Close

    05.07.2024 : एसएनडीटी महिला विश्वविद्यालय का 109 वां स्थापना दिवस

    Publish Date: July 5, 2024
    एसएनडीटी महिला विश्वविद्यालय का 109 वां स्थापना दिवस

    एसएनडीटी महिला विश्वविद्यालय का 109 वां स्थापना दिवस। शुक्रवार, 5 जुलाई 2024

    पद्मश्री राहीबाई सोमा पोपेरे, बीज माता, प्रगतिशील किसान

    डॉ. श्रीमती उज्ज्वला चक्रदेव, कुलपति, एसएनडीटी महिला विश्वविद्यालय

    प्रोफेसर (डॉ.) रूबी ओझा, प्रो वाइस चांसलर

    डॉ. विलास नांदवडेकर, रजिस्ट्रार

    डीन, विभागाध्यक्ष, अध्यापक, कर्मचारी, छात्राएं,

    देवियों और सज्जनों…

    सबसे पहले मैं SNDT महिला विश्वविद्यालय के 109 वें स्थापना दिवस के अवसर पर आप सभी को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं।

    वर्ष 1916 में इसी दिन भारत रत्न महर्षि कर्वे ने इस महान संस्थान की नींव रखी थी।

    महर्षि कर्वे दार्शनिक व्यक्ति थे। उन्होंने महिलाओं, बाल विधवाओं और शोषितों को शिक्षा के माध्यम से सशक्त बनाने के लिये इस शिक्षा संस्थान का निर्माण किया था।

    जब महर्षी कर्वे जी ने अपना कार्य शुरू किया था, तब देश विदेशी आधिपत्य के अधीन था। भारतीय समाज अंधविश्वास और रूढ़िवादिता में डूबा हुआ था।

    वर्ष 1916 में भारत में महिला साक्षरता दर मात्र 1.81 प्रतिशत थी।

    वर्ष 2011 में यह 65.49 प्रतिशत थी।

    अनुमान है कि आज महिलाओं की साक्षरता दर लगभग 90 प्रतिशत से है।

    हमारे देश में महिला सशक्तिकरण का कार्य महात्मा फुले, सावित्रीबाई फुले, राजर्षि छत्रपति शाहू महाराज, कर्मवीर भाऊराव पाटिल, महर्षि कर्वे और अन्य दूरदर्शी व्यक्तियों द्वारा किए गए कार्यों के बिना संभव नहीं होता।

    महर्षि कर्वे की दृष्टि को परोपकारी उद्योगपति सर विट्ठलदास ठाकरसी का साथ रहा।

    विश्वविद्यालय का स्थापना दिवस दानवीर स्वर्गीय श्री ठाकरसी, विश्वविद्यालय के अन्य दानवीर लोग तथा पूर्व कुलपतियों, अधिकारियों, प्रशासकों, अध्यापकों, कर्मचारियों और अन्य लोगों के प्रति आभार व्यक्त करने का अवसर है।

    मुझे यह जानकर प्रसन्नता हो रही है कि केवल चार छात्राओं से शुरू होकर, SNDT महिला विश्वविद्यालय आज एक बड़े बरगद के पेड़ की तरह विकसित हो गया है।

    ज्ञात हुआ है कि विश्वविद्यालय से आज लगभग 69,000 छात्राएँ, 39 विभाग, 13 संस्थान और 307 संबद्ध कॉलेजोंसे शिक्षा प्राप्त कर रहे है।

    अपने गौरवशाली अस्तित्व के 108 वर्षों के दौरान, विश्वविद्यालय ने समाज, महिलाओं, परिवारों और राष्ट्र निर्माण के लिए अतुलनीय सेवा प्रदान की है।

    अपनी लंबी यात्रा में, SNDT विश्वविद्यालय ने दस लाख से अधिक छात्राओं के जीवन और करियर को आकार दिया है।

    इसलिए विश्वविद्यालय का स्थापना दिवस, न केवल मुंबई या महाराष्ट्र के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण घटना है।

    मैं पुरे विश्वविद्यालय को, कुलपति डॉ. उज्ज्वला चक्रदेव तथा आप सभी को स्थापना दिवस पर बधाई देता हूं।

    देवियों और सज्जनों

    आज हमारे बीच श्रीमती राहीबाई पोपेरे जी की उपस्थिति से मुझे अत्यंत प्रसन्नता हो रही है।

    मैं स्वयं एक किसान का बेटा हूँ। इसलिए प्रगतिशील किसान राहीबाई पोपेरे का असाधारण कार्य जानकर प्रभावित हुआ। राहीबाई ने जैविक खेती को बढावा देने के साथ, सैकड़ों देशी बीजों के संरक्षण के लिए अद्वितीय कार्य किया है।

    राहीबाई पोपेरे स्वयं कृषि के क्षेत्र में एक ‘विश्वविद्यालय’ बन चुकी हैं। मैं SNDT विश्वविद्यालय के सभी छात्रों से अपील करूँगा कि वे राहीबाई के जीवन से प्रेरणा लें और अपना रास्ता खुद बनाएँ।

    बहनों और भाईयों

    हम सभी भाग्यशाली हैं कि हम भारत की स्वतंत्रता के अमृत काल के साक्षी बन रहे हैं। आज जो छात्राएं है वे सभी भारत को विकसित देश बनते हुए देखेंगे।

    देश के इतिहास में आज हम इतिहास के सबसे लाभप्रद मोड पर खड़े हैं।

    भारत दुनिया का सबसे युवा देश बन चुका है।

    कई अन्य देशों की अर्थव्यवस्था के विपरीत, भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से बढ रही है।

    देश ने 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है।

    दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए भारत का संक्रमण महिलाओं की सभी क्षेत्रों में भागीदारी पर निर्भर करता है।

    आज स्थानीय स्वायत्त निकायों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण है और महिलाओं का उचित प्रतिनिधित्व है।

    आज महिलाएं व्यवसायों और कॉर्पोरेट बोर्डों में शीर्ष पदों पर विराजमान हैं।

    महिलाएं दुनिया के कई शीर्ष विश्वविद्यालयों का नेतृत्व कर रही हैं।

    स्कूलों और कॉलेजों में पहले से कहीं अधिक महिला प्रिंसिपल, अध्यापक और शिक्षक हैं।

    सिविल सर्विसेस, पुलिस सेवा तथा सैन्य बलों में महिलाओं का प्रतिशत लगातार बढ़ रहा है।

    वर्ष 2023 में UPSC परीक्षा पास करने वाले उम्मीदवारों में से एक तिहाई से अधिक महिला उम्मीदवार थे।

    पिछले हफ़्ते, महाराष्ट्र में पहली बार महिला मुख्य सचिव की नियुक्ती की गई।

    भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा है। महिला उद्यमी इस क्रांति में सबसे आगे हैं।

    युवा और अधिक शिक्षित महिलाएँ कार्यबल में प्रवेश कर रही हैं। परिणामस्वरूप, महिला सीए, कंपनी सचिव, वकील और अन्य प्रोफेशन्स में बडी संख्या में आ रहे हैं।

    लेकिन विकसित राष्ट्र की अपेक्षा में महिलाओं की सकल कार्यबल में भागीदारी कम है।

    महिलाओं को कौशल से लैस करके और उनके वर्तमान कौशल का उन्नयन करके श्रम बल में उनकी भागीदारी बढ़ाने की आवश्यकता है।

    मैं SNDT महिला विश्वविद्यालय से प्रत्येक महिला को उद्यमी तथा रोजगार योग्य बनाने का लक्ष्य निर्धारित करने का आह्वान करूंगा।

    मुझे यह जानकर खुशी हुई कि विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार 4 वर्षीय इंटिग्रेटेड टीचर्स ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू किया है। विश्वविद्यालय से इस कार्यक्रम के माध्यम से हमारे स्कूलों और जूनियर कॉलेजों के लिए बडी संख्या में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक तैयार करने का आह्वान करूंगा।

    हम एक ऐसी दुनिया में रहते हैं जहाँ हमें यह दिखाना होता है कि हमारे पास क्या है।

    मुंबई यह अंतर्राष्ट्रीय शहर है। इस शहर में देश विदेश से लोग आते रहते है।

    मैं SNDT महिला विश्वविद्यालय से अपनी ‘व्हिजिबिलीटी’ बढाने का आह्वान करूंगा। मैं चाहता हूं कि प्रत्येक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय गणमान्य व्यक्ति को विश्वविद्यालय का दौरा करना चाहिए।
    आज की अत्यधिक प्रतिस्पर्धी दुनिया में, उच्च शिक्षा की धारा में प्रवेश करने वाले नए छात्रों तक पहुंचना और उनसे जुड़ना भी आवश्यक है।

    इस संबंध में, भारतीय और विदेशी छात्रों के लिए एक ‘आउटरीच केंद्र’ या ‘प्रदर्शनी केंद्र’ निर्माण करने पर विश्वविद्यालय को विचार करना चाहिये।

    इस केंद्र के माध्यम से विश्वविद्यालय को अनुसंधान, खेल, गृह विज्ञान और अन्य विभागों की उपलब्धियों को प्रदर्शित करना चाहिये।

    यहां छात्राओं के लिए उपलब्ध किए जाने वाले एकाडेमिक कार्यक्रमों के बारे में भी मार्गदर्शन किया जाना चाहिये।

    हमने 2036 तक ग्रॉस एंरोलमेंट रेशो 50 प्राप्त करने का लक्ष्य रखा है।

    इस संबंध में, मैं SNDT विश्वविद्यालय से आपके क्षेत्र के स्कुलों का दौरा करने का आग्रह करूंगा।

    अपने भावी विद्यार्थियों से मिलें और उन्हें आपके कोर्सेस तथा कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों के बारे में बताएं।

    विश्वविद्यालय को अपने कार्यक्रमों को युवाओं तक पहुंचाने के लिए ‘सोशल मीडिया’ की शक्ति का भी उपयोग करना चाहिये।

    विश्वविद्यालय को विशेष दिनों पर निःशुल्क सार्वजनिक संगोष्ठी आयोजित करने चाहिए और जाने माने वक्ताओं को आमंत्रित करना चाहिए। विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित कार्याक्रमो में समाज को शामिल करने से इसकी दृश्यता बढ़ेगी।

    छात्राओं के लिए जुहू कैम्पस में एक प्रतियोगी परीक्षा केंद्र शुरू करने के लिये मै विश्वविद्यालय को बधाई देना चाहुंगा। मुझे विश्वास है कि यह केंद्र सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों में विभिन्न सेवाओं के लिए महिला अधिकारी तैयार करेगा।

    उच्च शिक्षा जितनी महत्वपूर्ण है, उतनी ही महत्वपूर्ण है उद्योग और सरकार से साझेदारी।

    हमें छात्राओं में सरकार के विभिन्न कार्यक्रमों जैसे स्टार्ट अप इंडिया, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना आदि के बारे में जागरूकता पैदा करनी होगी।

    मैं SNDT विश्वविद्यालय को दुनिया के 100 शीर्ष विश्वविद्यालयों में स्थान बनाने का लक्ष्य रखने का आह्वान करता हूँ।

    अंत में विश्वविद्यालय को उसके स्थापना दिवस के अवसर पर फिर एक बार बधाई देता हूं और आप सभी के भविष्य के प्रयासों में सफलता की कामना करता हूं।

    धन्यवाद।
    जय हिंद। जय महाराष्ट्र।।