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    02.12.2023 : राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय का शताब्दी महोत्सव तथा 111 वा दीक्षांत समारोह

    Publish Date: December 2, 2023

    राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय का शताब्दी महोत्सव तथा 111 वा दीक्षांत समारोह। स्थान : कविवर्य सुरेश भट सभागृह, रेशीम बाग, नागपुर। शनिवार 2 दिसंबर 2023

    माननीय राष्ट्रपति महोदया श्रीमती द्रौपदी मूर्मू जी,

    श्री एकनाथ शिंदे, माननीय मुख्यमंत्री

    श्री नितिन गडकरी, केंद्रीय मंत्री, सड़क परिवहन और महामार्ग,

    श्री देवेंद्र फडणवीस, माननीय उपमुख्यमंत्री

    श्री चंद्रकांत दादा पाटील, मंत्री, उच्च और तकनीकी शिक्षा

    डॉ सुभाष चौधरी, कुलपती, राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय

    डॉ संजय दुधे, प्रो वाइस चांसलर

    डॉ राजू हिवसे, रजिस्ट्रार

    विश्वविद्यालय के प्रबंधन परिषद के सदस्य

    शिक्षक, स्टाफ, अभिभावक,

    आज डिग्री हासिल कर रहे सभी स्नातक छात्र-छात्राएं

    मीडीयाकर्मी,

    राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय का कुलाधिपति होने के नाते विश्वविद्यालय के शताब्दी वर्ष समारोह तथा 111 वे दीक्षांत समारोह में विशेष रूप से उपस्थित, राष्ट्रपति महोदया श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी का मै हार्दिक स्वागत करता हूँ।

    मुंबई विश्वविद्यालय के बाद, राज्य का दूसरा सबसे पुराना यह विश्वविद्यालय, अपने स्थापना के सौ वर्ष पूरे कर रहा है। इस यादगार अवसर पर मै विश्वविद्यालय परिवार का तथा आज के दीक्षांत समारोह में डिग्री हासिल कर रहे सभी स्नातकों का हार्दिक अभिनंदन करता हूं।

    मुझे बेहद खुशी है कि विश्वविद्यालय से स्नातक करने वाली छात्राओं की संख्या हर साल बढ़ रही है। अधिक छात्राओं को स्वर्ण पदक और अन्य शीर्ष सम्मान जीतते देखकर मेरा दिल गर्व से भर जाता है।

    यह विश्वविद्यालय, महाराष्ट्र के महान संत तुकडोजी महाराज के नाम से सुशोभित और प्रख्यात है। भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद संत तुकाडोजी महाराज के ग्रामीण परिवर्तन के कार्यों से इतने प्रभावित हुए थे, कि उन्होंने उन्हें ‘राष्ट्र संत’ की उपाधि से सम्मानित किया था।

    आज के इस स्मरणीय अवसर पर मै राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज की पुण्य स्मृति का अभिवादन करता हूं।

    नागपुर विश्वविद्यालय ने देश को शीर्ष न्यायविद, वकील, सांसद, सामाजिक कार्यकर्ता और जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में उन्नत लोग दिए हैं।

    इस विख्यात विश्वविद्यालय ने देश को पूर्व प्रधानमंत्री पी. वी. नरसिम्हा राव दिया है। पूर्व उपराष्ट्रपति जस्टिस एम हिदायतुल्ला, सर्वोच्च न्यायालय के भूतपूर्व प्रधान न्यायाधीश जस्टिस शरद बोबडे, पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित, केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी, उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, पूर्व राज्यमंत्री तथा सांसद डॉ. श्रीकांत जिचकार, हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायक पंडित उल्हास कशालकर, पूर्व मंत्री एन के पी सालवे, कवि सुरेश भट, कवी ग्रेस जैसे कई दिग्गज दिए हैं।

    राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय, विभिन्न विभागों में उत्कृष्टता के लिए जाना जाता है।

    मैं कामना और आशा करता हूं कि विश्वविद्यालय अपने विभिन्न विभागों और महाविद्यालयों को उत्कृष्टता केंद्रों में रूपांतरित करेगा।

    आज महाराष्ट्र में 4-5 कॉलेजों को मिलकर बने समूह विश्वविद्यालयों को बढावा दिया जा रहा है।

    बेहतर शैक्षणिक मानक और प्रशासन के लिए क्लस्टर विश्वविद्यालय निश्चित ही उपयुक्त सिद्ध होंगे।

    एक समय था जब युवाओं के कैरियर के विकल्प सीमित थे। आम तौर पर स्नातक शिक्षक, डॉक्टर, इंजीनियर बनते थे।

    आज हमारे समाज में बहुत परिवर्तन आ रहा है। हम एक चुनौतीपूर्ण समाज की ओर बढ़ रहे हैं।

    सरकारी नौकरियां कम हो रही हैं, लेकिन प्राइवेट सेक्टर में नौकरियां बढ रही हैं। एक और परिवर्तन आया है, आपके परफॉर्मन्स का मूल्यांकन सालाना नहीं बल्कि महिने के और यहां तक कि केस टू केस किया जाता है।

    पहले हम इतने वर्षों तक जिस शिक्षा नीति का पालन करते थे, वह मोटे रूप से ब्रिटिश शासकों द्वारा हमें नौकर बनाए रखने के लिए बनाई गई थी।

    प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की दूरदर्शिता और नेतृत्व की वजह से, हमारे देश में पहली बार एक ऐसी शिक्षा नीति पेश की गयी है जो उद्यमिता, नवाचार, अनुसंधान, रचनात्मक सोच और महत्वपूर्ण चिंतन पर जोर देती है।

    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के आगमन से शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और सेवाओं के क्षेत्र में बदलाव आने वाला है। विश्वविद्यालय के लिए यह उपयोगी होगा कि वह अपने छात्रों को एआई से उत्पन्न अवसरों और खतरों से अवगत कराए।

    आज विश्व के अनेक देश कुशल मानव संसाधन की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आज भारत की ओर देख रहे हैं।

    जर्मनी, इटली, जापान, इस्रायल जैसे देश और उम्रदराज़ जनसंख्या वाले कई अन्य देश उम्मीद कर रहे हैं कि भारत जैसा युवा देश इस अवसर पर आगे आएगा और कुशल मानव संसाधन की उनकी आवश्यकताओं को पूरा करेगा।

    आज समय आ गया है जब पूरी दुनिया हमारा कार्यस्थल बने। प्रत्येक युवा कम से कम विश्व की एक भाषा सीखे। अपने आप को केवल नागपूर, मुंबई या महाराष्ट्र तक ही सीमित न रखें। भारत के किसी भी राज्य और दुनिया के किसी भी छोर तक जाने के लिये तैयार हो जाइए।

    एक समय था जब चीन, जापान, श्रीलंका से लेकर अनेक देशों से लोग भारत में अध्ययन करने आते थे। आज हम पूरी दुनिया के लिए उत्कृष्ट शिक्षक निर्माण कर सकते है।

    हमारे पास जनशक्ति और प्रतिभा है। हमें शिक्षक प्रशिक्षण क्षेत्र में और अधिक छात्रों को आकर्षित करके विश्व के लिये अधिक शिक्षक तैयार करने चाहिए।

    भारत ने दुनिया को योग से परिचित कराया। दो दिन पहले ही राष्ट्रपति महोदया ने कैवल्यधाम योग संस्थान की शताब्दी का उद्घाटन किया | मेरा मानना है कि योग के प्रसार के साथ-साथ भारत को दुनिया में सर्वश्रेष्ठ योग शिक्षक निर्माणकर्ता भी बनना चाहिए।

    राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण को बढ़ावा देती है।

    ऑक्सफोर्ड, कैंब्रिज और हार्वर्ड जैसे विश्वविद्यालयों की महानता उनकी सर्वोत्तम परंपराओं को बनाए रखने की क्षमता में निहित है। उनकी सफलता अपने स्नातकों में आलोचनात्मक सोच और नेतृत्व गुणों को विकसित करने में हैं। यह वही परिवर्तन है जिसकी हमें आवश्यकता है और हम चाहते हैं।

    पूर्व छात्र विश्वविद्यालय के सबसे सशक्त समर्थक होते है। विश्वविद्यालय की प्रगति मे वे अहम भूमिका निभा सकते है।

    पूर्व छात्रो के अलावा, हमें देश के महानतम उद्योगपतियों, गायकों, कलाकारों, व्यापारिक नेताओं को विश्वविद्यालय में आमंत्रित करना चाहिए और विश्वविद्यालय के मार्गदर्शन में उन्हें शामिल करना चाहिए।

    प्रशासन सुधार पर हमारे सभी विश्वविद्यालयों को बहुत ध्यान देना चाहिये। विश्वविद्यालयों को छात्रों की जरूरतों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए। मैं विश्वविद्यालय से छात्र-केंद्रित होने का आग्रह करता हूं।

    विश्वविद्यालय के शताब्दी तथा दीक्षांत समारोह के अवसर पर, मै राष्ट्र संत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय को राष्ट्र के लिए समर्पित सेवाओं के लिए बधाई देता हूं और सभी स्नातको के उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूं।

    जय हिन्द। जय महाराष्ट्र।।