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    07.06.2023 : महाराष्ट्र के लौहपुरुष लोकनेते बालासाहेब देसाई के जीवन पर आधारित पुस्तक ‘दौलत’ का विमोचन

    Publish Date: June 7, 2023

    महाराष्ट्र के लौहपुरुष लोकनेते बालासाहेब देसाई के जीवन पर आधारित पुस्तक ‘दौलत’ का विमोचन

    श्री एकनाथ शिंदे, महाराष्ट्र के माननीय मुख्यमंत्री

    श्री राहुल नार्वेकर, अध्यक्ष, विधान सभा

    श्री शंभुराज देसाई, माननीय मंत्री, राज्य उत्पादन शुल्क और सातारा तथा ठाणे के पालक मंत्री

    ‘दौलत’ पुस्तक के सम्पादक श्री मधुकरराव भावे जी

    गणमान्य जनप्रतिनिधि

    बालासाहेब देसाई के प्रशंसक

    आमंत्रित देवियों और सज्जनों

    लोकनेता स्वर्गीय श्री दौलतराव ‘बालासाहेब’ देसाई के जीवन और अपार कार्यों पर आधारित पुस्तक ‘दौलत’ का विमोचन करना मैं एक विशेष सम्मान और सौभाग्य मानता हूँ।

    कई लोग महाराष्ट्र को देश का सबसे अमीर राज्य बताते हैं। और वास्तव में मुंबई शहर भारत की वित्तीय राजधानी है और महाराष्ट्र देश की अर्थव्यवस्था का शक्ति इंजन है।

    लेकिन अगर आप मुझसे पूछें कि महाराष्ट्र की अमीरी किसमें है, तो मैं कहूंगा कि महाराष्ट्र की अमीरी इस महाराष्ट्र की धरती से पैदा हुए सबसे महान, लोग हैं।

    इतिहास गवाह है कि महाराष्ट्र के संतों, राजाओं, समाज सुधारकों और स्वतंत्रता सेनानियों ने देश के आर्थिक और सामाजिक उत्थान में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

    हमारे राष्ट्रीय राजनीति पर जिनकी उत्कृष्ट छवि थी, ऐसे सर्वश्रेष्ठ सांसद भी महाराष्ट्र ने दिये हैं।

    बैरिस्टर नाथ पाई, मधु दंडवते, मधु लिमये, एस एम जोशी और अन्य सांसद दिये। श्री बालासाहेब देसाई, दूरदर्शी जनप्रतिनिधियों की इसी परंपरा में एक सितारा थे।

    महाराष्ट्र के असली ‘दौलत’ यही लोग हैं ऐसा मैं मानता हूं।

    बालासाहेब देसाई का योगदान महाराष्ट्र के सह्याद्री पर्वत जितना ही ऊंचा और प्रेरणादायक है।

    वास्तव में उनका नाम सुनहरे अक्षरों में लिखे जाने की आवश्यकता है क्योंकि आप जैसे लोगों ने महाराष्ट्र को बदल दिया और राज्य को देश में एक अग्रणी राज्य बना दिया।

    एक मेधावी बच्चा जो अपनी मां की करुणा और देखभाल के बिना बड़ा हुआ। कठिनाइयों के बावजूद बालासाहेब देसाई एक सफल वकील बने, सातारा स्थानीय बोर्ड के अध्यक्ष बने व पाटन से छह बार विधायक चुने गये।

    मुझे लगता है कि उन्होंने मुख्यमंत्री पद के अलावा सभी विभागों को संभाला और विधानसभा अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया।

    श्री बालासाहेब देसाई ने महाराष्ट्र के गठन के बाद शुरुआती वर्षों में महाराष्ट्र को सड़कों और पुलों के जाल से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

    महाराष्ट्र के पहले शिक्षा मंत्री के रूप में, उन्होंने गरीब छात्रों के लिए मुफ्त शिक्षा की योजना शुरू की, जिसे ईबीसी छात्रवृत्ति के रूप में आज भी जाना जाता है।

    शिवाजी विश्वविद्यालय की स्थापना में उनका महत्वपूर्ण योगदान था।

    कृषि मंत्री के रूप में, उनके कार्यकाल के दौरान, कृषि के लिए कई नवीन योजनाएं शुरू की गई।

    इसी परंपरा में, हम २०२३ में बाजरा वर्ष यानी ‘मिलेट ईयर’ मना रहे हैं।

    बाळासाहेब देसाई एक दूरदर्शी व्यक्ति थे जिन्होंने 1960 के दशक में ही मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा दिया था।

    गृह मंत्री के रूप में उन्होंने नागपुर, औरंगाबाद और कई अन्य स्थानों पर आयुक्त कार्यालय बनाए और पुलिस आवास पर ध्यान दिया।

    आम आदमी के कल्याण के लिए समर्पित व्यक्ति, गरीबों के मसीहा, श्री बालासाहेब देसाई, वास्तव में विकास महापुरुष थे।

    कोल्हापुर के लिए उनके द्वारा किए गए विशाल अच्छे कार्यों को जानकर मैं प्रभावित हुआ।

    उन्होंने कुश्ती को बड़े पैमाने पर बढ़ावा दिया।

    मुंबई के ‘शिवाजी पार्क’ और ‘गेटवे ऑफ इंडिया’ स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज के भव्य अश्वारूढ प्रतिमाओं को स्थापित करने में उन्होंने अगुवाई की थी।

    हमें बालासाहेब देसाई जैसे नेताओं को धन्यवाद देना चाहिए जिन्होंने महाराष्ट्र में एक मजबूत और जीवंत संसदीय लोकतंत्र की मजबूत नींव रखी।

    मुझे लगता है कि पाठ्यपुस्तकों में लोकनेता बालासाहेब देसाई के जीवन और कार्यों पर एक अध्याय शामिल किया जाना चाहिए।

    यह हमारे छात्रों और आने वाली पीढ़ियों को राज्य और इसके लोगों की प्रगति और विकास के लिए काम करने के लिए प्रेरित करेगा।

    लोकनेता बालासाहेब देसाई की इस उत्कृष्ट जीवनी को प्रख्यात संपादक श्री मधुकर भावे से अधिक सुंदर और कोई भी नहीं लिख सकता था।

    ‘दौलत’ पुस्तक बालासाहेब देसाई के जीवन चरित्र, उनसे जुड़े प्रसंगों और घटनाओं का एक अद्भुत संग्रह है जो एक ही श्वास में पठनीय और अनुकरणीय है।

    किताब वास्तव में बहुत ही अच्छी निकली है।

    किताब में शामिल तस्वीरें पाठक को राजनीति के सुनहरे दौर में ले जाती हैं।

    मैं श्री शंभुराज देसाई को बधाई देता हूं कि उन्होंने अपने प्रसिद्ध दादा लोकनेता स्वर्गीय श्री बालासाहेब देसाई पर इस उत्कृष्ट ग्रंथ को प्रकाशित किया और महाराष्ट्र के अपने ‘लौह पुरुष’ की स्मृति को कायम रखा।

    धन्यवाद
    जय हिंद। जय महाराष्ट्र।।