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    24.07.2024 : ‘इन्कम टॅक्स दिवस’ की १६५ वीं वर्षगांठ

    Publish Date: July 24, 2024
    ‘इन्कम टॅक्स दिवस’ की १६५ वीं वर्षगांठ

    ‘इन्कम टॅक्स दिवस’ की १६५ वीं वर्षगांठ। दिनांक २४ जुलै २०२४

    श्री राज टंडन, प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त, मुंबई

    श्रीमती जहानजेब अख्तर, प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त (NaFAC),

    सुश्री राधिका गुप्ता, CEO, एडलवाइस म्युचुअल फंड

    करदाता व्यापारी संस्था के प्रतिनिधि

    आज सम्मानित हुए ऐसे निजी करदाता

    आयकर विभाग के अधिकारी गण

    बहनों और भाइयों

    आज ‘आयकर दिवस’ के अवसर पर यहां उपस्थित, आयकर विभाग के सभी अधिकारियों, कर्मचारियों तथा कर दाताओं का मै हार्दिक अभिनंदन करता हूं और उन्हे बधाई देता हूं।

    यह दिन हमारे देश की समृद्धि और विकास में आयकर के महत्व को रेखांकित करता है।

    राजस्व वह ऊर्जा है जो देश को चलाने के लिए ईंधन देती है। राजस्व शासन का मूल आधार है।

    राष्ट्र निर्माण में हमारे देश के वित्तीय हित को संरक्षित रखने में आयकर के उल्लेखनीय योगदान की ओर अक्सर हमारा ध्यान नहीं जाता है।

    शिक्षा, स्वास्थ्य, कौशल विकास जैसी अत्‍यावश्‍यक जनसेवाओं, आधारभूत सुविधाओं के साथ-साथ सामाजिक समानता को बढ़ावा देने में आयकर विभाग का योगदान असाधारण रहा है।

    कर देना केवल एक वित्तीय व्यवहार नहीं है, बल्कि यह एक मजबूत और समृद्ध देश के निर्माण में योगदान देने की हर किसी की जिम्मेदारी का भी प्रतीक है।

    पिछले १० वर्षों के दौरान भारत सरकार ने देश में आयकर को बहुत अधिक सरल बनाने के प्रयास किए गए हैं। साथ ही टैक्स बेस व्यापक करने का भी प्रयास किया गया है।

    डिजिटलीकरण और नवीनतम तकनीकों ने कर प्रशासकों के लिए अपने दैनिक कार्यों में अधिक दक्षता लाने के नए अवसर खोले हैं।

    कर अधिकारी अब कर प्रशासन में सुधार, कर चोरी को कम करने और करदाता अनुपालन को सुविधाजनक बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और एडवांस एनालिटिक्स जैसी नई तकनीकों का लाभ उठा रहे हैं। इसलिए, आप में से प्रत्येक के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों का सर्वोत्तम उपयोग करना आवश्यक है।

    नागरिक-केंद्रित कर सेवाएं कर प्रशासन में लोगों का विश्वास बढ़ाती हैं। मैं इस बात की सराहना करता हूं कि आयकर विभाग कई पहलों के माध्यम से लोगों की मानसिकता को बदलने की दिशा में काम किया जा रहा है।

    आधुनिक कर प्रशासन की यह विशेषता है कि करदाताओं को कम से कम असुविधा का सामना करना पड़े।

    ‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम नियमन’ के उद्देश्य को पूरा करने के लिए सरकार ने निर्धारण और अपील की फेसलेस प्रक्रियाओं की शुरुआत के साथ कर-प्रणाली में एक आदर्श परिवर्तन किया है।

    अब करदाताओं को कर कार्यालयों में व्यक्तिगत रूप से जाने और अधिकारी से बातचीत करने की आवश्यकता नहीं है।

    सरकार का एक अन्य उद्देश्य कर लिटिगेशन विवाद को कम करना है। इस दिशा में कर विवाद को कम करने के उद्देश्य से कई उपाय किए जा रहे हैं, जो वाकई सराहनीय है।

    इस विश्वास-आधारित कराधान प्रणाली के परिणामस्वरूप कर-संग्रह में सुधार हुआ है और रिटर्न दाखिल करने की संख्या में भी वृद्धि हुई है।

    वर्ष 2013-14 में आयकर रिटर्न की कुल संख्या केवल 3.8 करोड़ थी।

    वर्ष 2022-23 में यह संख्या बढ़कर 7.78 करोड़ हो गई है।

    अकेले मुंबई क्षेत्र के लिए, दाखिल किए गए कुल रिटर्न की संख्या 38 लाख है।

    यह हमारे लिए बहुत गर्व की बात है कि पूरे देश के कुल इनकम कलेक्शन में अकेले मुंबई क्षेत्र का योगदान एक तिहाई से अधिक है।

    मुझे यह जानकर खुशी हुई कि देश का इनकम टैक्स कलेक्शन 19.58 लाख करोड़ रुपये है। जिसमे मुंबई क्षेत्र का कलेक्शन 6.56 लाख करोड़ रुपये है।

    राजस्व संग्रह में वृद्धि के परिणामस्वरूप महत्वपूर्ण क्षेत्रों में उच्च निवेश भी होगा, जिससे सरकार के “आत्मनिर्भर भारत” के दृष्टिकोण को साकार करने में भी सहयोग मिलेगा।

    भारत सरकार ने ५ ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के साथ विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य रखा है।

    महाराष्ट्र सरकार ने भी अपने सामने १ ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का संकल्प किया है।

    सरकार द्वारा की गई अग्रणी पहलों के कारण, वैश्विक महामारी, यूक्रेन में युद्ध के कारण उत्पन्न व्यवधान और मुद्रा दबाव जैसे कई अप्रत्याशित कारकों के बावजूद, हमारे देश ने अन्य अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में कहीं बेहतर प्रदर्शन किया है।

    भारत को निवेशकों के लिए आकर्षक गंतव्य बनाने में आयकर विभाग और कर प्रशासकों को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी।

    कर-साक्षरता और जागरूकता फैलाने के महत्व का उल्लेख किया जाना भी आवश्यक है।

    टैक्स रिटर्न दाखिल करना एक संस्कार होना चाहिए। स्कूल और कॉलेज में छात्रों के लिए साल में कम से कम एक सेशन होना चाहिए जहां उन्हें सिखाया जाए कि ऑनलाइन टैक्स रिटर्न कैसे दाखिल किया जाए। इसके लाभ क्या है और न करने से नुकसान क्या है।

    मैं पुन: ‘आयकर दिवस’ के अवसर पर, आयकर विभाग के सभी अधिकारियों / कर्मचारियों के साथ-साथ करदाताओं को हार्दिक बधाई देता हूं। आज सम्मानित सभी व्यक्तिगत तथा संस्थात्मक करदाताओं का भी अभिनंदन करता हूं।

    जय हिंद। जय महाराष्ट्र।।