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    02.09.2023 : ‘सिंघानिया शिक्षा उत्कृष्टता पुरस्कार’, राजभवन, मुंबई

    Publish Date: September 2, 2023

    ‘सिंघानिया शिक्षा उत्कृष्टता पुरस्कार’, राजभवन, मुंबई

    श्री दीपक केसरकर, शिक्षा मंत्री

    डॉ. रेवती श्रीनिवासन, निदेशक, सिंघानिया ग्रुप ऑफ स्कूल्स और प्रिंसिपल, श्रीमती सुलोचनादेवी सिंघानिया स्कूल

    डॉ. ब्रिजेश कारिया, सीओओ, सिंघानिया एजुकेशन

    श्री एस. एल. पोखरना, डायरेक्टर – रेमंड

    विभिन्न स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों के अध्यक्ष, संस्थापक, CEO, डिरेक्टर्स, प्रिन्सिपल्स और ट्रस्टी

    देवियों और सज्जनों

    मैं सभी प्राचार्यों और शिक्षण संस्थानों के प्रमुखों का राजभवन में हार्दिक स्वागत करता हूं।

    मैं वर्ष 2023 के सिंघानिया शिक्षा उत्कृष्टता पुरस्कार प्राप्तकर्ता सभी शिक्षा संस्थाओं को बधाई देता हूं।

    मुझे बेहद खुशी है कि मुंबई और आसपास के सभी शीर्ष स्कूलों के प्रिंसिपल, संस्थापक, ट्रस्टी इस हॉल में मौजूद हैं। आपकी उपस्थिति ने इस हॉल का ‘इंटलेक्चुअल कोशंट’ एकदम से बढ़ा दिया है।

    आप सभी विद्यादान, ज्ञान दान और संस्कार दान के माध्यम से सशक्त भारत की नई पीढ़ी को ढालने और निखारने का कार्य कर रहे हैं। समूचे समाज का बौद्धिक स्तर, वैचारिक स्तर और देश का आर्थिक स्तर उन्नत करने के लिये मै आपकी भूमिका की प्रशंसा करता हूं।

    प्रिय शिक्षकों,

    ‘चन्द्रयान-3 मिशन’ को सफलतापूर्वक पूरा करने की शानदार उपलब्धि की पृष्ठभूमि में आज हम मिल रहे हैं।

    भारत, अब चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला, पहला देश बन गया है, जो हमारे लिए अत्याधिक गर्व की बात है।

    चन्द्रमा मिशन के बाद भारत आज ही अपना सोलर मिशन लॉन्च कर रहा है और आदित्य एल-1 को श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया जाना तय हुआ है।

    खेल के क्षेत्र में, ओलंपियन नीरज चोपड़ा ने बुडापेस्ट में आयोजित विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीता।

    ये तीन घटनाएं बताती हैं कि भारत वास्तव में वैश्विक मंच पर आ गया है। भारत के माननीय प्रधान मंत्री जी ने कहा है कि भारत निकट भविष्य में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।

    हमारी तेजी से बदलती दुनिया में, शिक्षा प्रगति की आधारशिला है। भारत के पास ये ताकत पहलेसे ही है।

    प्रसिद्ध अमरिकी लेखक मार्क ट्वेन लिखते है : “भारत मानव जाति का उद्गम स्थल है, मानव संवाद का जन्म स्थान है, इतिहास की जननी है, किंवदंती की दादी, और परंपरा की परदादी है। हमारी सबसे मूल्यवान और सबसे शिक्षाप्रद सामग्री मनुष्य के इतिहास में केवल भारत में ही संजोकर रखा गया है।”

    इसी तथ्य के मद्देनजर, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति २०२० ने हमारी शिक्षा प्रणाली के लिए एक परिवर्तनकारी दृष्टिकोण सामने रखा है, जिसमें समग्र शिक्षा, आलोचनात्मक सोच और प्रौद्योगिकी के एकीकरण पर जोर दिया गया है।

    भारत में वस्त्रोद्योग, आभूषण से लेकर स्वास्थ्य देखभाल, रियल एस्टेट आदि विभिन्न क्षेत्रों में उद्यमियों की बड़ी संख्या है।

    जैसे-जैसे हम आजादी के अमृत काल में कदम रख रहे हैं, हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि ये आकांक्षाएं देश भर में हमारे युवाओं तक पहुंचे।

    K-12 शिक्षा इन आकांक्षाओं को पोषित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।सच्ची प्रगति तब होगी जब गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तथा कौशल देश के कोने-कोने तक पहुंचेगे।

    आज स्कूल शिक्षा कई तरीकों में से एक हैं जिनके द्वारा छात्र ज्ञान प्राप्त कर रहे हैं। आज छात्रों के लिये, ऑनलाइन लर्निंग, वर्चुअल रियलिटी, ऑगमेंटेड रियलिटी, ऑडियो बुक्स, ई-बुक्स जैसे अवसर उपलब्ध हैं। इन माध्यमों ने लर्निंग प्रक्रिया को रोचक, आकर्षक और आनंददायक बना दिया है।

    प्रौद्योगिकी की बात करें तो, हम AI और मशीन लर्निंग के आगमन के साथ एक नए युग की शुरुआत देख रहे हैं।

    मैं शिक्षकों से अपील करता हूं कि वे छात्रों को एआई और मशीन लर्निंग के फायदे और नुकसान से परिचित कराएं। इससे हमारे छात्रों को आगे रहने में मदद मिलेगी। सिंघानिया एजुकेशन इस विषय पर सभी शिक्षक और प्रचार्यो के लिये हर स्कूल में एक सेशन आयोजित करे ऐसा आह्वान करता हूँ।

    जैसे-जैसे हम भविष्य की ओर देखते हैं, हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती हमारे पर्यावरण का संरक्षण है।

    प्रकृति का नाजुक संतुलन एक चौराहे पर है, और यह जरूरी है कि हमारी युवा पीढ़ी हमारे ग्रह को संरक्षित करने का बीड़ा उठाए। इस प्रयास में आपको एक आवश्यक भूमिका निभानी है।

    प्लास्टिक का उपयोग कम करना, जल संरक्षण और पेड़ लगाना जैसे सरल कार्य आप सभी कर सकते हैं। सामूहिक रूप से यह कार्य एक महत्वपूर्ण प्रभाव पैदा करते हैं।

    मेरा आप सभी से आग्रह होगा आप छात्र-छात्राओं में कोई न कोई हॉबी या शौक को प्रोत्साहन दे।

    हॉबी केवल अवकाश गतिविधियाँ नहीं हैं; वह तनाव मुक्त होने का, और एक सर्वांगीण व्यक्तित्व विकसित करने का, साधन हैं।

    चाहे वह पेंटिंग हो, संगीत हो, खेल हो, या कोई अन्य हॉबी हो, ये गतिविधियाँ तनाव के लिए एक आवश्यक आउटलेट और छिपी हुई प्रतिभाओं को खोजने का एक तरीका प्रदान करती हैं।

    जब भी मुझे थोडा बहुत समय मिलता है, तब मैं स्वयं वूड कार्व्हिंग करता हूं। मै मानता हूं कि मै एक बहुत ही साधारण कलाकार हूं।

    मैं आपसे छात्रों के बीच भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने का भी आह्वान करूंगा। दरअसल नई शिक्षा नीति छात्रों को उनकी मातृभाषा में शिक्षा देने पर जोर देती है।

    विद्यार्थियों को अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन आदी विभिन्न भाषाएं अवश्य सीखनी चाहिए। लेकिन उन्हें अपनी मातृभाषा और हमारी राष्ट्रीय भाषा में बोलने के लिए भी सक्रिय रूप से प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

    हम जब स्कूल में थे, तब हमारे हर शिक्षक हमारे माता-पिता और हमारी सामाजिक आर्थिक पृष्ठभूमि को भली भान्ति जानते थे। वे प्रत्येक छात्र के जीवन के सुख-दुःख को जानते थे।

    मैं सभी शिक्षकों से, छात्रों के साथ मित्रता का मजबूत बंधन विकसित करने की अपील करूंगा।

    हमें अपने बच्चों को हर तरह के व्यसनों से बचाना होगा। हमें अपने बच्चों को डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से होने वाले यौन शोषण और आर्थिक शोषण से बचाने के लिए बहुत सचेत रहना होगा।

    आप निश्चित रूप से हमारे स्कूलों और कॉलेजों को सुरक्षित बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

    मुझे विश्वास है कि आप सभी के सहयोग से भारत 2047 तक एक विकसित राष्ट्र होगा।

    आज के सभी पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं को एक बार फिर बधाई देता हूं, और आपके समृद्ध भविष्य के लिए हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं।

    मैं इस समारोह के आयोजन के लिए सिंघानिया एजुकेशन को धन्यवाद और बधाई देना चाहता हूं। मैं उन्हें उनके टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म, ‘क्वेस्ट प्लस’ और ‘स्पेक्ट्रम एजुकेशनल प्रोग्राम’ के लॉन्च के लिए शुभकामनाएं देता हूं।

    धन्यवाद।
    जय हिन्द। जय महाराष्ट्र।।