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    04.08.2023 : राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय का शताब्दी महोत्सव

    Publish Date: August 4, 2023

    राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय का शताब्दी महोत्सव, स्थान : कविवर्य सुरेश भट सभागृह, रेशीम बाग, नागपुर, शुक्रवार दिनांक ४ ऑगस्ट २०२३ दोपहर ३.३० बजे

    भारत के माननीय उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ जी,

    श्रीमती सुदेश धनखड़

    श्री एकनाथ शिंदे, माननीय मुख्यमंत्री

    श्री नितिन गडकरी, केंद्रीय मंत्री, सड़क परिवहन और महामार्ग,

    श्री देवेंद्र फडणवीस, माननीय उपमुख्यमंत्री

    श्री अजित पवार, माननीय उपमुख्यमंत्री

    श्री चंद्रकांत दादा पाटील, मंत्री, उच्च और तकनीकी शिक्षा

    डॉ सुभाष चौधरी, कुलपती, राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय

    डॉ संजय दुधे, प्रो वाइस चांसलर

    डॉ राजू हिवसे, रजिस्ट्रार

    विश्वविद्यालय के प्रबंधन परिषद के सदस्य

    शिक्षक, स्टाफ, अभिभावक, छात्र-छात्राएं एंव मीडीयाकर्मी,

    राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय का कुलाधिपति होने के नाते विश्वविद्यालय के शताब्दी वर्ष समारोह में उपस्थित हमारे देश के उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ जी का मै यहाँ हार्दिक स्वागत करता हूँ।

    मुंबई विश्वविद्यालय के बाद, राज्य का दूसरा सबसे पुराना यह विश्वविद्यालय, अपने स्थापना के सौ वर्ष पूरे कर रहा है। इस यादगार अवसर पर मै विश्वविद्यालय परिवार का हार्दिक अभिनंदन करता हूं।

    यह विश्वविद्यालय, महाराष्ट्र के महान संत तुकडोजी महाराज के नाम से सुशोभित और प्रख्यात है। आज के इस स्मरणीय अवसर पर मै राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज की पुण्य स्मृति का अभिवादन करता हूं।

    नागपुर विश्वविद्यालय ने देश को शीर्ष न्यायविद, वकील, सांसद, सामाजिक कार्यकर्ता और जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में उन्नत लोग दिए हैं।

    इस विख्यात विश्वविद्यालय ने देश को पूर्व प्रधानमंत्री पी. वी. नरसिम्हा राव दिया है। पूर्व उपराष्ट्रपति जस्टिस एम हिदायतुल्ला, सर्वोच्च न्यायालय के भूतपूर्व प्रधान न्यायाधीश जस्टिस शरद बोबडे, पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित, केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी, उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, पूर्व राज्यमंत्री तथा सांसद डॉ. श्रीकांत जिचकार, हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायक पंडित उल्हास कशालकर, पूर्व मंत्री एन के पी सालवे, कवि सुरेश भट, कवी ग्रेस जैसे कई दिग्गज इस भूमि ने दिए हैं।

    विश्वविद्यालय के अनेक पूर्व छात्रों ने विभिन्न क्षेत्रों में देश विदेश में असाधारण योगदान दिया है। विश्वविद्यालय अपनी महान परंपरा आगे भी बरकरार रखेगा ऐसा मुझे विश्वास है।

    राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय, विभिन्न विभागों में उत्कृष्टता के लिए जाना जाता है। विश्वविद्यालय का विधि विभाग, फार्मेसी विभाग, पत्रकारिता विभाग, उत्कृष्टता के कुछ सबसे प्रसिद्ध केंद्र हैं।

    मैं कामना और आशा करता हूं कि विश्वविद्यालय अपने विभिन्न विभागों और महाविद्यालयों को उत्कृष्टता केंद्रों में रूपांतरित करेगा।

    एक समय था जब युवाओं के कैरियर के विकल्प सीमित थे। आम तौर पर स्नातक शिक्षक, डॉक्टर, इंजीनियर बनते थे।

    हमारे उपराष्ट्रपती जी एक स्वयं एक प्रसिद्ध संवैधानिक वकील रहे हैं जिन्होंने उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय में वकालत की है।

    उन दिनों नौकरियाँ सुरक्षित थीं। एक बार लोग नौकरी करने लग जाते, तो वे आम तौर पर उसी संगठन से सेवानिवृत्त हो जाते थे। लोग सरकारी नौकरी को सबसे सुरक्षित नौकरी मानते थे।

    आज हमारे समाज में बहुत परिवर्तन आ रहा है। हम एक चुनौतीपूर्ण समाज की ओर बढ़ रहे हैं।

    सरकारी नौकरियां कम हो रही हैं, लेकिन प्राइवेट सेक्टर में नौकरियां बढ रही हैं। एक और परिवर्तन आया है, आपके परफॉर्मन्स का मूल्यांकन सालाना नहीं बल्कि महिने के और यहां तक कि केस टू केस किया जाता है।

    पहले हम इतने वर्षों तक जिस शिक्षा नीति का पालन करते थे, वह मोटे रूप से ब्रिटिश शासकों द्वारा हमें नौकर बनाए रखने के लिए बनाई गई थी।

    प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की दूरदर्शिता और नेतृत्व की वजह से, हमारे देश में पहली बार एक ऐसी शिक्षा नीति पेश की गयी है जो उद्यमिता, नवाचार, अनुसंधान, रचनात्मक सोच और महत्वपूर्ण चिंतन पर जोर देती है।

    आप जिस नये समाज में कदम रख रहे हैं वह एक उद्यमशील समाज है। इसका मतलब यह नहीं है कि हर कोई उद्यमी है। लेकिन इसका मतलब यह है कि आप जहां भी खड़े हों या नौकरी करते हो, आपको उद्यमशीलता की भावना से काम करना होगा। आपको एक टीम लीडर और एक प्रवर्तक बनना होगा।

    आप भाग्यशाली है… नवाचार और स्टार्टअप के प्रवर्तक श्री नितीन गडकरी जी स्वयं आपके सम्मुख विराजमान है। उद्यमिता विकास की कुंजी है। दुनिया का सबसे बडा युवा जनसंख्या वाला देश होने के नाते, अवसर हमारे दरवाजे पर दस्तक दे रहे हैं।

    कई देश कुशल मानव संसाधन की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आज भारत की ओर देख रहे हैं।

    जर्मनी, इटली, जापान जैसे देश और उम्रदराज़ जनसंख्या वाले कई अन्य देश उम्मीद कर रहे हैं कि भारत जैसा युवा देश इस अवसर पर आगे आएगा और कुशल नौकरियों की उनकी आवश्यकताओं को पूरा करेगा। इसी सप्ताह जापान के प्रधानमंत्री ने उनके गिरते जन्म दर पर गहन चिंता जताई है।

    आज समय आ गया है जब पूरी दुनिया हमारा कार्यस्थल बने। प्रत्येक युवा कम से कम विश्व की एक भाषा सीखे। अपने आप को केवल नागपूर, मुंबई या महाराष्ट्र तक ही सीमित न रखें। भारत के किसी भी राज्य और दुनिया के किसी भी छोर तक जाने के लिये तैयार हो जाइए।

    एक समय था जब चीन, जापान, श्रीलंका से लेकर अनेक देशों से लोग भारत में अध्ययन करने आते थे। आज हम पूरी दुनिया के लिए उत्कृष्ट शिक्षक निर्माण कर सकते है।

    हमारे पास जनशक्ति और प्रतिभा है। हमें शिक्षक प्रशिक्षण क्षेत्र में और अधिक छात्रों को आकर्षित करके विश्व के लिये अधिक शिक्षक तैयार करने चाहिए।

    भारत ने दुनिया को योग से परिचित कराया। लेकिन चीन दुनिया के लिए योगा मैट और अन्य सामान तैयार करता है। मेरा मानना है कि योग के प्रसार के साथ-साथ भारत को दुनिया में सर्वश्रेष्ठ योग शिक्षक निर्माणकर्ता भी बनना चाहिए।

    दुनिया भर के विश्वविद्यालय छात्रों को आकर्षित करने के लिए प्रयास कर रहे हैं। हाल ही में अमेरिका के मिसौरी के सेंट लुईस विश्वविद्यालय के प्रोवोस्ट ने मुझसे मुलाकात की। यह एक निजी विश्वविद्यालय है। मुंबई के अंजुमन इस्लाम संस्थान ने अमेरिका के एमआईटी के साथ साझेदारी की है।

    राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण को बढ़ावा देती है। विश्वविद्यालय विभागों को सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों के साथ साझेदारी करनी चाहिए और छात्रों को सर्वोत्तम सीखने का अनुभव देना चाहिए।

    ऑक्सफोर्ड, कैंब्रिज और हार्वर्ड जैसे विश्वविद्यालयों की महानता उनकी सर्वोत्तम परंपराओं को बनाए रखने की क्षमता में निहित है। उनकी सफलता ऐसे पाठ्यक्रमों की पेशकश करने में निहित है जो समय से आगे हैं। उनकी सफलता अपने स्नातकों में आलोचनात्मक सोच और नेतृत्व गुणों को विकसित करने में हैं। यह वही परिवर्तन है जिसकी हमें आवश्यकता है और हम चाहते हैं।

    आज के युवा, विश्वविद्यालय चुनने में बहुत चयनात्मक होते हैं। वे जाँचते हैं कि फैकल्टी मेंबर्स कौन हैं।

    कुछ महान वैज्ञानिक, अर्थशास्त्री, लेखक, इतिहासकार और नोबेल पुरस्कार विजेता भी महान विश्वविद्यालयों से जुड़े हुए हैं।

    हमें देश के महानतम उद्योगपतियों, गायकों, कलाकारों, व्यापारिक नेताओं को विश्वविद्यालय में आमंत्रित करना चाहिए और विश्वविद्यालय के मार्गदर्शन में उन्हें शामिल करना चाहिए।

    समय आ गया है कि हमारे स्नातक भारत को फिर से महान बनाने के लिए उद्यमी, धन के निर्माता और स्टार्टअप के निर्माता बनें।

    प्रशासन सुधार पर हमारे सभी विश्वविद्यालयों को बहुत ध्यान देना चाहिये। विश्वविद्यालयों को छात्रों की जरूरतों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए। मैं विश्वविद्यालय से छात्र-केंद्रित होने का आग्रह करता हूं।

    विश्वविद्यालय के शताब्दी के पावन अवसर पर, मै राष्ट्र संत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय को राष्ट्र के लिए समर्पित सेवाओं के लिए बधाई देता हूं और उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूं।

    जय हिन्द। जय महाराष्ट्र ।।