Close

    06.11.2023 : भारत के उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड का I I T बॉम्बे का दौरा तथा छात्र, अध्यापक गण और कर्मचारियों के साथ इंटरैक्शन

    Publish Date: November 6, 2023

    भारत के उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड का I I T बॉम्बे का दौरा तथा छात्र, अध्यापक गण और कर्मचारियों के साथ इंटरैक्शन, 6 नवंबर 2023

    श्री जगदीप धनखड़ जी, भारत के माननीय उपराष्ट्रपति

    प्रोफेसर एस. सुदर्शन, उप निदेशक, IIT बॉम्बे

    प्रो. के.वी.के. राव, उप निदेशक, IIT बॉम्बे

    विभागों के प्रमुख

    फॅकल्टी मेम्बर्स

    प्रिय छात्र – छात्राओं,

    सबसे पहले, मैं देश के अति प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान, IIT बॉम्बे का दौरा करने के लिए, भारत के माननीय उपराष्ट्रपति को धन्यवाद देता हूं। उनका हार्दिक स्वागत करता हूं।

    यह एक तथ्य है कि, समाज और राष्ट्र का नेतृत्व गिने-चुने, चंद विचारशील व्यक्तियों द्वारा, किया जाता है।

    कुछ विचारशील नेता ही इतिहास की दिशा बदल देते हैं और समाज तथा राष्ट्रों में परिवर्तन लाते हैं।

    I I T बॉम्बे एक ऐसी संस्था है जो समाज के लिए ऐसे विचारशील नेताओं का निर्माण करती है, जो आगे चलकर हमारे समाज को कई मायनों में बदल देते हैं।

    मैं जब छात्र था, तब से I I T बॉम्बे का नाम बहुत आदर और सम्मान के साथ सुनता आ रहा हूं।

    कई अभिभावकों और छात्रों के लिए, I I T बॉम्बे उत्कृष्टता का मानक है।

    कई अन्य छात्रों के लिए, I I T उज्जवल शैक्षणिक प्रगति और आर्थिक समृद्धि का प्रवेश द्वार है।

    यह बेहद गर्व और संतुष्टि की बात है कि आप देश के उन चुनिंदा छात्रों में से हैं, जिन्होंने इस महान संस्थान में प्रवेश हासिल किया है, जिसे देश के शीर्ष 5 संस्थानों में स्थान दिया गया है।

    सार्वजनिक जीवन के अनेक क्षेत्रों में मैंने I I T के पूर्व छात्रों को देखा है |

    I I T के कई पूर्व छात्र विश्व के अनेक देशों में कॉर्पोरेट्स का नेतृत्व कर रहे है।

    I I T के अनेक पूर्व छात्र IAS और IPS अधिकारी के रूप में काम कर रहे है।

    आप अपने पूर्व छात्रों को स्टॉक एक्सचेंज का प्रबंधन करते हुए पाएंगे, और आप I I T के पूर्व छात्रों को ‘रामकृष्ण मिशन’ और ‘इस्कॉन’ जैसे धार्मिक – सामाजिक संगठन में भी संन्यासी के रूप में काम करते हुए पाएंगे।

    अनेक I I T पूर्व छात्र समाजसेवा में उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं।

    जहां भी वे काम कर रहे हैं, अपने सोच – विचार और कार्य से हीरे की तरह चमक रहे हैं।

    कैसे बनते है ऐसे संगठन !!

    मुझे नहीं पता कि IIT बॉम्बे की परिकल्पना किसने की, किसने इसे एक दृष्टिकोण दिया, किसने इसका खाका तैयार किया और किसने इसकी गुणवत्ता और उत्कृष्टता के लिए ब्लू प्रिंट बनाया। कोई एक व्यक्ति ऐसी संस्था खडी नहीं कर सकता !

    I I T बॉम्बे नीतिकारों, निदेशकों, फैकल्टी मेम्बर्स, कर्मचारी और छात्रों द्वारा बनाया गया देश का गौरवशाली संस्थान है।

    I I T बॉम्बे के पूर्व छात्र एक महान समुदाय हैं।

    समय-समय पर I I T के पूर्व छात्रों द्वारा अपनी मातृ संस्था को दिए गए उदार दान के बारे में पढ़ा जाता है।

    भारत एक ज्ञान शक्ति बनने की राह पर है। अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों – अर्थात् कृषि, मैन्यूफेक्चरिंग और सेवाओं में सर्वांगीण विकास हो रहा है।

    आज हमारे पास ज्ञान क्रांति में नेतृत्व करने का अवसर है। ज्ञान क्रांति वास्तव में भारत को एक विकसित राष्ट्र की ओर ले जाने की नींव है।

    आज दुनिया कई क्षेत्रों में विघटनकारी बदलाव देख रही है।

    हमें जल सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन, खाद्य सुरक्षा और ऊर्जा सुरक्षा जैसे समस्याओं का समाधान निकालने के लिए विघटनकारी परिवर्तन की आवश्यकता हैं।

    मैं चाहता हूं कि बॉम्बे I I T के छात्र इन क्षेत्रों में विघटनकारी परिवर्तन के अग्रदूत बनें।

    दोस्तो,

    बिजली का आविष्कार एक विघटनकारी परिवर्तन था।

    उसी प्रकार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस नई बिजली है।

    यह हर उद्योग को बदलने जा रहा है और स्वास्थ्य सेवा से लेकर विनिर्माण, लॉजिस्टिक्स और रिटेल क्षेत्र तक हर क्षेत्र पर इसका प्रभाव पड़ेगा।

    अभी दो दिन पहले ही, दुनिया का पहला ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सेफ्टी समिट’ लंदन में आयोजित हुआ।

    हालाँकि A I के कई सकारात्मक परिणाम हैं, लेकिन यह भविष्यवाणी की गई है कि A I मानवता के लिए अस्तित्व संबंधी खतरा भी पैदा कर सकता है।

    यह हममें से प्रत्येक को चिंतित होना चाहिए कि हम अपने लोगों, विशेषकर गरिबी की रेखा के नीचे रहने वाले लोगों की रक्षा कैसे करें और A I को भारत के लाभ के लिए कैसे मोड़ें।

    मुझे I I T बॉम्बे से और आप सभी से बहुत अपेक्षाएं हैं।

    USA और UK जाकर अच्छा पैसा कमाना जीवन का एक तरीका हो सकता है।

    लेकिन अपने ज्ञान का लाभ समाज को, देश को देना जीवन का एक बेहतर तरीका होगा।

    मैं आप सभी से देश को चुनने का आग्रह करता हूं और अपनी वाणी को विराम देता हूं।

    धन्यवाद ।
    जय हिन्द । जय महाराष्ट्र ।।