बना।
कुछ महीने पहले, कौशल विकास विभाग ने मुंबई के राजभवन में एक और सफल ‘इंडस्ट्री मीट’ आयोजित की थी, जहां नौकरियों के सृजन के लिए समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए । इन समझौतों पर कार्यान्वयन हो रहा है।
प्रधान सचिव श्रीमती मनीषा वर्मा भी मै हार्दिक अभिनंदन करता हूं।
भाइयों और बहनों,
महाराष्ट्र में रोजगार प्रदान करने के लिए ‘पंडित दीनदयाल उपाध्याय रोजगार मेला’ बहुत अधिक प्रभावी साबित हुआ है।
हमारे देश में उद्योग और कौशल के बीच एक बड़ा mismatch है।
उद्योग अक्सर शिकायत करते हैं कि उन्हें आवश्यक कुशल कर्मी नहीं मिलते हैं।
इस मेले से कुछ शिकायते दूर हो जाएगी ऐसा मुझे विश्वास है।
प्रदेश के सभी जिलों में रोजगार मेले का आयोजन किया जा रहा है, जो बहुत ही सराहनीय बात है।
आज की ‘इंडस्ट्री मीट’ पुणे में हो रही है।
पुणे भारत का ऑटोमोबाइल हब है।
बडी संख्या में MSME उद्योग यहां काम कर रहे है ।
पुणे महाराष्ट्र की IT कैपिटल भी है।
उच्च शिक्षा के लिए पुणे सबसे आकर्षक स्थानों में से एक है, जहां देश भर से, और विदेशों से भी बड़ी संख्या में छात्र – छात्राएं अध्ययन के लिए आते है।
क्या हम पुणे को भारत की स्टार्टअप कैपिटल नहीं बना सकते है ?
उद्योग जगत की यह बैठक इसी दिशा में एक बड़ा कदम है।
भाइयों और बहनों,
भारत दुनिया का सबसे युवा देश बनकर उभरा है।
दूसरी तरफ औसत आयु की दृष्टि से दुनिया के कई देश उम्रदराज याने वृद्ध हो रहे हैं।
इसका अर्थ है कि इन सभी देशों को अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कुशल युवाओं की आवश्यकता होगी।
मैंने श्री मंगल प्रभात लोढ़ा जी से इसका जिक्र किया था… मुंबई में जर्मन कौंसल जनरल ने मुझे बताया कि अकेले जर्मनी को हर साल भारत से ४ लाख कुशल मॅनपॉवर की आवश्यकता होगी।
उन्होंने मुझे बताया कि उनके पास नर्सों, इंजीनियरों, कारपेंटर और अन्य कुशल कर्मियों की काफी कमी है।
लोढ़ा जी, क्या हम जर्मनी और अन्य उम्रदराज देशों को एक मिशन भेज सकते हैं ?
यह एक्स्पर्ट मिशन अध्ययन करेगा कि इन देशों को किस प्रकार के कौशल की जरूरत है ।
उनके सुझाव लेकर हम हमारे ITI में उनकी आवश्यकता के अनुरूप पाठ्यक्रम तैयार कर सकते हैं।
मेरा मानना है कि भारत दुनिया को IT प्रोफेशनल, योग प्रशिक्षक, संगीत शिक्षक, डान्स शिक्षक, नर्सेस, पैरामेडिकल स्टाफ और भाषा शिक्षक भी प्रदान कर सकता है।
दोस्तो,
हमारे देश में युवा नौकरी के पीछे भागते रहते है।
दुनिया के युवा हमारे युवाओं से अलग सोचते हैं।
अन्य देशों के युवा उद्यमी बिजनेस लीडर बनने की सोचते हैं।
हमारे युवा नौकरियां पसंद करते हैं। उसमे भी उन्हे सरकारी नौकरी की बडी क्रेज होती है।
हमें इस धारणा को बदलना होगा।
हमें अपने युवाओं को उद्यमी, सेल्फ एम्प्लॉयड और धन का सृजनकर्ता बनने के लिए प्रोत्साहित करना होगा।
हमें जॉब निर्माण करनेवाले चाहिए।
माननीय प्रधान मंत्री 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र के रूप में देखना चाहते हैं।
मॅन्युफॅक्चरिंग और पर्यटन क्षेत्रों में भी रोजगार की अपार संभावनाएं हैं।
हम टुरिझम के जरिये हजारो जॉब्स का निर्माण कर सकते है। टुरिझम मिनिस्टर भी लोढा साहब ही है ।
आज की उद्योग बैठक एक उत्कृष्ट पहल है और इसे बनाए रखने की जरूरत है।
मैं इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए कौशल विभाग को बधाई देता हूं और आप सभी के भविष्य के प्रयासों के लिए ईश्वर से कामना करता हूं।
धन्यवाद
जय हिंद । जय महाराष्ट्र।।